28 सितंबर से चीन में शुरू हो रहा बच्चों पर भी कोरोना वैक्सीन का टेस्ट!

कोरोना के हालात से सभी वाकिफ हैं कि इसके आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। दुनियाभर में 3.05 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। वहीँ बीते शुक्रवार को देश में आए मामलों के साथ ही कुल 53.05 लाख केस सामने आ चुके हैं। दुनियाभर में नौ लाख 52 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसको देखते हुए दुनियाभर में कोरोना की वैक्सीन पर काम चल्र रहा हैं। चीन समेत कई देशों के वैक्सीन अंतिम चरण के ट्रायल में हैं। चीन की फार्मा कंपनी सिनोवैक बायोटेक द्वारा अब आगे बढ़ते हुए 28 सितंबर से बच्चों पर भी कोरोना वैक्सीन टेस्ट की तैयारी की जा रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की फार्मा कंपनी सिनोवैक बायोटेक ने यह योजना बनाई है, जिसका ट्रायल पहले से ही व्यस्कों पर चल रहा है और वह अंतिम चरण में है।

सिनोवैक बायोटेक के मुताबिक, कुल 552 स्वस्थ प्रतिभागियों, जिनकी उम्र तीन से 17 साल होगी, उनको इस वैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी, जिसमें कुछ दिनों का अंतर रखा जाएगा। माना जा रहा है कि यह ट्रायल उत्तरी चीनी प्रांत हेबै में 28 सितंबर से शुरू हो सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिनोवैक बायोटेक के प्रवक्ता ने बताया कि ट्रायल के लिए चीन की नियामक से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि चीन में कम से कम 10 हजार नागरिकों को प्रयोगात्मक तौर पर इस वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया था कि वैक्सीन निर्माता कंपनी लगभग 90 फीसदी कर्मचारियों और उनके परिवार के लोगों को पहले ही टीका दिया जा चुका है।

क्या बच्चों में कोरोना का खतरा ज्यादा है?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों और किशोरों पर कोरोना वायरस का असर सबसे कम देखने को मिला है। पूरी दुनिया में 20 साल से नीचे के 10 फीसदी से भी कम लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं जबकि 20 साल से कम उम्र के 0।2 फीसदी से भी कम लोगों की इस वायरस के कारण मौत हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रस अधनोम का भी कहना है कि उनमें इसका गंभीर संक्रमण नहीं दिखता, लेकिन इसको लेकर अभी और शोध करने की जरूरत है।

नौजवान सबसे ज्यादा फैला रहे हैं संक्रमण

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लैंड से लेकर जापान और जर्मनी से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक कई देशों में नौजवानों को कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। जापान में 20 और 29 साल के लोगों में सबसे ज्यादा संक्रमण पाया गया है। कुछ इसी तरह की स्थिति ऑस्ट्रेलिया में भी देखी गई है। कई अधिकारियों का कहना है कि नौजवान बिना किसी डर के और सामाजिक दूरी का पालन ना करते हुए बाहर घूम-फिर रहे हैं।