ऋषि कपूर को था ये खतरनाक कैंसर, जिसकी वजह से हुई मौत

अपनी दमदार एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले अभिनेता ऋषि कपूर पिछले दो साल से ल्यूकेमिया कैंसर से लड़ रहे थे और इस लड़ाई का आज अंत हुआ। इस लड़ाई में ऋषि कपूर की मौत हो गई है। आपको बता दे, ऋषि कपूर को ल्यूकेमिया कैंसर करीब 2 साल पहले हुआ था। वह इसके इलाज के लिए अमेरिका भी गए थे और उनका अभी तक इलाज चल रहा था। यह कैंसर किसी को भी अपना शिकार बना सकता है इसके लिए जरूरी है कि आप कई प्रकार की बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अब आगे जानिए ल्यूकेमिया कैंसर होता क्या है? इसके रिस्क फैक्टर क्या हैं? और इसके लक्षण कैसे दिखते हैं?

​क्या होता है ल्यूकेमिया?

ल्यूकेमिया (Leukemia Cancer)एक खतरनाक कैंसर है। ल्यूकेमिया ब्लड में होने वाला ऐसा कैंसर है जो ब्लड सेल्स (Blood Cells) की कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं में हो सकता है। वैसे तो शरीर में रेड ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स ही पाई जाती है लेकिन इसके अलावा प्लेटलेट्स भी मौजूद होती हैं जो ब्लड सेल्स को मेंटेन रखने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। डॉक्टरों की मानें तो ल्यूकेमिया विशेष रूप से वाइट ब्लड सेल्स को ही प्रभावित करता है। यही वजह है कि ल्यूकेमिया कैंसर की चपेट में आने वाले इंसान की वाइट ब्लड सेल्स इस कैंसर का निशाना बनती है और इंसान का सही समय पर इलाज न किया जाए तो वह मर जाता है।

इम्यून सिस्टम को तोड़ता है

जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि ल्यूकेमिया कैंसर वाइट ब्लड सेल्स (White Blood Cells) को ही प्रभावित करता है। वाइट ब्लड सेल्स पूरी बॉडी की इम्यून सिस्टम (Immune System) का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। इम्यून सिस्टम हमें कई प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस, फंगी और संक्रमण से बचाने का काम करते हैं। वहीं, ल्यूकेमिया की चपेट में आने के बाद इंसान के शरीर की वाइट ब्लड सेल्स ठीक तरह से काम नहीं करते और उसका इम्यून सिस्टम भी बुरी तरह से कमजोर हो जाता है। फिर यह सामान्य कोशिकाओं की तरह ही व्यवहार करने लगती हैं जिसके कारण इंसान को कई अन्य प्रकार की बीमारियां भी बड़ी आसानी से अपना शिकार बना लेती है।

ऋषि कपूर का हुआ था बोन मैरो ट्रांसप्लांट

ऋषि कपूर के बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Bone Marrow Transplantation) के बारे में आप यही सोच रहे होंगे कि उनकी मौत इसी कारण हुई, लेकिन ऐसा नहीं है! डॉक्टरों के अनुसार वाइट ब्लड सेल्स का बहुत ज्यादा हिस्सा बोन मैरो में ही बनता है। जैसा कि आपको पता है यह कैंसर (Cancer) वाइट ब्लड सेल्स को ही अपना निशाना बनाता है। यही वजह है कि डॉक्टरों के द्वारा ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) का किया गया ताकि उनके शरीर से इस कैंसर (Cancer) को बाहर निकालने में मदद मिल सके। इसके अलावा भी वाइट ब्लड सेल्स लिंफ नोड्स, स्पलीन और थायमस ग्लैंड में बनती हैं।

ल्यूकेमिया कैंसर के लक्षण

- अत्यधिक पसीना, विशेष रूप से रात में
- थकान और कमजोरी जो आराम करने से भी दूर नहीं जाती
- वजन कम होना
- हड्डी में दर्द और कमजोरी
- दर्द रहित सूजन (विशेषकर गर्दन और बगल में)
- लीवर और स्प्लीन का बढ़ना
- त्वचा पर लाल धब्बे
- बुखार या ठंड लगना
- बार-बार कोई भी संक्रमण हो जाना

​​इसका इलाज कैसे संभव है?

ल्यूकेमिया का इलाज कई प्रकार से किया जाता है। इसके इलाज की प्रक्रिया ऐसे डॉक्टरों के द्वारा संपन्न होती है जो ब्लड डिसऑर्डर और कैंसर के स्पेशलिस्ट होते हैं। ट्रीटमेंट के दौरान कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन (जिसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी कहा जाता है) और बायोलॉजिकल/इम्यून थेरेपी का सहारा लिया जाता है। इन्हें अपनाते हुए किसी भी प्रकार के लिए कमियों को ठीक करने की हरसंभव कोशिश की जाती है और कुछ मरीज इससे बड़ी जल्दी ठीक भी हो जाते हैं।