Prediabetes Symptoms: प्री-डायबिटीज के इन लक्षणों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी, बचाव करेंगे ये आयुर्वेदिक नुस्खे

डायबिटीज एक आम बीमारी है जो किसी भी उम्र के लोग को अपनी चपेट में ले सकती है। डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है। जब शरीर सही तरीके से रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता। तब, व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है। ब्लड शुगर अनियंत्रित होने का असर शरीर के कई अंगों पर पड़ता है। ये हृदय, गुर्दे, आंख, रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं जैसे आंतरिक अंगों को प्रभावित कर सकता है। लंबे समय तक डायबिटीज रहने पर अंधापन, हृदय रोग से लेकर किडनी फेल तक का खतरा बना रहता है। डायबिटीज की बीमारी अचानक नहीं होती है। बहुत पहले से ही इसके कुछ संकेत मिलने लगते हैं।

प्री-डायबिटीज़ के लक्षण

- बहुत अधिक प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
- भूख बहुत अधिक लगना
- अचानक से शरीर का वजह कम हो जाना या बढ़ जाना
- थकान
- चिड़चिड़ापन
- आंखों के आगे धुंधलापन
- घाव भरने में बहुत अधिक समय लगना
- स्किन इंफेक्शन
- ओरल इंफेक्शन्स
- वजाइनल इंफेक्शन्स

प्री-डायबिटीज में आपको ब्लड ग्लूकोज का स्तर बनाए रखने के लिए दवाओं की जरूरत नहीं होती है। प्री-डायबिटीज को अगर समय पर कंट्रोल नहीं किया गया तो ये कई खतरों के साथ टाइप-2 डायबिटीज बन सकता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट की है जिसमें ऐसे टिप्स शेयर किए हैं जिसकी मदद से 12 हफ्ते से कम समय में प्री-डायबिटीज को ठीक किया जा सकता है।

सफ़ेद चीनी का सेवन बंद कर दे

प्री-डायबिटीज की लक्षण दिखने पर व्हाइट शुगर यानी सफेद चीनी से बनी चीजें खाना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। डॉक्टर दीक्षा का सुझाव है कि इसकी जगह नेचुरल शुगर (जैसे फलों, गुड़ या शहद से मिलने वाले शुगर) का सेवन करना चाहिए। उन्होंने लिखा कि व्हाइट शुगर से शरीर को कोई न्यूट्रिशन नहीं मिलता है इसमें सिर्फ कैलोरी होती है। लेकिन नेचुरल चीजों को भी एक सीमा में लेना चाहिए। जैसे कि एक चम्मच शहद / गुड़ का छोटा टुकड़ा या 1-2 फल से अधिक नहीं लेना चाहिए।

हर दिन करें एक्सरसाइज

पैंक्रियाज बेहतर ढंग से काम करे इसके लिए एक्टिव रहना और मेटाबॉलिज्म में सुधार करना जरूरी है। डॉक्टर दीक्षा कहती हैं कि रोजाना 40-60 मिनट योगाभ्यास या फिर मेडिटेशन करें और रोजाना 20 मिनट के लिए प्राणायाम का अभ्यास करें।

जल्दी डिनर करें

अगर आप प्री-डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको खाने के बीच के अंतर पर ध्यान देना बेहद जरुरी है। डॉक्टर दीक्षा कहती हैं कि सोने से कम से कम 3 घंटे पहले डिनर कर लेना चाहिए। इससे लिवर डिटॉक्स रहता है। इसके अलावा ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बीच भी कम से कम 3 घंटे का अंतर रखना बेहद जरुरी है।

अच्छी नींद लें

डॉक्टर के अनुसार रात के 10 बजे तक बिस्तर पर लेट जाना चाहिए और प्री-डायबिटीज वालों को 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए। डॉक्टर दीक्षा कहती हैं कि अच्छी नींद इम्यूनिटी में सुधार करती है, क्रोनिक इन्फ्लेमेशन घटाती है, शारीरिक और मानसिक तनाव कम करती है और हार्मोन्स को भी सही बनाए रखती है।