World Hepatitis Day 2023: हेपेटाइटिस के लक्षण, कारण और उपचार

लिवर हमारे शरीर का एक अहम अंग है। यह शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने के साथ ही कई सारे महत्वपूर्ण कार्य करता है। हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिससे के लेकर जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। यह दिन हर साल 28 जुलाई को नोबेल-पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारूक ब्लमबर्ग के जन्मदिवस के मौके पर मनाया जाता है।

डॉ. बारूक ने ही हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) की खोज की थी और इस वायरस के लिए एक परीक्षण और टीका विकसित किया था। हेपेटाइटिस लिवर में होने वाली सूजन है, जो वायरस, शराब के सेवन, विषाक्त पदार्थों या कुछ दवाओं सहित विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है। हेपेटाइटिस कई प्रकार के होते हैं, लेकिन सबसे आम वायरल हेपेटाइटिस है, जो एक विशेष वायरस के कारण होता है।

हेपेटाइटिस बी भारत में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, फिर भी सामान्य आबादी के बीच इस बीमारी के बारे में जागरूकता बहुत कम है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड ट्रांसलेशनल हेपेटोलॉजी में प्रकाशित 2017 के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में बीमारी का बोझ लगभग 50 मिलियन है, जिसकी व्यापकता दर 2-7% है। इस खास मौके पर आज जानेंगे क्या है हेपेटाइटिस और इसके लक्षण, कारण और प्रकार से लेकर सब कुछ-

हेपेटाइटिस बी के लक्षण क्या हैं?

हेपेटाइटिस बी बीमारी के शुरुआती दौर में कोई लक्षण नहीं दिखा सकता है। यही कारण है कि तीव्र हेपेटाइटिस बी से पीड़ित लोग डॉक्टर से परामर्श लेने में विफल हो सकते हैं। हालाँकि, हेपेटाइटिस बी के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

-थकान

-मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना

- गहरे रंग का पेशाब आना

-भूख में कमी

-जी मिचलाना

-दस्त

-बुखार

-पेट की परेशानी

-कमज़ोरी

-त्वचा (पीलिया) और आंखों का पीला पड़ना।

यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण से पीड़ित हैं, तो हेपेटाइटिस बी के कारण होने वाली किसी भी स्वास्थ्य जटिलता से बचने के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

हेपेटाइटिस के कारण

वारयल इन्फेक्शन्स

हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई विशेष प्रकार के वायरस के कारण होते हैं, जो लिवर को प्रभावित करते हैं।

शराब और नशीली दवाएं

अत्यधिक शराब के सेवन और कुछ दवाओं से अल्कोहलिक हेपेटाइटिस या ड्रग इन्ड्यूस्ड हेपेटाइटिस हो सकता है।

विषाक्त पदार्थों


कुछ रसायनों, विषाक्त पदार्थों या प्रदूषकों के संपर्क में आने से हेपेटाइटिस हो सकता है।

ऑटोइम्यून डिजीज

कुछ मामलों में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से लिवर पर हमला कर करने लगती है, जिससे ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस हो सकता है।

मेटाबॉलिक डिजीज


लिवर में पदार्थों के निर्माण के कारण दुर्लभ मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार हेपेटाइटिस का कारण बन सकते हैं।

हेपेटाइटिस बी को कैसे रोकें?

निम्नलिखित कुछ सरल स्वच्छता और साफ-सफाई के उपाय आपको हेपेटाइटिस बी के खतरे को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकते हैं। इसमे शामिल है:

-उबला हुआ पानी पिएं और सार्वजनिक स्रोतों या अज्ञात जल स्रोतों का पानी पीने से बचें।

-मल के सुरक्षित और उचित निपटान के लिए अपने शौचालयों को साफ रखें।

-यह सुनिश्चित करें कि आप वॉशरूम जाने से पहले और बाद में अपने हाथ साफ पानी से धोएं

-खाना खाने से पहले और बाद में अपने हाथ साबुन और पानी से धोना सुनिश्चित करें

-दूषित स्रोतों से पानी और/या बर्फ के सेवन से बचें।

-यह सुनिश्चित करना कि टीकाकरण, रक्त आधान और इंजेक्शन के दिशानिर्देशों का ठीक से पालन किया जाए।

-सुरक्षित यौन संबंध बनाना और कंडोम के सही और लगातार उपयोग को बढ़ावा देना।

-चिकित्सकीय सलाह के अनुसार हेपेटाइटिस बी (बच्चों, वयस्कों और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों दोनों) का टीका लगवाएं।

हेपेटाइटिस में रखें इन बातों का ध्यान


आहार


हेपेटाइटिस के मरीजों को कैलोरी से भरपूर आहार करना चाहिए। अगर मरीज भोजन करने में सक्षम नहीं है, तो इसके लिए इंट्राविनस फीडिंग (Intravenous feeding) यानी नसों के जरिए तरल के रूप में भोजन देने की सलाह दी जाती है।

गतिविधि

हालांकि, सभी प्रकार की शारीरिक गतिविधियों से बचना अनिवार्य नहीं है, फिर भी हेपेटाइटिस से पीड़ित को बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी जाती है।

ड्रग्स


हेपेटाइटिस से पीड़ित लोगों को लिवर द्वारा मेटाबॉलाइज्ड होने वाली दवाएं लेने से बचना चाहिए।

एहतियात

हेपेटाइटिस होने पर कई सारी सावधानियां बरतना जरूरी है। अगर किसी को हेपेटाइटिस ए और ई है और लगातार मल की समस्या बनी हुई है, तो आइसोलेशन जरूरी है। इसके अलावा हेपेटाइटिस बी और सी के उन मरीजों को भी अलग रहने कू जरूरत है, जिन्हें अनियंत्रित रक्तस्राव होता है।