मुहं से निकली सांस सुंगधित हो तो सभी के समक्ष हमारा मान बढाती है, और अगर यही सांस दुर्गन्ध में बदल जाये तो लोगो से बात करना मुश्किल हो जाता है। इस दुर्गन्ध से हम न तो किसी व्यक्ति से मिल पाता है और न ही उनसे अच्छे से बात कर पाता है। सांस की दुर्गन्ध से व्यक्तित्व भी प्रभावित होता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए लोग कई ऐसे तरीको का इस्तेमाल करते है जो उन्हे कुछ समय के लिए तो राहत तो दे सकते है पर इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं है। यह समस्या नियमित रूप से दांतों की सफाई न होने से दांतों में फंसे अन्न के कणों की वजह से होती है। इसके अलावा यह छालों, जीभ पर मेल, सर्दी जुखाम, पायरिया, शरीर में खून की कमी आदि की वजह से होती है। आज हम यहाँ आपको सांस की दुर्गन्ध को स्थायी तौर पर दूर करने के बारे में बताएँगे। तो आइये जानते है इस बारे में........
# नीम की पत्ती का उपयोग 10-12 नीम की पत्ती को उबाल कर एक गिलास में छान ले। जब पानी ठंडा हो जाये तो इससे गरारा करे। नीम जलन व दर्द को शांत करता है, और रोगाणु रोधक होता है। इसके नियमित सेवन से मुहं की आन्तरिक शुद्धी हो जाती है, और सांस की दुर्गन्ध दूर होती है।
# निम्बू का प्रयोग निम्बू को ले और उसे आधा काट ले। इसे हल्के हाथ से दांतों व् मसुडो पर रगड़े। नीम्बू में पाए जाने वाला विटामिन सी मुहं के आन्तरिक ऊतको को संकुचित कर, उनमे से विषेले पदार्थ को बाहर कर दांतों और मसुडो को मज़बूत बनाता है, जिसकी वजह से सांस की दुर्गन्ध की परेशानी दूर होती है।
# नमक का प्रयोग गुनगुने पानी में नमक डालकर इस पानी का प्रयोग गरारे के रूप में करे। नमक में पाए जाने वाले तत्व मुहं की मृत कोशिकाओं को निकालकर इस परेशानी को दूर करता है।
# तुलसी के पत्ते का प्रयोग तुलसी के पत्तो को उबालकर कुछ देर के लिए ढक दे। पानी जब ठंडा हो जाये तो इस पानी से गरारे करे। तुलसी के पत्तो में जो तत्व पाए जाते है वह मुहं के कीटाणुओं को दूर देते है। इसका प्रयोग नियमित रूप से करे, क्योकि यह एक अच्छा माउथफ्रेशनर है।
# गुलाबजल का प्रयोग एक गिलास ठन्डे पानी में गुलाब जल डाले, और मुहं में 10 सेकंड रखने के बाद बिना कुल्ला करे निकाल दे। यह एक एंटी बायोटिक तथा एंटी सेर्टिक जैसा प्रभाव डालता है। इसकी प्राकर्तिक सुगंध सांसो में ताजगी देती है।