World Malaria Day 2022: 5 तरह का होता है मलेरिया बुखार, जानें इसके लक्षण

मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है। जो फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का जीवाणु पाया जाता है जिसे डॉक्टरी भाषा में प्लाज्मोडियम नाम से जाना जाता है। मलेरिया फैलाने वाली इस मादा मच्छर में जीवाणु की 5 जातियां होती हैं। मलेरिया होने पर मरीज को अक्सर ठंड लगती है। इसमें तेज बुखार चढ़ता है। मरीज को बहुत ज्यादा पसीना आता है। इसके अलावा, सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, पेट दर्द, डायरिया, एनीमिया और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है। मलेरिया के कुछ मरीजों के शरीर में ऐंठन, कोमा या मल में खून आने की समस्या भी देखी जाती है। इस खतरनाक इंफेक्शन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया डे (World Malaria Day 2022) मनाया जाता है।

मलेरिया के लक्षण संक्रमित मच्छरों के काटने के सात दिनों बाद से विकसित हो सकते हैं। आमतौर पर आपको किस परजीवी ने काटा है, उसके आधार पर संक्रमण होने से लक्षण शुरू होने के बीच का समय 7 से 18 दिन होता है। कुछ प्रकार के मलेरिया में बुखार 48 घंटे के चक्र में होता है। इन चक्रों के दौरान आपको कपकपी के साथ पहले ठंड लगती है। फिर पसीना और थकान के साथ आपको बुखार आता है। ये लक्षण आम तौर पर 6 से 12 घंटे के बीच रहते हैं।

मलेरिया परजीवी के मुख पांच प्रकार हैं...

प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum)


यह मुख्य रूप से अफ्रीका में पाया जाता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति एकदम बेसुध हो जाता है। उसे पता ही नहीं होता कि वो बेहोशी में क्या बोल रहा है। रोगी को बहुत ठंड लगने के साथ उसके सिर में भी दर्द बना रहता है। लगातार उल्टियां होने से इस बुखार में व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

प्लाज्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax)

यह मुख्य रूप से एशिया और दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है। ज्यादातर लोग इस तरह के मलेरिया बुखार से पीड़ित होते हैं। विवैक्स परजीवी ज्यादातर दिन के समय काटता है। यह मच्छर बिनाइन टर्शियन मलेरिया पैदा करता है जो हर तीसरे दिन अर्थात 48 घंटों के बाद अपना असर दिखाना शुरू करता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को कमर दर्द, सिर दर्द, हाथों में दर्द, पैरों में दर्द, भूख ना लगने के साथ तेज बुखार भी बना रहता है।

प्लाज्मोडियम ओवेल मलेरिया (Plasmodium ovale)

यह परजीवी काफी असामान्य है और आमतौर पर पश्चिम अफ्रीका में पाया जाता है। यह मलेरिया लक्षणों के उत्पादन के बिना कई वर्षों तक आपके लिवर में रह सकता है। इस तरह का मलेरिया बिनाइन टर्शियन मलेरिया उत्पन्न करता है।

प्लास्मोडियम मलेरिया (Plasmodium malariae)

प्लास्मोडियम मलेरिया एक प्रकार का प्रोटोजोआ है, जो बेनाइन मलेरिया के लिए जिम्मेदार होता है। हालांकि यह मलेरिया उतना खतरनाक नहीं होता जितना प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) या प्लास्मोडियम विवैक्स होते हैं। इस रोग में क्वार्टन मलेरिया उत्पन्न होता है, जिसमें मरीज को हर चौथे दिन बुखार आ जाता है।इसके अलावा रोगी के यूरिन से प्रोटीन निकलने लगते हैं। जिसकी वजह से शरीर में प्रोटीन की कमी होकर उसके शरीर में सूजन आ जाती है। यह परजीवी काफी दुर्लभ है और आमतौर पर केवल अफ्रीका में पाया जाता है।

प्लास्मोडियम नोलेसी (Plasmodium knowlesi)

यह दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक प्राइमेट मलेरिया परजीवी है। इस मलेरिया से पीड़ित रोगी को ठंड लगने के साथ बुखार बना रहता है। बात अगर इसके लक्षण की करें तो रोगी को सिर दर्द, भूख ना लगना जैसी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

मलेरिया कैसे फैलता है?

यदि आप मलेरिया से संक्रमित हैं और आपको एनोफेलीज मच्छर काटता है तो उस मच्छर में मलेरिया के परजीवी चले जाते हैं। यदि वह मच्छर मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को काटने के बाद तुरंत किसी दूसरे को काटता है तो वह मलेरिया परजीवी का संचरण उसके शरीर में हो जाता है। जब मलेरिया परजीवी उसके लिवर में प्रवेश कर जाता है तो वह कुछ साल एक वर्ष तक उसके लिवर में रह सकता है। जब परजीवी परिपक्व होते हैं तो वे लिवर को छोड़ देते हैं और उसकी लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं। यह तब होता है जब आमतौर पर लोगों में मलेरिया के लक्षण विकसित होते हैं। फिर कोई मच्छर जब इस संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वह मच्छर मलेरिया के परजीवी से संक्रमित हो जाता है और यह रोग इस मच्छर के किसी दूसरे व्यक्ति को काटने पर फैल सकता है। क्योंकि मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं, इसलिए लोग इन्फेक्टेड रक्त के संपर्क में आकर मलेरिया से पीड़ित हो सकते हैं जैसे -

- माता से अजन्मे बच्चे को मलेरिया हो सकता है।
- संक्रमित रक्त चढाने से मलेरिया हो सकता है।
- संक्रमित व्यक्ति को दिए गए इंजेक्शन से दूसरे व्यक्ति को इंजेक्ट करने से मलेरिया हो सकता है।