लंबी हाइट वालों के लिए हाल ही में की गई यह स्टडी झटका दे सकती है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि छोटी हाइट वालों की तुलना में लंबी हाइट वाले लोगों को एक बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इस खतरनाक बीमारी का नाम है टेस्टिकुलर कैंसर। टेस्टिकुलर कैंसर पुरुषों के टेस्टिकल्स (अंडकोष) में होने वाला कैंसर है। टेस्टिकल्स पुरुषों के पेनिस के नीचे स्थित होते हैं। इनका काम रिप्रोडक्शन के लिए सेक्स हार्मोन और स्पर्म का प्रोडक्शन करना है। बाकी कैंसर से तुलना की जाए तो टेस्टिकुलर कैंसर होने के चांसेस काफी कम होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, टेस्टिकुलर कैंसर होने पर टेस्टिकल्स में असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। यह कैंसर आमतौर पर 15 से 49 साल के पुरुषों में होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बाकी कैंसर की तुलना में टेस्टिकुलर कैंसर यंग पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करता है। कई रिचर्स में यह बात भी सामने आई है कि बाकी देशों के पुरुषों की तुलना में व्हाइट पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है। लेकिन इस बात के अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबी हाइट वाले पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर का खतरा अधिक होता है। यूके की कैंसर रिसर्च का कहना है कि इस बात के कई सबूत हैं कि जिन पुरुषों की हाइट नॉर्मल से ज्यादा होती है, उनमें छोटी हाइट वाले पुरुषों की तुलना में टेस्टिकुलर कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा पाया जाता है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि टेस्टिकुलर कैंसर के लिए कई तरह की चीजें जिम्मेदार होती हैं जैसे आप स्मोक करते हैं या नहीं, आपकी लाइफस्टाइल और फैमिली हिस्ट्री।
टेस्टिकुलर कैंसर के शुरुआती लक्षण- टेस्टिस में गांठ हो जाना जिसमें किसी तरह का दर्द ना हो।
- टेस्टिस में सूजन की समस्या होना। इसमें दर्द भी हो सकता है और नहीं भी।
- टेस्टिस में अक्सर दर्द रहना।
- मेल चेस्ट में कोमलता आ जाना।
- टेस्टिस का सिकुड़ जाना।
- टेस्टिस में लगातार दर्द रहना और अनकंफर्टेबल महसूस करना।
- टेस्टिस में किसी तरह का द्रव बनने लगना।
टेस्टिकुलर कैंसर के कारणफैमिली हिस्ट्री- अगर आपके परिवार में कोई व्यक्ति पहले कोई टेस्टिकुलर कैंसर की समस्या से पीड़ित रहा हो तो, उस परिवार के हर व्यक्ति को थोड़ा सावधान रहने की जरुरत है। साथ ही समय - समय पर जांच करानी होगी।
आयु- टेस्टिकुलर कैंसर उम्र पर भी निर्भर करता है। 15 से 49 साल के पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
अनडिसेंडेड टेस्टिकल- यह समस्या कुछ बच्चों में जन्म से ही होती है। अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है तो उसे टेस्टिकुलर कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। हालांकि इस स्थिति को बचपन में ही उपचार प्रक्रिया के जरिए ठीक कर दिया जाता है। लेकिन इसके बावजूद भविष्य में यह टेस्टिकुलर कैंसर की वजह बन सकते हैं।
एबनॉर्मल टेस्टिकल डेवलपमेंट - क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम जैसी स्थिति होती है जिसकी वजह से टेस्टिकुलर कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
इंफर्टिलिटी - इन्फर्टाइल पुरुषों में टेस्टिकुलर कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा कई दूसरे इंफर्टिलिटी कारण हैं जो टेस्टिकुलर कैंसर की वजह बन सकते हैं।