शहद मधुमक्खियों द्वारा फूलों के रस से बनाया गया एक तरल पदार्थ है। इसे मधुमक्खियों द्वारा कई चरणों में काफी लम्बी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है। आयुर्वेद में शहद को एक औषधि का दर्जा हासिल है। शहद को आयुर्वेद में 'सेहत का खजाना' कहा जाता है। शहद ज़रूरी पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिन का भंडार है। शहद में मुख्य रुप में फ्रक्टोज पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी-6 (Vitamin B-6), विटामिन सी (Vitamin C) और एमिनो एसिड (Amino Acid) भी पाए जाते हैं। एक चम्मच (21 ग्राम) शहद में लगभग 64 कैलोरी और 17 ग्राम शुगर (फ्रक्टोज, ग्लूकोज, सुक्रोज एवं माल्टोज) होता है। शहद में फैट, फाइबर और प्रोटीन बिल्कुल भी नहीं होता है। शहद के औषधीय गुणों की बात करें तो यह अनगिनत बीमारियों के इलाज में उपयोगी मानी जाती है। यही कारण है कि प्राचीन काल से ही शहद को औषधि माना गया है। कई लोग चीनी के विकल्प के रूप में भी इसका उपयोग करते हैं। पीढ़ियों से लोग जागने के तुरंत बाद एक गिलास नींबू पानी के साथ शहद का सेवन करते आ रहे हैं। इससे न केवल शरीर से विषक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है बल्कि वजन भी तेजी से घटता है। आध्यात्मिक गुरू सद्गुरू ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है। उनके अनुसार, 'शहद का हमारे सिस्टम पर कई तरह से प्रभाव पड़ता है। अगर एक निश्चित तरीके से इसका सेवन किया जाए, तो यह मीठी चीज जहर में बदल सकती है।'
शहद बन जाता है जहरइंस्टाग्राम पोस्ट में आध्यात्मिक गुरू ने बताया है कि लोग अलग-अलग तरह से शहद का सेवन करते हैं। इसका प्रभाव भी अलग-अलग तरीके से पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर इसे कच्चा खाएं, तो इसका एक तरह का प्रभाव होता है। अगर इसे ठंडे या गर्म पानी के साथ लिया जाए, तो यह कुछ अलग तरह से शरीर को प्रभावित करता है। लेकिन जो लोग गर्म पानी के साथ शहद लेते हैं, उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। अगर शहद को उबलते पानी में डाला जाए, तो शहद के कुछ हिस्सा जहरीला हो जाता है। इसलिए इसे कभी भी उबलते या गर्म पानी में मिलाकर नहीं लेना चाहिए। सद्गुरू ने बताया कि अगर शहद को एक निश्चित तापमान पर पकाया जाता है, जो इसे जहरीला बनने में देरी नहीं लगती।
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरू के अनुसार, 'शहद को ऐसे तापमान में मिलाना चाहिए, जो कम से कम पीने लायक हो'।
विशेषज्ञों का मानना है कि शहद का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका कच्चा खाना है। अगर आप कुछ दूध या नींबू पानी के साथ इसे लेना भी चाह रहे हैं, तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि एक चम्मच शहद मिलाने से पहले पानी या दूध को ठंडा कर लिया जाए।
गर्म शहद है धीमा जहरआयुर्वेद की मानें, तो गर्म शहद धीमे जहर की तरह काम करता है। जिससे अमा हो सकता है। इसका मतलब शरीर में विषाक्तता से है। अमा एक दुर्गंधयुक्त, चिपचिपा, हानिकारक पदार्थ है, जिसे शरीर से पूरी तरह बाहर निकालने की जरूरत होती है। जब अमा शरीर में जमा होने लगता है, तो यह हमारे पूरे सिस्टम में ऊर्जा और पोषण के प्रवाह को रोक कर देता है।
शहद को कई चीजों के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है, जिसके अलग-अलग फायदे हैं। इन फायदों के बारे में हम आपको बतायेंगे...
