समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का सोमवार को 82 साल की उम्र में निधन हो गया। मुलायम सिंह यूरिन इन्फेक्शन, ब्लड प्रेशर की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के चलते 26 सितंबर से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। 2 अक्टूबर को उन्हें सांस लेने में तकलीफ और किडनी में परेशानी के चलते मुलायम सिंह को ICU में शिफ्ट किया गया था। करीब 8 दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे जाने के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और आज यानी सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। अस्पताल में मुलायम सिंह की निगरानी खुद मेदांता समूह के निदेशक डॉ नरेश त्रेहन कर रहे थे। मुलायम ने सुबह 8:16 पर आखिरी सांस ली। जब से मुलायम सिंह यादव अस्पताल में भर्ती हुए थे तब से लगातार उनके समर्थक और प्रशंसक उनकी बेहतर सेहत के लिए पूजा-प्रार्थना कर रहे थे।
मुलायम को कुछ दिन पहले रूटीन चेकअप के लिए मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि मुलायम सिंग यादव को पेशाब से जुड़ी समस्या यूटीआई और किडनी की समस्या हो गई थी। बढ़ती उम्र के साथ-साथ यह समस्या किसी को भी हो सकती है। बढ़ती उम्र में ब्लैडर और पेल्विक हिस्से की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। जाहिर है इससे किडनी के कामकाज पर बुरा असर पड़ता है।
किडनी की बीमारी क्या है?किडनी, शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करने का काम किडनी का ही होता है। यह सभी अशुद्धियां किडनी से होते हुए मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाती हैं। इसके अलावा किडनी, शरीर में पीएच, सोडियम और पोटेशियम के स्तर को भी नियंत्रित करती है। किडनी द्वारा ऐसे हार्मोन का भी उत्पन्न होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में सहायक होते हैं लेकिन जब किडनी खराब होने लगती है, तो शरीर में फ्लूइड, इलेक्ट्रोलाइट्स और वेस्ट बढ़ने लगते हैं। जिसके कारण धीरे-धीरे किडनी डैमेज हो जाती है।
किडनी खराब होने के लक्षण क्या हैं?किडनी की बीमारी की शुरुआत में लक्षण दिखने थोड़े मुश्किल होते हैं। लेकिन धीरे-धीरे शरीर जी मिचलाना, उल्टी, भूख कम होना, कम या ज्यादा पेशाब आना, नींद ना आना, मसल्स क्रैम्प, पैर और टखनों में सूजन, ड्राई स्किन, हाई ब्लड प्रेशर, सांस फूलने जैसे संकेत देने लगता है।
UTI समस्या क्या है?शरीर की मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से में संक्रमण होने को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहा जाता है। मूत्र प्रणाली में किडनी, यूरेटर, ब्लैडर और यूरेथ्रा शामिल होते है। यूटीआई की समस्या होने पर किडनी डैमेज, बार-बार इंफेक्शन होना, यूरेथ्रा नली का छोटा होना जैसी खतरनाक समस्या हो सकती हैं। यूटीआई के अधिकतर मामलों में ब्लैडर और यूरेथ्रा का इंफेक्शन बड़ा कारण होता है। यह रोग बड़े-बुजुर्गों या महिलाओं को होने का खतरा ज्यादा होता है।
UTI के लक्षण क्या हैं?- पेशाब का तेज दबाव
- पेशाब करते हुए जलन महसूस होना
- पेशाब के रंग में बदलाव
- पेशाब में खून आना
- पेशाब से बदबू आना
- पेशाब का निकल जाना
- महिलाओं में पेल्विक पेन होना
- तेज बुखार और ठंड
इन लोगों को UTI का खतरा ज्यादासेक्सुअली एक्टिव महिलाओं में इस इंफेक्शन की संभावना ज्यादा होती है। इसके अलावा कम पानी पीने वालों, एक दिन में कई बार नहाने वालों, बहुत देर तक पेशाब को रोक कर रखने वालों और किडनी स्टोन वालों में भी ये इंफेक्शन जल्दी होता है। यूरीन टेस्ट के जरिए यूटीआई के बारे में पता लगाया जा सकता है।
UTI और डायबिटीज डायबिटीज के मरीजों में UTI का खतरा ज्यादा होता है। डायबिटीज के मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। इसके अलावा हाई ब्लड शुगर यूरीन में फैलकर बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करता है। डायबिटीज के मरीजों का ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं होता है जिससे यूटीआई की संभावना बनी रहती है। डायबिटीज के मरीजों को इसका पहला लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।