अधिकांश माता-पिता अपने बच्चों को तकिये के साथ सोने की आदत डालते है, जिसके चलते बच्चे इनके बिना सो भी नहीं पाते। लेकिन आपको बता दे, एक्सपर्ट्स के अनुसार बिना तकिये के सोना ज्यादा बेहतर और फायदेमंद होता है क्योंकि इससे शरीर एक नेचुरल स्थिति में होता है तथा नींद भी वैसी ही आती है जैसी एक छोटे बच्चे को आनी चाहिए। ऐसे में आइए जानते है तकिये के बिना सोने के फायदों के बारे में...
पीठ दर्द में आरामतकिया लगाकर सोने से रीढ़ की हड्डी की प्राकृतिक स्थिति बदलकर धीरे-धीरे टेढ़ी होने लगती है, जिसकी वजह से पीठ दर्द की समस्या उपन्न हो जाती है। वहीं बिना तकिये के सोने से हमारी गर्दन की स्पाइन की दिशा में सही रहती है, जिसकी वजह से पीठ में दर्द नहीं होता है।
नहीं होगा गर्दन में दर्दजो लोग सोने के लिए तकिये का इस्तेमाल करते हैं उनके अक्सर गर्दन के दर्द की शिकायत रहती है। खासकर सुबह उठते वक्त उनकी गर्दन अकड़ जाती है। इसके पीछे वजह है कि तकिये के इस्तेमाल करने से शरीर की नर्व डैमेज हो जाती है, जिससे दर्द शुरू हो जाता है।
मुहांसों से मिली मुक्तिरात को सोते समय कम-से-कम 7-8 घंटे तक चेहरा आपके पिलो के संपर्क में रहता है। ऐसे में तकिए पर जमा धुलमिट्टी हमारे चेहरे पर चिपक जाती है, जिससे चेहरे पर मुहांसे हो सकते हैं। यदि तकिए का कवर हर 3 से 4 दिन में नहीं धुलता है तो आपका तकिया बैक्टीरिया का घर बन जाता है। यही वजह है कि सोते समय तकिया मुंह पर लगने से चेहरे पर मुंहासे हो सकते हैं।
सिरदर्द से छुटकारातकिया लगाकर सोने से सिर में रक्त का संचार कम होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई भी पूर्ण रूप से नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से सुबह उठने पर हल्का-हल्का सिर में दर्द होने की शिकायत रहती है।
दिनभर रहेंगे फ्रेशएक्सपर्ट्स की मानें तो 8-10 घंटे की अच्छी नींद व्यक्ति को मेंटली फ्रेश रखती है। जिसकी वजह से वो अगले दिन किसी तरह की कोई थकान महसूस नहीं करता है। लेकिन कई बार मोटा-पतला तकिया होने की वजह से व्यक्ति को पूरी नींद नहीं आती है। जिसके चलते अगले दिन मेंटली फ्रेश नहीं हो पाते है और दिनभर थकान महसूस होती है।
अवसाद और तनाव से मिलता छुटकाराअच्छी क्वालिटी का तकिया इस्तेमाल न करने पर व्यक्ति को रात भर अच्छी नींद नहीं आती है। जिसकी वजह से वो अगले दिन बेहद चिड़चिड़ापन और तनावग्रस्त महसूस करने लगता है। लेकिन बिना पिलो के आप रात भर आरामदायक तरीके से सो सकते हैं। जिससे अगले दिन आपको तनाव, अवसाद या चिड़चिड़ापन की शिकायत नहीं रहती है।