जीवनशैली में आए ये बदलाव दर्शाते हैं डिप्रेशन, नजरअंदाज करना पड़ेगा भारी

वर्तमान समय की जीवनशैली और खानपान की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। लेकिन इसी के साथ ही मानसिक तनाव भी बढ़ने लगा हैं जो कि इंसान को अंदर से ही समाप्त कर देता हैं। लंबे ससमय से तनाव में फंसा व्यक्ति खुद को कभी भी नुकसान पहुंचा सकता हैं। ऐसे में आज हम आपको जीवन में तनाव से होने वाले बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ेगा। तो आइये जानते हैं इन लक्षणों के बारे में।

- जब कोर्टिसोल का उत्पादन बढ़ता है तो रोग से लड़ने वाले सफेद ब्लड कोशिकाओं कम होने लगती हैं। ऐसा होने पर आपके शरीर की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम होने लगती है जिससे व्यक्ति जल्दी इंफेक्शन व अन्य प्रॉब्लम्स का शिकार होने लगता है।

- बहुत सी महिलाओं को तनाव होने पर एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या होने लगती हैं इसी के चलते उन्हें बहुत ज्यादा भूख लगती हैं और कइयों को ठूस ठूस कर खाने की इच्छा होती है।

- स्टडी के अनुसार, जब व्यक्ति तनाव में होता है तो वह दर्द के प्रति उसकी सहनशीलता कम हो जाती है। पुराना दर्द इन समय के दौरान बढ़ जाता है ऐसा कोर्टिसोल हार्मोन की उथल-पुथल के चलते होता है।

- रोजमर्रा के छोटे-छोटे काम में दिक्कत आने लगती हैं क्योंकि तनाव आपके दिमाग पर असर करता हैं तो आपको हर छोटे-बड़े काम में दिक्कत आती है।

- तनाव में मीठी चीजें सबसे ज्यादा आकर्षक लगती है। हाई फैट और हाई शुगर फुड्स खाने की क्रेविंग होती है। तनाव में बॉडी को ज्यादा कैलोरी की जरूरत होती हैं क्योंकि यह खाने या ना खाने पर यह आपको अगले भोजन तक एक्टिव रखने में रखने में मदद करता है।

- जब आप लंबे समय तक तनाव में रहते हैं तो व्यक्ति अलग तरह से व्यवहार करना शुरु कर देता है। ज्यादातार चिड़चिड़ापन व अंशात महसूस करते हैं। बहुत लोगों का इस स्थिति में ‌‌व्यवहार अभद्र हो जाता है। वह ना तो ठीक से सो नहीं पाते हैं।

- आप सोच रहे होंगे कि तनाव के चक्कर में स्किन कैसे सेंसिटिव हो जाती हैं तो बता दें कि आंत, ब्रेन और त्वचा अंतरंग रूप से जुड़े हुए हैं। जब आंत में माइक्रोबायम बाधित हो जाता है तो इससे सूजन बढ़ती है जो ब्रेन और त्वचा सहित पूरे शरीर को प्रभावित करता है। शरीर में कोर्टिसोल का उत्पादन बढ़ता है तो तेल उत्पादन और मुंहासे की समस्या को भी बढ़ा देता है।

- ऐसा एकदम नहीं बल्कि तनाव के कुछ महीने बाद दिखता है। बाल पतले होने लगते या झड़ने लगते हैं। यहां तक बाल तेजी से सफेद होने भी शुरु हो सकते हैं।

- ऐसे स्थिति में व्यक्ति की सेक्शुअल एक्टिविटी या तो कम हो जाती हैं या ज्यादा क्योंकि तनाव आपके सेक्स हार्मोंन को इफेक्ट करता है।