कैंसर के अलावा भी कई बीमारियों का कारण बनता हैं सिगरेट पीना, जानें इसके नुकसान

इंसान की सेहत उसकी आदतों से जुड़ी होती हैं। आपकी गलत आदतें ही स्वास्थ्य को खराब करने का काम करती हैं। आजकल के युवाओं में कई बुरी आदतें देखने को मिलती हैं जिसमें से एक हैं स्मोकिंग अर्थात सिगरेट पीना। सिगरेट पीना आजकल युवाओं का फैशन बन चुका हैं। सिगरेट पीने वाले अपनी सेहत की परवाह किए बिना बैक-टू-बैक स्मोकिंग करते हैं। सिगरेट के धुएं में निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, फॉर्मलाडीहाइड, आर्सेनिक, अमोनिया, सीसा, बेंजीन, ब्यूटेन, कैडमियम, हेक्सामाइन, टोल्यूनि जैसे कई हानिकारक रसायन देखने को मिलते हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिगरेट केवल कैंसर ही नहीं बल्कि शरीर में और भी कई बीमारियां पैदा करती है। यहां हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

सांस फूलना

स्मोकिंग करने से धुएं में मौजूद टार हमारे फेफड़ों में जमा हो जाता है, जिससे हमारी नलियां ब्लॉके हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति को थकान, सांस फूलने जैसी परेशानी होती है।सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड हमारे ब्लड में ऑक्सीजन लेवल को कम कर देती है। जिससे शरीर के सभी अंगों को भारी नुकसान हो सकता है।

मधुमेह का खतरा

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित 2007 के एक अध्ययन के मुताबिक सक्रिय बीड़ी धूम्रपान टाइप-2 मधुमेह के खतरे से जुड़ा हुआ है। यह ग्लूकोज चयापचय को भी बिगाड़ता है, जो कि टाइप 2 मधुमेह की शुरुआत हो सकती है। इसके अलावा, यह बॉडी मास इंडेक्स स्वतंत्र तंत्र के माध्यम से मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है। डायबिटीज के जर्नल में 2012 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि धुएं और सक्रिय धूम्रपान महिलाओं में टाइप 2 मधुमेह के खतरे से जुड़े हुए है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिलाओं को गर्भस्राव संबंधी मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है और बच्चे को बाद में मधुमेह का खतरा हो सकता है।

प्रजनन क्षमता में कमी

प्रजनन क्षमता में कमी के लिए धुम्रपान काफी हद तक जिम्मेदार है। एक शोध के अनुसार धूम्रपान, भ्रूण के विकास में पुरुष के शुक्राणुओं और कोशिकाओं की संख्या को नुकसान पहुंचाते हैं। महिलाओं के द्वारा धूम्रपान करने से गर्भस्राव या जन्म देने वाले बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है। इसके अलावा, धूम्रपान से ओवुलेशन समस्याएं हो सकती है।

गले में खराबी

सिगरेट के धुएं से गले में मौजूद पतली झिल्ली को काफी नुकसान होता है। जिससे बार-बार गला सूखता है और गले में परेशानी महसूस होती है। स्मोकिंग से आवाज पर असर पड़ता है। धुएं के कारण वोकल कोर्ड को नुकसान पहुंचता है, जिससे आवास खराब हो सकती है।

फेफड़ों का कैंसर

सिगरेट पिने से फेफड़े के कैंसर की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार तम्बाकू धूम्रपान और फेफड़े के कैंसर के खतरे के बीच एक मजबूत संबंध है। गैर-धूम्रपान करने वालो पर भी फेफड़ों के कैंसर के विकास का जोखिम है। धूम्रपान करने वाली महिलाएँ को पुरुषों के मुकाबले फेफड़ों के कैंसर का ख़तरा अधिक है।

ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक

स्मोकिंग करने से ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना 2 से 4 गुना तक बढ़ जाती है। साथ ही स्मोकिंग करने से हृदय की धमनियां पतली होने लगती हैं, जिसके कारण खून का बहाव कम होने लगता है। ऐसे में व्यक्ति को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

घाव भरने में देरी

सिगरेट के धुएं में मौजूद कई यौगिक घाव के उपचार को रोकते हैं। धूम्रपान करने वाले में मैक्रोफेज की कमी आती है जो उपचार में देरी का कारण बनता है। धूम्रपान करना लाल रक्त कोशिकाओं, हड्डी की कोशिकाओं और यहां तक कि सफेद रक्त कोशिकाओं को भी नुकसान पहुँचाता है, जो उपचार के लिए जरूरी हैं।

डिमेंशिया का खतरा

धूम्रपान करने वाले दोनों पुरुष और महिलाओं में डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग होने की संभावना अधिक होती है और बाद के वर्षों में मानसिक पतन का अनुभव भी कर सकते हैं। सिगरेट में मौजूद निकोटीन मस्तिष्क के लिए हानिकारक है और डिमेंशिया या अल्जाइमर रोग की शुरूआत को बढ़ाता है। इसके अलावा, धूम्रपान ना करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले में समय के साथ अवसाद, घबराहट संबंधी विकार या सिज़ोफ्रेनिया विकसित होने की अधिक संभावना है।