छोटे बच्चों में भी होती हैं एसिडिटी और खट्टी डकार की समस्या, आजमाए ये घरेलू नुस्खे

जब भी कभी आपको एसिडिटी या खट्टी डकार की समस्या होती हैं तो आप समझ जाते हैं कि आपको गैस या पाचन से जुड़ी परेशानी हो रही हैं और उसके अनुरूप आप दवाई ले लेते हैं। लेकिन जब बात दूध पीते बच्चों की आती है तो वे तो बता नहीं पाते हैं कि उन्हें क्या परेशानी हो रही हैं तो आपको समझने की जरूरत होती हैं। यदि बच्चा दूध न पीएं, या फिर पीते ही उलटी कर दें, या उसे कफ होने लगे, तो आप समझ जाइये की आपके बच्चे को पेट से सम्बंधित कोई समस्या है। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ घरेलू नुस्खें लेकर आए हैं जिनकी मदद से छोटे बच्चों में उठने वाली एसिडिटी और खट्टी डकार की समस्या को दूर किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में...

नारियल के तेल का इस्तेमाल

नारियल के तेल में लुरिक एसिड पाया जाता है, जो की बच्चे के लिए माँ के दूध जितना ही फायदा करता है, इसके सेवन से बच्चों में इम्युनिटी के साथ खाना हैं करने की ताकत बढ़ती है, जो महिलाए गर्भवती होती है, उन्हें भी अपने खाने में इसे सम्मिलित करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपके होने वाले बच्चे की इम्युनिटी में इजाफा होता है, और साथ ही उसका पाचन तंत्र भी मजबूत होता है, इसके लिए आप दूध या खाने में दो बूँद नारियल के तेल की मिलाकर दे सकती है।

कैमोमाइल टी का सेवन करवाएं

कैमोमाइल टी यह एक herbal चाय होती है, और यह हर्बल चाय बच्चे का पाचन ठीक करती है, और साथ भी बच्चे को एसिडिटी और खट्टे डकार की समस्या से भी राहत दिलाती है, और कालिक पेन से भी राहत दिलाती है। इसके उपयोग के लिए आप गरम पानी में आधा चम्मच सूखी कोमामाइल फूल की पंखुडियां मिलाएं और दिन भर उस पानी को थोड़े थोड़े अंतराल के बाद शिशु को पिलाती रहें। ऐसा करने से आपको थोड़ी ही देर में फ़र्क़ दिखाई देगा, और आपके बच्चे को इस परेशानी से निजात मिल जायेगा।

पुदीने का इस्तेमाल

पुदीने का इस्तेमाल करने से बच्चों में होने वाली एसिडिटी और खट्टे डकार की समस्या से निजात पाया जा सकता है, क्योंकि पुदीना पेट में ठंडक का अहसास करवाता है, और साथ ही पेट में होने वाली पाचन क्रिया की समस्या से भी निजात दिलाता है, इसके इस्तेमाल एके लिए आप तो आप बच्चे को पुदीने के तेल की दो बूँद, और जैतून के तेल की दो बूँद मिलाकर बच्चे के पेट पर मालिश करें, और यदि आप बच्चे को स्तनपान करवा रही है तो आप भी पुदीने की चाय का सेवन कर सकती है, क्योंकि दूध में पुदीने के मिनरल्स जाकर बच्चे को फायदा पहुँचाते है।

एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल

एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल करके भी आप बच्चों में होने वाली इस समस्या से निजात पा सकती है, इसके इस्तेमाल के लिए आप एक हलके गिलास पानी में थोड़ा सा एप्पल साइडर विनेगर मिलाकर बच्चे को दिन में उसका सेवन थोड़ी थोड़ी देर बाद करवाते रहें ऐसा करने से आपको बच्चों की इम्युनिटी में भी बदलाव नज़र आएगा, साथ ही बच्चे को एसिडिटी और खट्टे डकार जैसी समस्या से भी निजात मिल जायेगा। और यदि आपका बच्चा एक साल से बड़ा है, तो आप उसे शहद भी दे सकती है।

शहद का इस्तेमाल

शहद का इस्तेमाल करने से भी बच्चों को होने वाली एसिडिटी और खट्टे डकार की समस्या से बचाया जा सकता है, इसके इस्तेमाल के लिए यदि आपका बच्चा एक साल तक का है तो, आप बच्चे को पुदीने की पत्तियो को पानी में उबाल कर उस पानी को छान लें, और अब उस पानी में शहद को मिलाकर उस पानी का सेवन करने से आपके बच्चे को होने वाली एसिडिटी और खट्टे डकार की समस्या से राहत मिलती है। आप चाहे तो पुदीने के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर भी बच्चे को चटा सकती है।

केले का सेवन करवाएं

केले का सेवन करने से भी बच्चों में होने वाली एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है, आप चाहते तो बच्चे को केले को मैश करवाकर उसका सेवन करवा सकते है, ऐसा करने से बच्चे का पचतंत्र सही रहता है, और बच्चे को एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है, यदि आप बच्चे को दिन में एक बार भी केले का सेवन, परंतु ऐसा केवल आप बच्चे के छह महीने के बाद ही कर सकती है, क्योंकि छह महीने तक तो माँ के दूध को ही बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार कहा गया है, इसीलिए आप बच्चे को छह महीने के बाद यदि ऐसी परेशानी हो तो केले का सेवन नियमित रूप से करवाएं। और केले का सेवन करने से बच्चे में कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ती है।

अन्य उपाय

- यदि आप बच्चे को स्तनपान करवाती है तो आपको ऐसे आहार का बिलकुल भी सेवन नहीं करना चाहिए जो बच्चे को नुक्सान दे सकता है, आपको दसन्तुलित व् पोष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए।
- बच्चे को एक निश्चित समय के बाद और सम्पूर्ण तरह से आहार देना चाहिए, बच्चे को हर दो घंटे के बाद दूध पिलाना चाहिए।
- बच्चे को कभी भी जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए, नहीं तो बच्चा खाना खाने के बाद, या दूध पीने के बाद उलटी कर देता है।
- बच्चे को दिन में कम से कम आधा घंटे उल्टा लिटाना चाहिए, इससे बच्चे की पाचन क्रिया ठीक होती है।
- बच्चे को व्यायाम भी करवाना चाहिए, जो की आप मालिश करते समय कर सकती है, और बच्चे के पेट पर भी अच्छे से मसाज करनी चाहिए, ताकि बच्चे को पेट में गैस आदि की समस्या से भी बचाया जा सकें।
- यदि आप बच्चे को बोतल से दूध देती है, तो बच्चे की बोतल को साफ़ सुथरा रखेने के साथ बच्चे को हमेशा ताजे दूध का सेवन करवाना चाहिए, और ठन्डे या कच्चे दूध का सेवन बच्चे के लिए नुक्सान दायक हो सकता है।
- बच्चे को यदि एसिडिटी की समय है, तो बच्चे को ज्यादा दूध देने की बजाय बच्चे के दूध का अंतराल बढ़ा दें।
- बच्चे के लिए आप चाहे तो पुदीने के रस का शहद के साथ इस्तेमाल भी कर सकती है।
- बच्चा यदि दूध पीते समय उलटी जैसा महसूस करता है तो बच्चे को दूध नहीं पिलाना चाहिए।
- माँ को भी अपने आहार में संतुलित व् पोष्टिक आहार को सम्मिलत करना चाहिए।