आजकल देखा जाता हैं कि व्यक्ति को अपनी इस अव्यवस्थित जीवनशैली के चलते अपने लिए समय नहीं मिल पाता हैं जिस वजह से व्यक्ति मानसिक तनाव की स्थिति में आ जाता हैं और अवसाद, स्ट्रेस उनके जीवन का हिस्सा बन जाता हैं। मानसिक तनाव या मानसिक बीमारी आपके शरीर को अंदर से खोंखला कर देती हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते मानसिक बिमारी का पता लगाया जाए और उचित इलाज करवाया जाए। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे संकेत बताने जा रहे हैं जो मानसिक बिमारी की ओर इशारा करते हैं।
लोगों से बात करने से बचना
एक व्यक्ति पूरे तर्क को सुनने की उम्मीद नहीं कर सकता है, यह एक असहमति है पर इसे कहना भी जरूरी है। जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन और किसी मानसिक डिसऑर्डर का शिकार हो रहा होता है, तो वो पहले बातचीत बंद कर देता है। उसके बाद वो धीरे-धीरे लोगों से कटना शुरू कर देता है और अंत में चुप रहता है। इसके साथ ही ऐसे लोग धीरे-धीरे खोने लगते हैं। किसी भी व्यक्ति में अगर आप इस तरह के किसी भी संकेतों को पाएं तो उनका ख्याल रखें और उनकी केयर करें। वहीं जैसे ही आपको लगे कि एक बार-बार हो रही है को डॉक्टर से बात करें।
लोगों से हमेशा मदद मांगना
ऐसे लोगों में आप पाएंगे कि रह-रह कर ये मदद की मांग करने लगते हैं। उनमें हर चीज के लिए धैर्य खत्मा हो जाता है। वो मन ही मन इतना परेशान होते हैं कि आस-पास के लोगों से मदद मांगते हैं। उन्हें लगता है कोई उनकी मदद कर दे। यह सब उनके भीतर चिंता का निर्माण करते हैं। ऐसे लोग को या तो लोगों से मदद मांगने की आदत हो जाती है या फिर ये भीड़ और भाड़ में अकेले कोई भी काम या फैसला लेने से बचने लगते हैं। इस तरह ये बड़े स्तर पर बढ़ जाना आपको मानसिक रूप से बीमार बना सकता है।
काम के वक्त घबराना और उसे न करना
चाहे बात समय पर कहीं पहुंचने के बारे में हो या समय सीमा को पूरा करने के बारे में, मानसिक तौर पर बीमार व्यक्ति इसे कर नहीं पाता। ऐसे लोग बढ़ते हुए समय और घड़ी देख कर काम नहीं कर पाते हैं और परेशान होने लगते हैं। कई बार समय समय पर काम करने में इन्हें इतनी परेशानी होती है कि घबराहट के कारण उनके अंदर भटकाव और चिंता पैदा हो जाती है। कितनी बार तो ये लोग इतनी तेजी से परेशान होते हैं कि वे कोई काम नहीं कर पाते और काम करना बंद कर देते हैं।
जब आप हमेशा कुछ न कुछ बड़बड़ाने लगे
आपने कई बार ऐसे लोगों को देखा होगा जिन्हें देखकर लगता हो कि ये कुछ न कुछ मन में बोल रहा है। ऐसे लोगों में दरअसल ये आदत अकेलेपन और स्ट्रेस के कारण होती है। पर वक्ते के साथ वे इसे समझ नहीं पाते और ये बढ़ने लगता है। फिर आप ऐसे लोगों में देखेंगे कि वो हर समय खाली बैठकर या शांत बैठकर बड़बड़ाने लगते हैं। दरअसल इन लोगों का दिमाग बहुत तेज गति से चलने लगता है, इतना कि वे जब सोते हैं तब भी उनका दिमाग काम करता रहता है। ये बेहद खतरनाक स्थिति है। अगर आपके साथ या आपके परिवार में किसी के साथ ये हो रहा है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाएं और उसका मेंटल हेल्थ चेकअप करवाएं।