हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे (विश्व खाद्य दिवस 2022) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य भुखमरी से पीड़ित लोगों को जागरूक करना है। साथ ही पोषण युक्त आहार लेने के फायदे की जानकारी उपलब्ध कराना है। डॉक्टर भी सेहतमंद रहने के लिए संतुलित आहार लेने की सलाह देते हैं। इससे शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है। इनमें किसी पोषक तत्व की कमी से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसके लिए रोजाना संतुलित भोजन का सेवन करें। शरीर के लिए प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन बी12 जैसे कई न्यूट्रिएंट्स बहुत जरूरी होते हैं। ये पोषक तत्व कुपोषण से बचाने में मदद करते हैं। इसके साथ ही डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, यूरिक एसिड जैसी बीमारियों का खतरा कम करते हैं। वर्ल्ड फूड डे को पहली बार साल 1981 में मनाया गया था। उसके बाद से हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। यूएन ने इस साल की थीम (World Food Day Theme 2022) Leave NO ONE behind रखी है। हिंदी में जिसका मतलब है कि 'कोई पीछे ना छूटे'। आइए, वर्ल्ड फूड डे का इतिहास और महत्व जानते हैं...
दुनियाभर में एक साथ 16 अक्टूबर को वर्ल्ड फूड डे मनाया जाता है। इसी दिन साल 1945 में एफएओ की स्थापना हुई थी। एफएओ का फुल फॉर्म फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन है। यह संगठन खाद्य सुरक्षा और पोषक तत्व के संबंध में कार्य करती है। इसके तहत लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके प्रयास के चलते साल 1979 में कांग्रेस ऑफ एफएओ ने वर्ल्ड फूड डे मनाने की घोषणा की। इसके बाद साल 1981 से 16 अक्टूबर को हर साल वर्ल्ड फूड डे मनाया जाता है।
वर्तमान समय में दुनिया के कई देश गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर कर रहे हैं। उन देशों के लोगों को रोजाना संतुलित भोजन नहीं मिल पाता है। इस वजह से अधिकांश लोग कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। साथ ही कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। कुपोषण के चलते हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही अहन। इसके लिए हर साल अक्टूबर महीने में विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।
क्यों जरुरी हैं प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन बी12...
प्रोटीन प्रोटीन एक मैक्रोन्यूट्रिएंट है। शरीर की हर एक सेल्स को काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है। शरीर की एक-एक मांसपेशी को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन की आवश्कता होती है। खासकर जिम जाने वाले लोगों को हैवी वर्कआउट के बाद प्रोटीन जरूरी चाहिए क्योंकि मसल्स को रिपेयर करने के काम करता है। प्रोटीन आपकी त्वचा, बालों और नाखूनों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। चौंकी शरीर खुद से प्रोटीन नहीं बनाता है इसलिए इसे खाने की चीजों या सप्लीमेंट से लेना पड़ता है। अंडा, फलियां, दाल, सोया, बादाम जैसे नट्स, क्विनोआ, चिकन, मछली, दूध, कद्दू के बीज, मूंगफली और पीनट बटर आदि प्रोटीन फूड्स हैं।
विटामिन-डी विटामिन-डी एक फैट सोल्यूबल विटामिन होता है, जो शरीर के काम के लिए बेहद ज़रूरी होता है। विटामिन-डी मेंटल हेल्थ, हड्डियां, दांत, इम्यून सिस्टम, बॉडी वेट को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है। शरीर में विटामिन-डी की कमी से हड्डियों पर असर पड़ता है, हड्डियों से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं, शरीर की इम्यूनिटी प्रभावित होती है, दिल की सेहत से जुड़ी दिक्कतें होने लगती हैं, ऑटोइम्यून से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं, न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का कारण बनती है और इन्फेक्शन की वजह भी बनती है। इस विटामिन की कमी प्रेग्नेंट महिलाओं में जटिलताओं की वजह भी बनती है और ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और कोलोन कैंसर की वजह भी बनती है। विटामिन डी पाने का सबसे बेस्ट तरीका धूप है। लेकिन उसके अलावा, अंडे का पीला भाग, सैल्मन मछली, मशरूम, फोर्टिफाइड मिल्क, फोर्टिफाइड अनाज खाकर भी विटामिन-डी लिया जा सकता है।
विटामिन बी-12 विटामिन बी-12 (Vitamin B12) शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से बचाने में मदद करता है। विटामिन बी-12 की कमी से दिमाग और नर्वस सिस्टम प्रभावित होते हैं। शरीर में रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए विटामिन बी-12 बहुत जरूरी है। फोलिक एसिड को शरीर तक पहुंचाने में भी विटामिन बी-12 मदद करता है। शरीर में विटामिन बी-12 की कमी होने पर मानसिक समस्याएं, हड्डी और जोड़ों से जुड़ी परेशानी और एनीमिया का खतरा बढ़ता है। आप खान-पान में विटामिन बी-12 से भरपूर चीजों का सेवन कर कमी को पूरा कर सकते हैं। जानवरों का लिवर, मछली, अंडा, दूध, चिकन, सोया मिल्क, चावल का दूध, फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट आदि खाद्य पदार्थों से विटामिन बी12 पा सकते हैं।
विटामिन बी- 12 की कमी के लक्षण- त्वचा का पीला पड़ जाना
-जीभ में दाने या फिर लाल हो जाना
- मुंह में छाले की समस्या
- आंखो की रोशनी कम होना
- डिप्रेशन, कमजोरी और सुस्ती
- सांस फूल जाना
- सिरदर्द और कान बजना
- भूख कम लगना
हेल्दी फैट्सहर तरह का फैट बुरा नहीं होता है। शरीर को एनर्जी और ताकत के लिए हेल्दी फैट्स की जरूरत होती है। यह शरीर को अंदर से गर्म रखने और सेल्स को अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है। मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स खाने से कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी घातक बीमारी दूर रहती हैं। हेल्दी फैट्स पाने के लिए डाइट में सनफ्लॉवर ऑयल, ऑलिव ऑयल, कॉर्न ऑयल, सोया ऑयल जैसे वेजिटेबल ऑयल के साथ नट्स, सीड्स और मछली खाई जा सकती है।