स्लिप डिस्क से परेशान हैं आबादी का बड़ा हिस्सा, समस्या में रखना होता हैं इन 6 बातों का ध्यान

अपने अक्सर देखा होगा कि कई लोग ज्यादा वजन नहीं उठा पाते हैं और जब वे ऐसा करने की कोशिश करते हैं तो उनके पीठ के निचले हिस्से में दर्द शुरू हो जाता हैं। अधिकतर मामलो में ऐसा स्लिप डिस्क की परेशानी के कारण होता हैं जिससे आबादी का एक बड़ा हिस्सा परेशान हैं। स्लिप डिस्क की समस्या में पीठ से उठा दर्द कूल्हों, जांघ और पैरों में भी पहुंच जाता हैं और व्यक्ति को असहनीय पीड़ा होता हैं। इस समस्या के कारण दैनिक काम करने में भी परेशानी होने लगती हैं। ऐसे में आपको अपनी रोजाना की गतिविधियों को करने के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती हैं ताकि स्लिप डिस्क के दर्द से आराम मिल सके। तो आइये जानते हैं इन बातों के बारे में...

स्लिप डिस्क में फिजिकल थेरेपी है फायदेमंद

अगर आपकी बल्जिंग डिस्क चलने या कोई भी सामान्य कार्य करने में दिक्कते पैदा कर रही है तो अपने फिजिकल थेरेपिस्ट से सम्पर्क करें। फिजिकल थेरेपिस्ट आपको कुछ खास व्यायाम और स्ट्रेचेस बताएंगे, जिससे आपको पीठ के निचले क्षेत्र पर एक सही लचीलापन और मजबूती मिले। कोई भी भारी समान उठाने से पहले या किसी भी प्रकार का व्यायाम करने से आपको पीठ के निचले क्षेत्र पर बेहद दर्द महसूस हो सकता है, तो इससे पहले अपने फिजिकल थेरेपिस्ट से बात करें। इसके साथ ही आप अपने लक्षणों पर ध्यान दें कि कब किस चीज़ से आपका दर्द गायब हो जाता है और कब इस चीज से ये बहुत गंभीर बन जाता है। आप जब एक बार व्यायाम अच्छे से सीख जाएँ तब फिर मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए इन्हें आप घर में भी जारी रख सकते हैं। इसके साथ ही फिजिकल थेरेपी आपकी अवस्था को भी सुधारने में मदद करती है।


स्लिप डिस्क की परेशानी के लिए बदले अपनी जीवनशैली

व्यक्ति जो वृद्धावस्था में चुस्त रहता है उसे चलने फिरने में कम तकलीफ होती है, चोट और सूजन जैसी समस्याएं भी नहीं होती। ज़्यादा देर तक बैठे रहना भी स्लिप डिस्क का कारण बन सकता है व कमर में दर्द की समस्या और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। मांसपेशियां कमज़ोर होने से स्पाइन पर ज़्यादा दबाव पड़ता है, खासकर जो लोग अधिक वज़न के होते हैं उनके साथ ये तकलीफे होती हैं। अगर आपको इतना दर्द नहीं है और आराम से चल सकते हैं, तो रोज़ाना चलने का प्रयास करें। रोज़ धीरे-धीरे चलें और नए नए व्यायाम करने की कोशिश करें जैसे कोर को मजबूत करने के लिए व्यायाम पीठ के निचले क्षेत्र के दर्द को रोकते हैं। इससे आपकी कमर में लचीलापन आएगा और मजबूती बनी रहेगी। वजन उठाने वाले व्यायाम (खासकर वो व्यायाम जो आपके पीठ के निचले क्षेत्र को मजबूत करें), स्विमिंग पूल में हल्के व्यायाम, डांसिंग, साइकिलिंग और स्विमिंग बेहद अच्छे विकल्प हैं, उनके लिए जिन्हें उस क्षेत्र पर चोट लगी है या बूढ़े लोगों के लिए जो सिर्फ हल्की गातिविधियों को करने में सक्षम हैं। इनसे आपकी सूजन, दर्द और अकड़न की समस्या कम होगी।

