कैसे तय होता हैं कि आपका अंग किसी दूसरे को जीवनदान दे सकता हैं, आइये जानें

जिस तरह रक्तदान को महादान माना जाता हैं उसी तरह अंगों का दान भी किया जाता हैं जो किसी को नई जिंदगी दे सकता हैं। जी हाँ, अंगदान में मृत्यु के बाद आपके अंगों को जरूरतमंद लोगों को लगाया जाता हैं ताकि वे स्वस्थ रह सकें। हांलाकि अभी अंगदान करने वालों का आंकड़ा बहुत कम हैं। लेकिन अब लोगों में जागरूकता आने लगी हैं और वे इसके लिए आगे आ रहे हैं। इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए 13 अगस्त के दिन विश्व अंगदान दिवस मनाया जाता हैं।ऐसे में अंगदान करने वालों के मन में भी कई सवाल उठते हैं जिनका समाधान जान वे भी अंगदान के लिए आवेदन कर सकें। आज हम आपके लिए इससे जुड़ी ही महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं।

कार्निया या आंखों का दान

हमारे देश में यदि अंगदान को लेकर किसी बारे में सबसे अधिक जागरूकता लोगों के बीच है तो वह है आंखों का दान। जो लोग अपने जीते जी अपनी आंखों के दान से संबंधिक फॉर्म भर देते हैं, उनकी आखें उनकी मृत्यु के बाद किसी और को लगा दी जाती हैं। आंखों के दान (Eye Donation) से जुड़ी सबसे अच्छी बात यह है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु 100 साल की उम्र में होती है, तब भी उसकी आंखें किसी अन्य व्यक्ति को लगाई जा सकती हैं। जबकि अन्य अंगों के साथ ऐसा नहीं है।

दिल और फेफड़ों का दान

कोई व्यक्ति यदि अपना हार्ट और लंग्स दान करना चाहता है तो वह 50 साल की उम्र से पहले इस बारे में जानकारी देते हुए अंगदान से संबंधित फॉर्म भर सकता है। क्योंकि ऐसे ही व्यक्ति का हार्ट और लंग्स डॉक्टर किसी दूसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित करते हैं, जिनकी मृत्यु 50 साल की उम्र से पहले हुई हो।

लिवर डॉनेशन से जुड़ी बात

कोई व्यक्ति अपना गुर्दा (किडनी) और यकृत या कहिए कि लिवर दान करना चाहता है तो उसका लिवर उसकी मृत्यु के बाद किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। एक व्यक्ति का गुर्दा दूसरे व्यक्ति में लगाने से पहले डॉक्टर्स इस बात का ध्यान रखते हैं कि मरनेवाले व्यक्ति की उम्र 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो फिर उस व्यक्ति का गुर्दा किसी और को लगाने से डॉक्टर्स परहेज करते हैं।

हड्डियों का दान

यह एक ऐसा अंगदान है, जिसके बारे में आपने काफी कम सुना होगा। लेकिन यह सच है कि हड्डियों का भी दान किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु 70 साल की उम्र से पहले हो जाती है तो उसके शरीर के हड्डी से किसी और व्यक्ति का इलाज किया जा सकता है।