आजकल खाना सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि स्टाइलिश भी होना चाहिए। रेस्तरां और कैफे में स्मोकी इफेक्ट डालकर खाने को और आकर्षक बनाने का चलन तेजी से बढ़ा है। स्मोकी फूड वे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें धुएं का स्वाद और खुशबू होती है। यह स्वाद मुख्यतः खाना पकाने के दौरान लकड़ी के धुएं या स्मोकिंग प्रक्रिया से आता है। हालांकि, क्या यह सेहत के लिए लाभदायक है या हानिकारक? यह जानना जरूरी है।
क्या है स्मोक का विज्ञान?स्मोकी इफेक्ट के लिए आमतौर पर लकड़ी का धुआं या लिक्विड नाइट्रोजन का उपयोग किया जाता है।
लकड़ी का धुआं: खाने को हॉट स्मोक या कोल्ड स्मोक की प्रक्रिया से पकाया जाता है।
लिक्विड नाइट्रोजन: यह रासायनिक पदार्थ -196°C तापमान पर होता है। इसका प्रयोग खाने को धुएं से ढकने के लिए किया जाता है।
चेतावनी:लिक्विड नाइट्रोजन त्वचा और आंतरिक अंगों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके संपर्क से स्किन सेल्स को नुकसान हो सकता है और पाचन तंत्र को गंभीर क्षति पहुंच सकती है।
स्मोकी फूड के स्वास्थ्य पर प्रभाव
सांस और फेफड़े: धुएं में मौजूद छोटे कण सांस के जरिये फेफड़ों में पहुंचकर एलर्जी, अस्थमा और सांस संबंधी अन्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
पाचन तंत्र पर असर: स्मोकिंग प्रक्रिया के दौरान हानिकारक रसायन जैसे पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAHs) और हेटेरोसाइक्लिक एमाइन (HCAs) भोजन में घुल जाते हैं। यह पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लिवर तथा किडनी की समस्याएं बढ़ा सकते हैं।
सोडियम की अधिकता: स्मोकी फूड में अक्सर अधिक मात्रा में नमक और प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं। इससे हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और किडनी संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
पोषक तत्वों की कमी: उच्च तापमान पर पकाने से भोजन के विटामिन और खनिज नष्ट हो जाते हैं, जिससे उसकी पौष्टिकता कम हो जाती है।
बचाव के उपाय - स्मोकी फूड का कम से कम सेवन करें।
- ग्रिल, बेक या स्टीम फूड को प्राथमिकता दें।
- खाना पकाने का तापमान नियंत्रित रखें ताकि धुएं का असर कम हो।
- ताजे और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उपयोग करें।
विशेषज्ञों की रायविशेषज्ञों के अनुसार, स्मोकिंग प्रक्रिया से बने भोजन में कैंसरजनक यौगिक पाए जाते हैं। यह स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकते हैं, खासकर जब लंबे समय तक ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाए।
नोट: स्मोकी फूड भले ही देखने और खाने में आकर्षक लगे, लेकिन इसके स्वास्थ्य जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बेहतर है कि आप ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं और स्वस्थ खानपान को अपनाएं।