स्लिप डिस्क की परेशानी के लिए आराम है बेहद ज़रूरी

ज़्यादा कार्य करने से आपकी मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में सूजन आ जाती है और इस तरह डिस्क कमज़ोर होती चली जाती है। इसलिए आपको अधिक कार्य करने से बचना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि आपको रात में एक अच्छी नींद जरूर लेनी है (ज़्यादातर वयस्क 9 घंटे की अच्छी नींद ज़रूर लें)। अच्छी नींद लेने के साथ-साथ अपने कार्य के बीच-बीच में भी थोड़ा आराम भी लेते रहे। इससे आपके शरीर के स्ट्रेस हॉर्मोन नियंत्रित रहेंगे, वज़न संतुलित रहेगा और चोट के भी जोखिम दूर होंगे।

स्लिप डिस्क में ठीक मुद्रा में बैठें

कार्य करते समय ये तो नामुमकिन है कि आप एक जगह पूरा दिन बैठे रहे, लेकिन अगर ऐसा है भी तो ज़रूरी है कि आप अपनी अवस्था पर ध्यान अवश्य दें। ऐसे में जल्दी-जल्दी शरीर को स्ट्रेच करें और उठकर थोड़ा इधर-उधर घूमे। आप टीवी देखें या ऑफिस में काम करें जरूरी है कि आप बीच-बीच में 20-30 मिनट के लिए उठते रहें। इसके साथ ही अवस्था को सुधारने के लिए रोज़ाना एक्सरसाइस भी करें जिससे आपके पीठ के निचले क्षेत्र, गर्दन और धड़ पर आये तनाव को कम किया जा सके। काम करने के लिए पीठ को आराम देने वाली कोमल चेयर का इस्तेमाल करें।


स्वस्थ खाने से स्लिप डिस्क की समस्या होती है दूर

ज़्यादा मात्रा में सूजन आपकी हड्डियों, मांसपेशियों व जोड़ों को कमज़ोर बनाती हैं जिसकी वजह से डिस्क की समस्या और भी अधिक बढ़ जाती है। सूजन को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप रोजाना पोषण युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। इसके साथ ही चीनी, प्रोसेस्ड मीट, केमिकल युक्त अनाज, रिफाइंड उत्पाद, शराब और बंद पैकेट उत्पाद का सेवन न करें। इनको न खाने से आपका वज़न नियंत्रित रहेगा और पीठ के निचले क्षेत्र पर दबाव कम पड़ेगा। हरी सब्ज़ियां, स्वस्थ वसा जैसे जैतून का तेल और नारियल का तेल और फर्मेन्टेड फूड्स जिनमे प्रोबायोटिक्स होते हैं आदि को अपने आहार में शामिल करें। शराब और धूम्रपान न करें और तनाव से दूर रहें, साथ ही अच्छी नींद लेने की कोशिश करें।


स्लिप डिस्क में गर्म तेल से मसाज

गर्म सेक, आवश्यक तेल, मसाज और एक्यूपंक्चर इलाज - कमर दर्द और गर्दन के दर्द के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इनका इस्तेमाल करने से सूजन और अकड़न कम होती है लेकिन इनका इस्तेमाल समय समय पर होते रहना चाहिए। रोज़ाना पूरे दिन में कई बार 15 से 20 मिनट हीटिंग पैड को कम या मध्यम ताप पर इस्तेमाल करें। दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी से नहाना भी एक बेहद बेहतरीन उपाय है। आप नहाने के पानी में सेंधा नमक, आवश्यक तेल जैसे लैवेंडर तेल या पुदीने का तेल मिला सकते हैं। मसाज करने से आपकी मांसपेशियों को आराम मिलता है, कसे उत्तक में आराम आता है और रक्त परिसंचरण बढ़ता है। मसाज करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार बात जरूर कर लें। आप मसाज के लिए या तो किसी मसाज ट्रेनर की मदद लें या घर पर भी आवश्यक तेल जैसे नीलगिरी के तेल की मदद से भी मसाज करवा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे आपको मसाज हल्के हाथ से ही करवानी है, जिससे उस क्षेत्र का दर्द अधिक बढ़े न।