ब्रिटेन के हेल्थ डिपार्टमेंट की स्टडी में खुलासा - कोरोना के पुराने वैरिएंट के मुकाबले डेल्टा कम घातक

दुनियाभर में संक्रमण की नई लहर लाने वाला कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर ब्रिटेन के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की ताजा स्टडी में सामने आया है कि यह सिर्फ तेजी से फैलता है लेकिन इससे संक्रमित मरीजों में मुत्युदर सिर्फ 0.25% है। अल्फा वैरिएंट से संक्रमित हुए मरीजों में मृत्युदर 1.90% रही है। इसका मतलब यह कि अगर पुराने वैरिएंट के 500 मरीजों में 9 लोगों की मौत होती है तो डेल्टा के 500 मरीजों में सिर्फ एक की मौत होगी। ब्रिटेन में 2.71 लाख कोरोना मरीजों के सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, जो 15 जुलाई से पहले तक जुटाए गए तीन महीनों के आंकड़ों पर आधारित है। यह स्टडी राहत देने वाली है, दरअसल भारत में कोरोना के 88% मरीज डेल्टा वैरिएंट के ही मिल रहे हैं। यूरोप व अमेरिकी देशों में 95% से ज्यादा केस डेल्टा के आ रहे हैं। ब्रिटेन में डेल्टा से 248 मौतें प्रति 10 लाख, जबकि अल्फा से 1,902 मौतें प्रति 10 लाख मरीज हुई हैं।

दुनियाभर के महामारी विशेषज्ञ इसे अब तक की सबसे विस्तृत और अहम स्टडी मान रहे हैं, क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय देशों में अब रोज मिलने वाले 95% से ज्यादा मरीज डेल्टा वैरिएंट वाले हैं। हैरानी क बात यह भी है कि ब्रिटेन में अब तक गामा वैरिएंट से एक भी मौत नहीं हुई है।

भारत में अब तक सिर्फ 42,869 सैंपलों की सीक्वेंसिंग हो पाई है, इनमें 47.5% ‘वैरिएंट ऑफ कन्सर्न’ मिले

भारत में नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की रफ्तार धीमी है। देश में 15 महीने में सिर्फ 42,869 सैंपलों की सीक्वेंसिंग हुई। जबकि, ब्रिटेन में पिछले तीन महीनों में 2.71 लाख सैंपल की सीक्वेंसिंग हुई है। वहां कुल मरीजों के मुकाबले 10% सैंपलों की सीक्वेंसिंग की जा रही है, जबकि भारत में यह अनुपात सिर्फ 0.14% है।

IMA की चेतावनी- देश में तीसरी लहर जल्द


महामारी के इतिहास को देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर आनी तय है। भारत में तीसरी लहर करीब दिख रही है। देश में पर्यटन जरूरी है, लेकिन इसके लिए इंतजार किया जा सकता है। सरकार को धार्मिक स्थलों और पर्यटनस्थलों को अभी बंद ही रखना चाहिए।