हिचकी का मतलब किसी का आपको याद करना नहीं! ये होते हैं कारण और ऐसे पाएं काबू

पेट व फेफड़े के बीच स्थित डायाफ्राम और पसलियों की मांसपेशी में संकुचन हिचकी आने की प्रमुख वजह है। डायाफ्राम की सिकुड़न से फेफड़ा तेजी से हवा खींचने लगता है, इसी के चलते व्यक्ति को हिचकी आती है। इसके अलावा हिचकी आने का एक कारण पेट से भी जुड़ा है। खाना खाने या गैस के चलते पेट बहुत ज्यादा भरा हो तो उससे भी हिचकी आती है।

वैज्ञानिकों की मानें तो पाचन या श्वास नली में अत्यधिक हलचल व गड़बड़ी से व्यक्ति को हिचकी आ सकती है। गर्म या तीखा खाना खाने, जल्दी-जल्दी खाने से भी हिचकी आती है। बहुत जोर से हंसने के चलते भी डायाफ्राम में संकुचन हो जाता है, जिससे हिचकी आ सकती है।


हिचकी डायफ़्राम सिकुड़ने से आती है। डायफ़्राम एक मांसपेशी होती है जो छाती के खोखल को हमारे पेट के खोखल से अलग करती है। ये सांस लेने की प्रक्रिया में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फेफड़ों में हवा भरने के लिए डायफ़्राम का सिकुड़ना ज़रूरी होता है। अब सवाल उठता है कि हिचकी क्यों आती है।

होता ये है कि डायफ़्राम को नियंत्रित करने वाली नाड़ियों में कुछ उत्तेजना होती है जिसकी वजह से डायफ़्राम बार-बार सिकुड़ता है और हमारे फेफड़े तेज़ी से हवा अंदर खींचते हैं। ऐसा ज़ोर-ज़ोर से हंसने, तेज़ मसाले वाला खाना खाने, जल्दी-जल्दी खाने या फिर पेट फूलने से हो सकता है। यानी उत्तेजना का कारण होती है हवा।


बीमारी का भी हो सकता है संकेत

सामान्यत : हिचकी कुछ मिनट या घंटे में ही खत्म हो जाती है। हालांकि, हिचकी यदि कई दिन या हफ्ते तक जारी रहे तो यह गंभीर समस्या हो सकती है। अमेरिका में हर साल हिचकी से होने वाली परेशानी के कारण चार हजार लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं। तनाव, बेचैनी आदि के कारण भी हिचकी आ सकती है। इसके अलावा निमोनिया, मस्तिष्क व पेट के ट्यूमर, पार्किंसन, डायबिटीज और किडनी की बीमारियों के कारण भी हिचकी आ सकती है।


हिचकी को रोकने के कुछ घरेलू उपचार

1. पिप्पली, आंवला, सौंठ इनके 2-2 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम खांड तथा 1 चम्मच शहद मिलाकर बार-बार प्रयोग करने से हिचकी तथा श्वास रोग शांत होते हैं।

2. आंवले के 10-20 मिलीलीटर रस और 2-3 ग्राम पीपल का चूर्ण, 2 चम्मच शहद के साथ दिन में सुबह-शाम सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।

3. 10 मिलीलीटर आंवले के रस में 3 ग्राम पिप्पली चूर्ण और 5 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से हिचकियों से राहत मिलती है।

4. आंवला, सौंठ, छोटी पीपल और शर्करा के चूर्ण का सेवन करने से हिचकी नहीं आती है।

5. आंवले के मुरब्बे की चाशनी के सेवन से हिचकी में बहुत लाभ होता है।


6. नींबू और शहद (1-1 चम्मच) को मिलाकर चाट लें।

7. शक्कर के साथ पुदीने की पत्तियों का सेवन करें।

8. 2-3 कालीमिर्च और मिश्री मिलाकर मुंह में रख लें। आंवले के साथ भी मिश्री मिलाकर खा सकते हैं।

9. मलाई या मक्खन में थोड़ी-सी काली मिश्री मिलाकर खाने से भी हिचकी रुक जाती है।