पूरी दुनिया में कोरोना से 34 लाख 79 हजार 521 लोग संक्रमित हैं। 2 लाख 44 हजार 581 जान जा चुकी है, जबकि 11 लाख 8 हजार 23 ठीक हो चुके हैं। अमेरिका में 24 घंटे में करीब 1638 लोगों की जान गई है। कोरोना महामारी के हर दिन नए-नए लक्षण देखने को मिल रहे है। हालिया एक शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस का बुरा असर इंसान की त्वचा पर भी दिखने लगा है। स्पेन के कुछ डर्मटालॉजिस्ट का कहना है कि उन्होंने कोविड-19 (Covid-19) से ग्रस्त मरीजों की त्वचा में कई असामान्य लक्षण देखे हैं। हालांकि स्किन पर नजर आने वाले ऐसे निशानों से एसिम्प्टोमैटिक मरीजों की पहचान हो सकती है।
स्पेनिश डर्मटालॉजिस्ट ने बताया कि त्वचा पर नजर आने वाली इस गंभीर बीमारी से एसिम्पटोमैटिक (न दिखाई देने वाले लक्षण) मरीजों की पहचान की जा सकती है। स्पेन में यह रिसर्च कोरोना संक्रमितों के अलावा दो हफ्तों से त्वचा संबंधी समस्या झेल रहे लोगों पर हुआ है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ डर्मटोलॉजी में प्रकाशित इस शोध में एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि कोरोना वायरस के शिकार 19% लोगों के हाथ और पैरों पर छाले दिखाई दिए हैं। इसके अलावा भी त्वचा पर कई अलग-अलग तरह के दाग-धब्बे देखे गए हैं।
हाथ और पैरों के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में इस तरह के छाले हो सकते हैं। 9% ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां हाथ और पैरों के अलावा शरीर के ऊपरी हिस्से में छाले या दाने मिले हैं। खून से भरे ये छाले धीरे-धीरे बड़े हो सकते हैं। कोरोना मरीजों के लगभग 47% मरीजों में मैक्युलोपैपुल्स की समस्या देखी गई है। इसमें शरीर की चमड़ी पर गहरे लाल रंग के निशाने आने लगते हैं। त्वचा पर नजर आने वाली यह समस्या 'पाइरियासिस रोसी' जैसे गंभीर रोग की तरह दिखाई देती है। शरीर पर नजर आने वाले इस तरह के छाले या धब्बे त्वचा पर उस जगह नजर आते हैं जहां रक्त वाहिकाओं का संचरण खराब होता है। इसकी वजह से रोगी की त्वचा का रंग गहरा लाल या नीला हो जाता है।
कुछ मामलों में शरीर पर लाल रंग के पित्त जैसे निशान भी देखने को मिले है। कोरोना संक्रमितों के 19% मामलों में शरीर पर लाल, गुलाबी या सफेद रंग के धब्बे देखे गए हैं।