अगर कोई व्यक्ति शांतिप्रिय जगह पसंद करता है और किसी से ज्यादा बात नहीं करता है तो उसे साइको नहीं कहा जाएगा। सनकीपन एक डिसऑर्डर के कारण होता है। ASPD यानी एंटीसोशल पर्सनैलिटी डिसआर्डर के साथ ही एंटी-सोशल होने से एक अलग तरह का बिहेवियर देखने को मिलता है। ऐसे व्यक्ति सोसायटी के बनाए नियमों के विरूद्ध जाना चाहते हैं और उनके बिहेवियर को समझने में और अधिक मुश्किल हो जाती है।
सनकीपन के सामान्य लक्षण
सनकीपन यानी अचानक से इंसान के व्यवहार में आने वाला बदलाव है। इंसान सामान्य व्यक्तियों की तरह व्यवहार नहीं करता है। एएसपीडी के तहत व्यक्ति का समाज के प्रति रवैया बदल जाता है।
# समाज के प्रति गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार
#दूसरों के अधिकारों की अवहेलना या उल्लंघन करना
#सही और गलत के बीच अंतर को न समझ पाना
# पश्चाताप या सहानुभूति न दिखा पाने की प्रवृत्ति
# अक्सर झूठ बोलने की प्रवृत्ति
# बिना किसी कारण के दूसरों को चोट पहुंचाने की प्रवृत्ति
# कानून के नियमों का ना मानने की प्रवृत्ति
#सुरक्षा और जिम्मेदारी के प्रति सजग न होने की प्रवृत्ति
पुरुषों में अधिक पाया जाता है सनकीपन
एएसपीडी के अन्य लक्षण भी महसूस किए जा सकते हैं। जो लोग इस डिसऑर्डर से ग्रस्त होते हैं, उनमें झूठ बोलने की आदत, धोखा देने की प्रवृत्ति, व्यवहार में लापरवाही देखने को मिल सकती है। ऐसे व्यक्तियों में अचानक से बहुत तेज गुस्सा या फिर किसी भी बात पर आक्रामक होने की प्रवृत्ति होती है। ऐसे लोगों से भावनात्मक लगाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है। हो सकता है
कि ऐसे लोग सतही आकर्षण महसूस करें। ऐसे लोगों का आक्रामक रवैया कभी-
एएसपीडी से ग्रसित लोगों को इस बात की बिल्कुल परवाह नहीं रहती है कि उन्होंने किसी को चोट पहुंचाई है या फिर किसी का अपमान किया है। सनकीपन से ग्रसित लोगों में पश्चाताप की कमी भी पाई जाती है।
# सनकीपन, महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक पाया जाता है।
# अगर किसी भी व्यक्ति को टेक्निकली सनकीपन डायग्नोस करना है तो उसकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए।
# 11 साल की उम्र में भी एएसपीडी के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
# ये एक क्रोनिक कंडीशन है जो उम्र के साथ ही सुधरने लगती है।
# बिहेवियर के कारण एएसपीडी से ग्रसित लोगों की मृत्यु दर अधिक है।
सनकीपन की पहचान कैसे होती है ?
सनकीपन को कोई मानसिक बीमारी नहीं माना जाता है इसलिए एक्सपर्ट एएसपीडी के लक्षणों को पहचानने का काम करते हैं। एएसपीडी की पहचान हो जाने के बाद उसका निदान यानी उपचार करते समय कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। सनकीपन की समस्या दूर करना इसलिए भी कठिन हो जाता है क्योंकि इससे ग्रसित व्यक्ति ये मानने को तैयार ही नहीं होते हैं कि उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या है। इसी कारण से साइको व्यक्ति शायद ही अपनी समस्या का इलाज करवा पाते हैं।
सनकीपन के बारे में जानें ये भी# महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक सनकीपन पाया जाता है।
# हो सकता है कि सनकीपन से ग्रसित व्यक्ति अपने बिहेवियर की वजह से जेल तक पहुंच जाएं। इनमें से 93 प्रतिशत लोग पुरुष ही होते हैं।
# हो सकता है कि महिला या पुरुष के सनकीपन में कुछ अंतर हो, लेकिन इस बारे में अभी तक बहुत ज्यादा रिसर्च नहीं की गई है।
# स्टडी में पाया गया है कि साइको महिला मेनुपुलेट करने के लिए फ्लर्ट करती हैं, वहीं पुरुष सनकीपन में फिजिकली एग्रेसिव हो जाते हैं। महिलाएं सनकीपन में मर्डर भी कर सकती हैं।