लहसुन और शहद - एक शीशी में छिला हुआ लहसुन (थोडा सा कूटकर) और शहद को मिलकर 7 दिन रख दें। इसके बाद हर रोज सुबह खाली पेट एक लहसुन का सेवन करें। यह पुरुषों की कामशक्ति बढ़ाता है और कमजोरी दूर करता है। शहद लहसुन स्त्री-पुरुष की सेक्सुअल स्टैमिना को भी बढ़ाता है।
- इसके साथ ही इसके सेवन से सर्दी-जुकाम दूर होता है, वजन को भी कम किया जा सकता है, रक्त संचार सही होता है व बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है जोकि हार्ट की सेहत के लिए अच्छा है। इसके अलावा इसका सेवन दांतों को मजबूती प्रदान करता है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर डिटॉक्स करता है।
- ध्यान रखें कि यदि इसके सेवन से आपको सीने में जलन हो तो, खाली पेट न खाएं। भोजन के 1 घंटे बाद लें।
शहद और आंवला - सर्दी, खांसी और जुकाम होने पर शहद, आवंला और अदरक रस एक चम्मच मिलाकर दिन में 2-3 बार लें। खून की कमी दूर करने के लिए आंवला का रस और शहद मिलाकर सुबह-शाम लें।
- पुरुषों की शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए 1 चम्मच आंवला पाउडर या रस शहद में मिलाकर चाट लें। इसके आधे घंटे के बाद 1 गिलास दूध पी लें। ऐसा 3 महीने करने से शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है।
- महिलाओं की अनियमित माहवारी ठीक करने के लिए 1 चम्मच आंवला रस या चूर्ण शहद में मिलाकर लें। इसके सेवन से महिलाओं की शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है।
- पेट के सभी रोग, पाचन समस्या, कब्ज से छुटकारे के लिए आप शहद, आंवला मिश्रण में एक चुटकी अजवाईन मिलाकर ले सकते हैं। आवंला शहद का सेवन नेत्र-ज्योति तेज करता है।
शहद और दालचीनी- वजन कम करने के लिए आप शहद और दालचीनी की चाय पी सकते है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। कैंसर का खतरा कम होता है, पेट का अल्सर ठीक होता है।
- हृदय स्वस्थ रखने के लिए आप शहद और दालचीनी हल्के गर्म पानी में मिलाकर पी सकते है। इसके सेवन से धमनियों में कोलेस्ट्रॉल नहीं जमता।
- दालचीनी चूर्ण और शहद मिलाकर रात को मुहांसों पर लगायें और सुबह धो लें। मुहांसे ठीक होंगे और दाग भी नहीं रहेंगे।
- यूरिन में इन्फेक्शन होने पर शहद और दालचीनी चूर्ण को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से आराम मिलता है। जोड़ो का दर्द और जकड़न शहद और दालचीनी चूर्ण मिलाकर पीने से दूर होता है।
- जोड़ों में दर्द होने पर दालचीनी और शहद मिलाकर धीरे धीरे मालिश करें।
- साँसों की बदबू से छुटकारा पाने के लिए शहद, गुनगुना पानी, दालचीनी चूर्ण मिलाकर कुल्ला करें।
शहद और अखरोट- एक शीशी शहद में अखरोट छोटे टुकड़े करके डाल दें और ढक्कन टाइट बंद करके10 दिन किसी रौशनी से दूर ठंडी जगह रख दे। अखरोट और शहद के इस मिश्रण का 2 चम्मच सेवन नाश्ते से पहले करें। इसके सेवन से थाइरोइड ग्लैंड के सभी रोग, लक्षणों का निवारण हो जायेगा।
शहद और हल्दी- सांस सम्बन्धी समस्या के लिए 1/2 चम्मच पीसी हल्दी में शहद मिलाकर दिन में 3 बार एक हफ्ते तक लें, आराम होगा। सर्दी जुकाम होने पर शहद-हल्दी मिलाकर चाट लें और कुछ देर तक पानी न पियें।
शहद और दूधअच्छी नींद के लिए हल्के गर्म दूध में शहद मिलाकर लें। साथ ही नर्वस सिस्टम को रिलैक्स पहुंचाता है जिससे तनाव को दूर किया जा सकता है। दूध और शहद पीने से कब्ज दूर होता है, हड्डी मजबूत बनती है और दिमागी क्षमता में वृद्धि होती है।