कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पप्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस रविवार जनता कर्फ्यू की अपील की गई हैं। कोरोना के लक्षण फ्लू के समान ही बताए गए हैं हांलाकि इनमें थोडा अंतर है। कोरोना, फ्लू से कई गुना तेजी से फैलता है हांलाकि अभी भी इससे जुड़ी कई जानकारी प्राप्त होना बाकी हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए फ्लू और कोरोना में अंतर से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं ताकि आपकी इसकी भयावहता को पहचान सकें और समय रहते सावधान हो सकें। तो आइये जानते हैं फ्लू और कोरोना में अंतर के बारे में।
- फ्लू की तुलना में कोरोना ज्यादा फैलता है। यानी अगर एक व्यक्ति को कोरोना है तो आसपास के लोगों में यह बीमारी तेजी से जा सकती है।
- फ्लू की तुलना में कोरोना ज्यादा जानलेवा है। आंकड़ों के मुताबिक फ्लू के हजार मरीजों में एक की मौत होती है। मरने वाले ज्यादातर बुजुर्ग होते हैं। लेकिन कभी-कभी फ्लू प्रेगनेंट महिला और जवान लोगों की भी जान ले लेता है। वहीं, कोरोना के कितने मरीज मरते हैं, इस बारे में अभी सही जानकारी सामने नहीं आई है। एक अनुमान है कि कोरोना के 100 मरीजों में एक से ज्यादा की मौत हो सकती है।
- फ्लू में शरीर दर्द, थकान, सिर दर्द और सर्दी होती है- लेकिन ये लक्षण कोरोना में बहुत कम पाए जाते हैं।
- फ्लू अचानक से होता है और एक-दो दिन में मरीज की हालत खराब हो जाती हैं। वहीं, कोरोना के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं। मरीज की हालत खराब होने में कई दिन लग जाते हैं।
- दवा और वैक्सीन की बात करें तो फ्लू के लक्षणों को कम करने वाली कई मेडिसिन बच चुकी हैं। टैमिफ्लू और कई एंटीवायरल दवाएं फ्लू के लक्षणों को जल्दी ही खत्म कर देती हैं। वहीं, कोरोना के लिए अभी कोई दवाएं नहीं है, कई देशों में रिसर्च जारी है।
- फ्लू का खतरनाक रूप इसलिए भी खत्म हो गया कि क्योंकि कभी न कभी लोग इसकी दवा या वैक्सीन ले चुके हैं। उनके अंदर फ्लू से लड़ने की क्षमता विकसित हो चुकी है। लेकिन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लोगों के अंदर इस तरह की इम्युनिटी विकसित नहीं हुई है। ऐसे में सावधानी बरतना जरूरी है।