इन चार तरीकों से करे सौंफ का सेवन, 30 से 26 हो जाएगी आपकी कमर

बढ़ते वजन को रोकना आज के समय में एक बड़ी चुनौती बन गया है। दरअसल, इन दिनों लोग घर पर रहकर काम कर रहे हैं ऐसे में वजन को बढ़ने से रोकना ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। हालाकि, अगर आप नियमित व्यायाम और स्वस्थ भोजन को अपनी दिनचर्या में शामिल करते है तो आपका वजन बढ़ने से रुक सकता है लेकिन हर किसी के लिए डाइट और फिटनेस का तालमेल बनाना मुश्किल हो गया हैं। ऐसे में अगर आप अपने वजन को बढ़ने से रोकना चाहते है तो आप नियमित रूप से सौंफ खाना शुरू कर दीजिए। जी हां, यह कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं है, बल्कि कम समय की खपत के साथ सौंफ वजन कम करने का एक शानदार तरीका है। सबसे अच्छी बात यह है कि सौंफ हर भारतीय किचन में बड़ी आसानी से मिल जाती है।

सौंफ में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, इस प्रकार यह इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने , पाचन में सुधार करने और वजन घटाने में मदद करती है। ऐसे में अगर आप सौंफ की मदद से वजन कम करना चाहते है तो हम आपको सौंफ के इस्तेमाल के चार तरीके बताने जा रहे है जिन्हें अगर आप नियमित अपनाते है तो कुछ ही दिनों में बढ़ा हुआ वजन कम होने लगता हैं...

​सौंफ की चाय बनाकर पीएं

सौंफ की चाय वजन घटाने में बहुत कारगार साबित होती है। इसे बनाने में ज्यादा खर्चा नहीं होता है। इसे बनाने के लिए चाय के लिए पानी उबालते समय बस एक चम्मच सौंफ डाल दें। सौंफ डालते समय आधा बड़े चम्मच गुड़ डालें। सुबह हो या शाम सौंफ की स्वादिष्ट चाय का आनंद लें और अपने वजन को कम करें।

पाउडर के रूप में खाएं सौंफ

पाउडर के रूप में सौंफ का सेवन वजन घटाने में अच्छा विकल्प है। इसके लिए एक मुठ्ठी सौंफ लें। इसे अच्छी तरह से पीसकर पाउडर बना लें। सौंफ के पाउडर का इस्तेमाल आप चूर्ण बनाने के लिए भी कर सकते हैं। आप चाहें, तो इसमें मेथी के बीज, काला नमक , हींग और मिश्री को स्वाद और बेहतर पाचन गुणों के लिए इसमें मिला सकते हैं। इसे हर दिन खाने से एस्ट्रागोल, फेनचोन और एथेनॉल की उपस्थिति के कारण पाचन बेहतर होगा।

पानी के साथ करें सौंफ का सेवन

पानी के साथ सौंफ का सेवन आमतौर पर पेट में ऐंठन को कम करने और पाचन में सुधार करने के लिए किया जाता है। एक मुठ्ठी सौंफ लैं और इसे पानी से भरे गिलास में भिगो दें। रात भर भिगोकर रखें और सुबह छनकर इसका पानी पी लें। यह शरीर में विटामिन और मिनरल के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे वजन धीरे-धीरे घटने लगता है। सौंफ के पानी का सेवन आप दिन में दो बार कर सकते है। मोटापा कम करने का यह एक बेहतरीन और सबसे सस्ता तरीका है।

खाएं भुनी हुई सौंफ

वजन कम करने के लिए भुनी हुई सौंफ खाना भी बहुत फायदेमंद है। इसके लिए एक बड़ा चम्मच सौंफ लें और इसे तवे पर धीमी आंच पर भूनें। भुनने के बाद इसमें हल्की सुंगध आने लगेगी। इसमें स्वाद के लिए थोड़ी मिश्री मिलाना अच्छा है। खाना पचाने के लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं। जानकर हैरत होगी , लेकिन यह मिश्रण मीठे की लालसा को कम करता है। आप चाहें, तो भुनी हुई सौंफ को पीसकर पाउडर भी बना सकते हैं और रोजाना दिन में कभी भी इसका सेवन कर सकते हैं।

वजन घटाने की किसी भी यात्रा में प्रोटीन एक जरूरी पोषक तत्व है। विशेषज्ञ कहते हैं कि बादाम और मूंगफली के साथ घर में कुछ स्नैक बार बनाएं और इसमें मुठ्ठीभर सौंफ मिलाएं। इससे आपको प्रोटीन मिलेगा और वजन भी तेजी से घट जाएगा।

सौंफ के फायदे

- सौंफ का उपयोग सबसे अधिक पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। पेट दर्द, पेट में सूजन और गैस जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के साथ ही अल्सर, दस्त और कब्ज आदि से राहत दिलाने में भी सौंफ कारगर साबित हो सकती है।
- आंखों में जलन या फिर खुजली हो रही है, तो सौंफ की भाप आंखों पर लेने से राहत मिल सकती है। आंखों की रोशनी बढ़ाने में विटामिन-ए और विटामिन-सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सौंंफ में विटामिन-ए पाया जाता है। इस प्रकार सौंफ के सेवन से बढ़ती उम्र में भी आपकी आंखों की रोशनी प्रभावित होने से बच सकती है।
- सौंफ को सदियों से श्वास संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। यह ब्रोनिकल मार्ग को साफ कर श्वास क्रिया को दुरुस्त रखती है।
- सौंफ का उपयोग आमतौर पर सांसों की ताजगी बनाए रखने के लिए किया जाता है। सौंफ के कुछ दानों को चबाने मात्र से ही सांसों की दुर्गंध दूर हो जाती है।
- सौंफ चबाने से मुंह में लार अधिक मात्रा में बनती है, जो बैक्टीरिया को दूर करने में मददगार साबित हो सकती हैं।
- सौंफ में फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में लाभदायक होता है।
- सौंफ में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कफ जैसी छोटी-मोटी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
- सौंफ में विटामिन-ई और विटामिन-सी पाए जाते हैं। विटामिन-सी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है, जिससे बढ़ती उम्र में मस्तिष्क की समस्याएं काफी हद तक कम हो सकती है।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी सौंफ लाभकारी हो सकती है। इसमें एथनॉल नामक तत्व पाया जाता है, जो फाइटोएस्ट्रोजन (phytoestrogen) है और महिलाओं में दूध बनने की क्षमता को बढ़ाता है।
- सौंफ में मौजूद पोटैशियम खून में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करता है और इसके दुष्प्रभाव से बचाता है। इसके अलावा, सौंफ में नाइट्रेट की भी मात्रा होती है, जो बल्ड प्रेशर को कम कर सकता है।
- सौंफ का उपयोग हर्निया के उपचार के लिए किया जाता रहा है और कुछ स्रोत इस बात की पुष्टि भी करते हैं।
- सौंफ खाने से स्तनों के आकार में वृद्धि हो सकती है, लेकिन इस संबंध में डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर होगा। साथ ही इस संबंध में कोई वैज्ञानिक शोध भी उपलब्ध नहीं है।
- सौंफ में पाया जाने वाला तेल मधुमेह रोगियों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है। यह खून में शर्करा की मात्रा को कम कर मधुमेह के खतरे को भी कम कर सकता है।
- लिवर की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी सौंफ का इस्तेमाल किया जा सकता है। सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं, जो लीवर को सेहतमंद बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं।