रिसर्च में हुआ खुलासा, मोटापा बढ़ाता हैं कोरोना वायरस से मौत का जोखिम

कोरोना के बढ़ते मामलों का कारण माना जा रहा हैं लोगों की लापरवाही। जी हां, लोग कोरोना नियंत्रण में आने से बेखौफ होकर बिना मास्क के घरों से बाहर निकल रहे है। इस कारण से एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। इसी के साथ ही लोगों ने अपनी सेहत का ख्याल रखना भी छोड़ दिया हैं और फिर से मोटापे की ओर गतिमान होने लगे हैं। आपकी यह लापरवाही आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आया हैं कि गंभीर मोटापा कोविड-19 के कारण मरीज के अस्पताल में भर्ती होने और मौत का जोखिम बढ़ाता है।

यह अध्ययन अमेरिका के कम से कम 200 अस्पतालों में भर्ती लगभग एक लाख 50 हजार वयस्कों पर किया गया है, जो वजन और कोविड-19 के गंभीर परिणामों के बीच संबंध की एक विस्तृत तस्वीर पेश करता है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ताओं की एक टीम ने यह अध्ययन किया है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, मरीजों के बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई के आधार पर कोरोना का जोखिम बढ़ जाता है। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में 45 या उससे अधिक बॉडी मास इंडेक्स वाले कोरोना मरीज, जो गंभीर मोटापे की श्रेणी में आते हैं, उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 33 फीसदी है, जबकि ऐसे लोगों की मौत की संभावना 61 फीसदी है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि मोटापा, जिसे 30 या उससे अधिक के बॉडी मास इंडेक्स के रूप में परिभाषित किया गया है, उसने अस्पताल में भर्ती होने और मौत दोनों के जोखिम को बढ़ा दिया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में 30 से 34।9 बीएमआई वाले मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना सात फीसदी और मौत की संभावना आठ फीसदी थी, लेकिन बॉडी मास इंडेक्स बढ़ने के साथ ही जोखिम भी तेजी से बढ़ा।

अध्ययन के मुताबिक, मोटापे और कोरोना के खराब परिणामों के बीच का संबंध 65 साल से कम उम्र के मरीजों में सबसे मजबूत था, जबकि यह शोध बुजुर्गों पर भी किया गया था। हालांकि पहले हुए कुछ छोटे अध्ययनों में भी मोटापे और बुजुर्गों में कोविड-19 की गंभीरता के बीच मजबूत संबंध नहीं पाए गए हैं।