भारत के हर कोने में आसानी से सुलभ है सहजन का पेड़, फल और पत्ते इन रोगों में लाभदायक

सहजन को मोरिंगा, ड्रमस्टिक जैसे नामों से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। यह पौधा भारत में हर एक कोने में आसानी से मिल जाता है। आयुर्वेद के अनुसार यह बहुत ही पावरफुल औषधि मानी जाती है। सहजन का पौधा भरपूर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-कैंसर गुण से भरा होता है। पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण कुछ लोग इसे 'सुपरफूड' भी कहते हैं।

सहजन का पेड़ बहुत ही तेजी से बढ़ता है और इसकी फलियों के साथ इसके पत्ते और फूल का भी इस्तेमाल खाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा सहजन की पत्तियों में क्वरसेटिन और क्लोरोजेनिक एसिड नाम के पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर की सूजन, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ-साथ पेट संबंधी समस्याओं से भी निजात दिलाते हैं। सहजन के ये तीनों भाग बहुत गुणकारी होते हैं।

हड्डियों के लिए सहजन के फायदे

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों की देखभाल और उन्हें स्वस्थ रखना भी जरूरी है। आप अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए सहजन का सेवन कर सकते हैं। मोरिंगा को कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस का अच्छा स्रोत माना गया है, जो हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्व हैं। इन गुणों की मौजूदगी की वजह से सहजन हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा इसमें एंटी-ऑस्टियोपोरोटिक गुण भी होते हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी की बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।


लिवर स्वस्थ रखे

सहजन के पत्तों के रस में सिलिमारिन जैसे घटक होते हैं जो लिवर एंजाइम फंक्शन को बढ़ाते हैं। यह घटक यकृत को भी प्रारंभिक क्षति से भी बचाता है जो उच्च वसा के सेवन या यकृत रोग के कारण होती है।


इम्यूनिटी मजबूत करता है

सहजन के पत्तों में बहुत सारे एंटीऑक्सींडेंट और विटामिन होते हैं जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं की कार्य क्षमता को बढ़ाने और वायरस या बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं।


आंखों के लिए बेस्ट

आंखों के लिए भी सहजन अच्छा है। जिनकी रोशनी कम हो रही है हो तो सहजन की फली, इसकी पत्तियां और फूल का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिए।


कब्ज की समस्या करता है दूर

पेट दर्द या पेट से जुड़ी गैस, अपच और कब्ज़ जैसी समस्याओं में सहजन के फूलों का रस पीएं या इसकी सब्जी खाएं या इसका सूप पीएं। ज्यादा फायदा चाहिए तो दाल में डालकर पकाएं।



दूध कम बन पाने की दिक्कत

जिन प्रसूताओं को दूध कम बन पाने की दिक्कत होती है, वो सहजन के फूल सुखाकर या इसका काढ़ा बनाकर पीना शुरू कर दें। असर सकारात्मक दिखेगा।

यूरीन इंफेक्शन

महिलाओं में यूरीन इंफेक्शन की समस्या बेहद आम है। इसको दूर करने के लिए सहजन के फूलों की चाय बनाकर इसका सेवन करना चाहिए।


पथरी के दर्द में मिलता है आराम

सहजन के पत्ते की सब्जी के नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी में राहत मिलती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व गुर्दे की पथरी को तोड़ने और मूत्र के माध्यम से इसे बाहर निकालने में सहायक होते हैं।

दिल की बीमारी

दिल की बीमारी में भी यह बहुत फायदेमंद होता है। कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है।