जीवनशैली से संबंधित बीमारियों में कैंसर (Cancer) भी शामिल है। इसकी शुरुआत शरीर के एक अंग से होती है, लेकिन समय पर उपचार नहीं किया जाए तो यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल जाता है। कैंसर (Cancer) के शुरूआती लक्षणों को अगर पहचान लिया जाये तो इसे खतरनाक स्टेज तक जाने से रोका जा सकता है। शुरुआती अवस्था में पहचान होने के बाद इसके उपचार में आसानी भी होती है और इसके कारण होने वाली मौतों को भी रोका जा सकता है। एक अनुमान के मुताबिक पुरुषों में कैंसर (Cancer) से होने वाली मृत्यु में 31 प्रतिशत फेफड़े के कैंसर, 10 प्रतिशत प्रोस्टेट, 8 प्रतिशत कोलोरेक्टल, 6 प्रतिशत पैंक्रिएटिक और 4 प्रतिशत लिवर कैंसर से होती हैं। कैंसर एक ऐसी बीमारी जिसका नाम सुनते ही हर कोई अपने आखिरी दिनों का इंतजार करने लगता है।
4 जनवरी को पूरी दुनिया में वर्ल्ड कैंसर डे (World Cancer Day) मनाया जाता है। कैंसर (Cancer) से पिछले साल यानी 2018 में पूरी दुनिया में करीब एक करोड़ लोगों की मौत हुई थी। वहीं, कैंसर की बीमारी के लक्षण का पता नहीं चलता है। वैसे तो मेडिकल की दुनिया में कैंसर की बीमारी का अलग-अलग तरह का इलाज मौजूद है लेकिन कोई भी इस बीमारी को पूरी तरह से यानी 100 फीसदी खत्म करने का दावा नहीं करता। लेकिन इजरायल की कंपनी ऐक्सिलेरेटेड इवॉलूशन बायोटेक्नॉलिजी लिमिटेड (AEBi) जिसकी स्थापना साल 2000 में ITEK विजमन टेक्नॉलजी इन्क्यूबेटर ने किया था का दावा है कि वे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं। AEBi के बोर्ड ऑफ चेयरमैन ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि उनके द्वारा बनाई जा रही कैंसर की दवा पहले दिन से ही असरदार साबित होगी जो कुछ हफ्तों तक चलेगी और मरीज को पूरी तरह से ठीक कर देगी। इतना ही नहीं कंपनी चेयरमैन का यह भी दावा है कि उनकी इस दवा का बेहद कम या फिर समझिए बिलकुल भी किसी तरह का कोई साइड-इफेक्ट नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर के लिए उनकी कंपनी जो इलाज विकसित कर रही है वह मार्केट में मौजूद दूसरे इलाजों की तुलना में काफी सस्ता भी होगा।
कैंसर (Cancer) से शरीर की किसी भी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होने लगती हैं। इसके कारण कैंसर बॉडी के एक हिस्से से दूसरे हिस्सों में फैलता है। धीरे-धीरे ये पूरे शरीर को जकड़ लेता है। शरीर के किसी एक हिस्से में होने वाले कैंसर (Cancer) को प्राइमरी ट्यूमर कहते है। इसके बाद शरीर के दूसरे हिस्सों में होने वाला ट्यूमर मैटास्टेटिक या सेकेंडरी कैंसर कहलाता है।
ये होती है चार स्टेज कैंसर की पहली और दूसरी स्टेज में इसका ट्यूमर छोटा होता है। ये आस-पास के टिश्यूज की गहराई में नहीं फैलता है। यही वजह है कि इन स्टेज में ही कैंसर का पता लगने पर इसका इलाज संभव है।
तीसरे स्टेज में कैंसर बॉडी में विकसित हो चुका होता है। ट्यूमर बड़ा हो चुका होता है और इसके अन्य अंगों में फैलने की संभावना बढ़ जाती है।वहीं, चौथी अवस्था कैंसर की आखिरी अवस्था होती है। इसमें कैंसर अपने शुरुआती हिस्से से अन्य अंगों में फैल जाता है। इसे मैटास्टेटिक कैंसर कहा जाता है।
कैंसर का ज्ञात कैसे किया जाता हैबायोप्सी के द्वारा भी कैंसर का ज्ञात किया जाता है। इसमें कैंसर के एक छोटे भाग को निकालकर उसका परीक्षण किया जाता है। गाँठ छोटी होने पर पूरी गाँठ हीं निकाल ली जाती है लेकिन गाँठ बड़ी होने पर उसका थोडा भाग हीं निकाला जाता है ताकि परिक्षण किया जा सके। मेमोग्राम के जरिये भी आप कैंसर का पता लगा सकते हैं। एम् आर आई भी ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने में काफी कारगर सिद्ध होता है।
कैंसर के लक्षण- त्वचा पर एक नया स्थान, जो इसके आकार, आकार और रंग को बदलता है, त्वचा कैंसर का सौंपा जा सकता है।
- यदि आपके पास घबराहट खांसी है और आप धूम्रपान नहीं करते हैं तो यह फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है।
- श्रोणि क्षेत्र में दर्द के साथ महिलाओं में लगातार सूजन एक डिम्बग्रंथि के कैंसर का सुझाव दे सकता है।
- यदि पुरुषों में मिक्चरिशन (पीइंग) के दौरान दर्द होता है, तो यह प्रोस्टेट कैंसर का संकेत हो सकता है।
- यदि आपके शरीर में सूजन लिम्फ नोड्स हैं जो ठीक हो जाते हैं, तो यह ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) का संकेत हो सकता है।
- लंबे समय तक चलने वाले खूनी मल कोलन कैंसर की भविष्यवाणी कर सकते हैं।
- मुंह में लंबे समय तक खराब सांस और कैकर घाव मौखिक कैंसर का संकेत हो सकता है।
ये हैं घरेलू उपायविटामिन और पोषणयुक्त आहारअपने डाइट में हरी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल कीजिए। सब्जियों और फलों में फाइबर होता है जो कैंसर से बचने में मदद करता है।
नियमित व्यायामकैंसर से बचने के लिए कम से कम सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट के लिये वॉक कीजिए। अगर वॉक का समय ना हो तो घर पर ही कुछ हल्की एक्सरसाइज करें। खासकर ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए महिलाओ को एक्सरसाइज करना जरुरी है।
सही तरह से खानाठंडे खाने को गरम करके खाने से बचें। ज्यादा तला तथा माइक्रोवेव में बना खाना पौष्टिकता को लगभग खत्म कर देता है। सबसे बेहतर है कि उबालकर बनाए और कम तेल/ घी का इस्तेमाल करें।
चीनी और नमक का कम सेवन करेंमीठी चीजों को खाने से बचें। ज्यादा मात्रा में मिठाइयां खाना सही नहीं है। खाने में नमक की मात्रा कम रखें। ज्यादा नमक खाने से पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है और यह बी पी भी बढ़ाता है। चीनी में लो फाइबर होता है जो शरीर की पोषक क्षमता को कमजोर करता है।
धूम्रपान और मदिरापान न करेंऐसे तो सभी जानते हैं कि धू्म्रपान सेहत के लिए हानिकारक है और इसे छोड़कर ब्लड कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। धूम्रपान से शरीर में के निकोटीन की मात्रा बढ़ती है जो कई प्रकार के कैंसर के लिए जिम्मेदार है। धूम्रपान से फेफडे़ और मुंह का कैंसर होता है। रिसर्च के मुताबिक, हर 100 ब्लड कैंसर के रोगियों में 4 रोगियों को धूम्रपान से कैंसर होता है।