World Cancer Day 2022: बेहद गंभीर माना जाता है फेफड़ों का कैंसर, इन लक्षणों के दिखते ही हो जाइए सावधान

पिछले दो-तीन दशक से फेफड़ों के कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से शहरों में रहने वाले लोग इसका शिकार हो रहे हैं। कैंसर के नए मामलों में अकेले फेफड़ों के कैंसर का अनुपात 6.9% है, जो कि धूम्रपान और प्रदूषण की वजह से होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक प्रारंभिक चरण में फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों की पहचान करना आम तौर पर कठिन होता है। कभी-कभी जब तक कि स्थिति उन्नत चरण में नहीं पहुंच जाती है तब तक इसका पता लगा पाना मुश्किल हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक फेफड़े के कैंसर के मामले में शरीर में कुछ संकेत देखे जा सकते हैं, जिनके आधार पर रोग का पता लगाया जा सकता है...

लगातार खांसी बने रहना

खांसी आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम के बारे में बहुत सी बातें बताती हैं। लगातार खांसी बने रहने की दिक्कत वैसे तो कई कारणों से हो सकती है, कैंसर भी उनमें से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दी या फ्लू के कारण भी खांसी हो सकती है हालांकि यह 10 दिनों से अधिक नहीं रहती है। अगर खांसी किसी आम वजह से हो रही है तो कुछ दिन बाद इसमें अपने आप आराम आ जाएगा। लेकिन अगर खांसी हफ्तों या महीनों तक लगातार रहती है तो ये फेफडों में कैंसर का संकेत हो सकता है। स्वाभाविक रूप से खांसी, बाहरी कणों को आपके वायुमार्ग और फेफड़ों में प्रवेश करने से रोकने का एक तरीका है, लेकिन लंबे समय तक खांसी रहना फेफड़ों के कैंसर का सबसे प्रमुख संकेत होता है। फेफड़ों के कैंसर में खांसी के साथ कुछ खास लक्षणों पर भी ध्यान देना जरूरी है। जैसे- बलगम में खून या लाल रंग का बलगम, सांस में तकलीफ, छाती में दर्द या निमोनिया की शिकायत हो सकती है। कैंसर की शिकायत होने पर खांसते वक्त निकलने वाली आवाज अलग हो सकती है। इसके अलावा आपको खांसते या बोलते वक्त दर्द भी महसूस हो सकता है।

वजन का लगातार कम होना

कैंसर के रोगियों में लगातार वजन कम होने की शिकायत रहती है। कम अवधि के भीतर बिना किसी प्रयास के 4-5 किलो या उससे अधिक वजन का कम होना अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि के कारण भी भूख में कमी और शरीर के वजन में कमी हो सकती है। कैंसर से पीड़ित होने पर आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन से उत्पन्न ऊर्जा का उपभोग कैंसर कोशिकाएं अपने विकास के लिए करने लगती हैं जिससे कि थकान और वजन कम होता है। वजन का कम होते रहना कैंसर का महत्वपूर्ण संकेत है जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता हैं।

सांस लेने में परेशानी होना

फेफड़ों के कैंसर के कारण आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है। जब कैंसर कोशिकाएं फेफड़ों में तेजी से बढ़ना शुरू कर देती हैं, तो वे वायुमार्ग को अवरुद्ध या उन्हें संकीर्ण कर देती हैं, जिससे फेफड़ों में हवा का प्रवाह कम हो जाता है। इन स्थितियों में सांस लेने में समस्या हो सकती है। वैसे कई अन्य स्थितियों में भी सांस न आने परेशानी महसूस हो सकती है पर अगर आपको लंबे समय तक सांस लेने में परेशानी बनी हुई है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

शरीर में दर्द बने रहना

शरीर में लगातार लंबे समय से दर्द बने रहने की समस्या को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। फेफड़े के कैंसर से पीड़ित लोगों को विशेष रूप से छाती, कंधों या पीठ में दर्द हो सकता है। यदि आपको भी छाती में लगातार दर्द की समस्या महसूस होती रहती है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। यह फेफड़े के कैंसर का भी संकेत हो सकता है।

वंशानुगत (इन्हेरिटेड) जीन बदलाव

medtalks.in के मुताबिक कुछ परिवारों मे फेफड़े के कैंसर के इतिहास में जीन एक भूमिका निभाता हैं। उदाहरण के लिए, जिन लोगो मे किसी खास क्रोमोसोम (क्रोमोसोम 6) में कुछ डीएनए बदलाव होते हैं, उनमें फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है, भले ही वे धूम्रपान न करें या केवल थोड़ा धूम्रपान करें।