रूस ने दी कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी, बताई इम्युनिटी से जुड़ी यह बात

दुनियाभर में कहर बरपाने वाला कोरोना समय के साथ बढ़ता ही जा रहा हैं और संक्रमितों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। संक्रमितों की संख्या 3 करोड़ को पार कर चुकी हैं और मरने वाली की संख्या भी लगातार बढ़ रही हैं। हांलाकि संक्रमितों की रिकवरी रेट में भी इजाफा हो रहा हैं। लेकिन मन में यही सवाल हैं की फिर से कोरोना ना हो जाए। ऐसे में रूस ने कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी दी हैं जिसके अनुसार इससे बनने वाली इम्युनिटी कम से कम छह महीने के लिए वायरस की प्रतिरोधक क्षमता की गारंटी देता है। यह जानकारी वैक्सीन को विकसित करने वाली रूस की वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी में जूनोटिक रोगों और फ्लू विभाग के प्रमुख अलेक्जेंडर राईजिकोव ने दी हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ जीवनभर प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करती है, लेकिन टीकाकरण को आवश्यकता के अनुसार दोहराया जा सकता है।

रशियन समाचार एजेंसी ताश के मुताबिक, राईजिकोव ने कहा है कि यह वैक्सीन कोरोनो वायरस के म्यूटेशन के बीच एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करता है, जो कि बहुत अच्छी बात है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि टीका पूर्व-नैदानिक अध्ययन (प्री-क्लीनिकल स्टडीज) और नैदानिक परीक्षणों (क्लीनिकल ट्रायल) के पहले चरण के दौरान सुरक्षित साबित हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 21 जुलाई को रूस के दूसरे कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिली थी और 27 जुलाई को पहले स्वयंसेवक को कोरोना की डोज दी गई थी। यह परीक्षण 30 सितंबर तक चलने की उम्मीद है और अक्तूबर तक इसे रजिस्टर कर लिया जाएगा, जबकि नवंबर से इस वैक्सीन का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।

रूस की इस दूसरी वैक्सीन का नाम 'एपीवैककोरोना' (EpiVacCorona) रखा गया है। इसे रूस की वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी ने विकसित किया है। पिछले महीने एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया था कि अब तक 57 वॉलंटियर्स को इस नई वैक्सीन की खुराक दी गई है और उनमें से किसी में भी कोई साइड-इफेक्ट नजर नहीं आया है। सभी लोग करीब 23 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे और फिलहाल स्वस्थ हैं।

अगस्त महीने में रूस की पहली वैक्सीन 'स्पुतनिक-वी' को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि जिन 38 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई थी, उनमें से 31 लोगों में 144 तरह के साइड-इफेक्ट्स दिखे थे। इसमें शरीर का तापमान बढ़ना, बुखार, शरीर में दर्द जैसी परेशानियां शामिल हैं। साथ ही शरीर के जिस हिस्से में टीका लगाया गया था, वहां खुजली और सूजन की समस्या भी हुई थी। इसके अलावा सिरदर्द, डायरिया, गले में सूजन, भूख न लगना और थकान जैसे साइड-इफेक्ट सभी में थे। वहीं, रूस की दूसरी वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि पहली वैक्सीन वाले साइड-इफेक्ट नई वैक्सीन से नहीं होंगे।