पैलियो डाइट प्लान (Paleo Diet Plan) इन दिनों लोगों के बीच काफी चर्चा में है। यह साधारण डाइट प्लान से थोडा अलग है। इसमें आपको खूब फल, सब्जियां, लीन मीट और सूखे मेवे खाने होते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस डाइट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम और प्रोटीन व फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे न केवल आपका वजन नियंत्रित रहता है, बल्कि आप बीपी, डायबिटीज जैसे रोगों से भी बचे रहते हैं।
आज के दौर में खुद को फिट रखना इतना आसान नहीं होता, क्योंकि इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल में कई बदलाव करने पड़ते हैं, जो सबके बस की बात नहीं है। ऐसे में बेहतर है, कि एक सही डाइट प्लान फॉलो किया जाए। पैलियो डाइट प्लान खुद को स्वस्थ और फिट रखने की एक अच्छी आहार योजना है। इसमें आपको प्राचीन समय के जैसे भोजन का सेवन करना होता है।
आहार का तर्क यह है कि मानव शरीर आनुवंशिक रूप से आधुनिक आहार से मेल नहीं खाता है जो कृषि पद्धतियों के साथ उभरा है। पहले के लोगों में मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियां न के बराबर सुनने में आती थीं लेकिन अब ये आम हैं। हालांकि, अगर कोई अपने पारंपरिक आहार को दिनचर्या में शामिल करता है तो वे अब भी स्वस्थ्य रह सकते हैं। अच्छी बात ये है, कि इस डाइट में आप प्रोसेस्ड जंक फूड खाने से बच सकते हैं, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए जिम्मेदार होते हैं।
पैलियो डाइट प्लान एक ऐसी डाइट है, जो पैलियोलिथिक युग में हमारे पूर्वजों द्वारा खाईं जाती थीं। जो लगभग 2.5 मिलियन से 10,000 साल पहले की है। इसलिए पैलियो आहार को पाषाण युग के आहार के रूप में भी जाना जाता है। अगर सरल शब्दों में समझाएं, तो पैलियो आहार ऐसा आहार है, जिसमें हम वे सभी चीजें खाते हैं, जो ऑर्गेनिक हैं। साबुत फल के साथ अनप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को आप इस डाइट में शामिल कर सकते हैं। साथ ही सब्जियों के साथ फल और ड्राई फ्रूट्स भी इस डाइट को करते हुए खा सकते हैं।
पैलियो डाइट में खाए जाने वाले फूड
- सब्जियां : ब्रोकोली, प्याज, गाजर, काली मिर्च और टमाटर
- फल : सेब, संतरा, केला, नाशपाती, एवोकैडो, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी
- कंद : आलू, शकरकंद, रतालू, शलजम
- नट और बीज : बादाम, मैकाडामिया नट्स, अखरोट, हेज़लनट्स, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज और बहुत कुछ
- स्वस्थ वसा और तेल : अतिरिक्त कुंवारी जैतून का तेल, एवोकैडो तेल और अन्य
- मांस में : बीफ, चिकन, टर्की, पोर्क
- नमक और मसाले : समुद्री नमक, लहसुन, मेंहदी और हल्दी आदि।
- पैलियो डाइट में मक्खन और पनीर जैसे पूर्ण वसा वाले डेयरी शामिल हैं।
पैलियो डाइट में इन चीजों से बनाई जाती है दूरी - चीनी और उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप : शीतल पेय, फलों के रस, टेबल चीनी, कैंडी, आइसक्रीम और पेस्ट्री
- अनाज : रोटी, पास्ता गेहूं, वर्तनी, राई, जौ
- फलियां : बीन्स, दाल और अन्य फलियां
- कुछ वनस्पति तेल : सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल, बिनौला तेल, अंगूर के बीज का तेल, कुसुम तेल और अन्य।
- ट्रांस वसा : यह मार्जरीन और विभिन्न प्रोसेस्ड फूड में पाया जाता है। इन्हें हाइड्रोजनीकृत या आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत कहा जाता है।
- आर्टिफिशियल मिठास : सुक्रालोज़, साइक्लामेट्स, सैकरीन, इस्सेल्फ़ेम पोटेशियम और एस्पार्टेम। कोई भी प्राकृतिक मिठास का उपयोग कर सकता है।
- हाई प्रोसेस्ड फूड को भी इस डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए।
कम मात्रा में कर सकते है इनका सेवनपैलियो डाइट में जिन खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन कम मात्रा में किया जा सकता है उनमें वाइन और डार्क चॉकलेट शामिल हैं। डार्क चॉकलेट में कोको की मात्रा 70% से अधिक होती है। गुणवत्ता वाली डार्क चॉकलेट बहुत ही पौष्टिक और बेहद स्वस्थ होती है।
आप क्या पी सकते हैं?हाइड्रेशन की बात करें तो पानी आपका पसंदीदा ड्रिंक होना चाहिए। पेय जो ज्यादातर लोग पैलियो डाइट पर लेते हैं।
चाय: ग्रीन टी को सबसे अच्छा माना जाता है।
कॉफी: कॉफी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
पैलियो डाइट के लाभ
प्रोटीनयुक्त है पैलियो डाइटपैलियो डाइट की मदद से आपके शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा किया जा सकता है। सही मात्रा में प्रोटीन की मौजूदगी आपका ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखती है, मसल्स के मांस को बढ़ाएगी और चोट को जल्दी ठीक करने में भी मददगार होगी। बता दें, कि प्रोटीन की कमी से शरीर में एनर्जी लेवल कम होता है, घाव को भरने में समय लगता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
एनर्जी लेवल बढ़ाएअगर कोई पैलियो डाइट को पूरे नियम के साथ फॉलो करे, जो किसी भी एनर्जी ड्रिंक पीने की जरूरत नहीं पड़ती है। मॉर्डन डाइट के मुकाबले पैलियो डाइट ज्यादा एनर्जी देती है।
वजन नियंत्रित रखेपैलियो डाइट का पालन करके आप अपने वजन को कंट्रोल में रख सकते है। पैलियो डाइट में शरीर की जरूरत के अनुसार सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे आपका वजन बढ़ता नहीं, बल्कि कंट्रोल में रहता है।
डायबिटीज का खतरा कमपैलियो डाइट से इंसुलिन की संवेदनशीलता में काफी सुधार होता है। जिसकी वजह से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।
बीपी कम करेबढ़ा हुआ बीपी हृदय रोग को उत्पन्न करता है। पैलियो आहार रक्तचाप की जांच और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। एक शोध में सामने आया है कि 3 सप्ताह तक पैलियो डाइट का पालन करने से सिस्टोलिक बीपी में सुधार होता है।
पाचन शक्ति सही रखेपाचन संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे लोगों के लिए पैलियो डाइट का पालन करना फायदेमंद साबित होता है। यह ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से रोकता है, जिसे आप पचा न सकते है।
पैलियो डाइट के फायदें है तो कुछ नुकसान भी है...पैलियो डाइट लेने से कभी-कभी ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती है। कम कार्ब वाले फूड लेने से आपको चक्कर आ सकते हैं और लू लग सकती है। प्रारंभिक तौर पर आप थकान, सुस्ती, चिड़चिड़ापन का अनुभव कर सकते हैं। इसके अलावा पैलियो आहार एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। जब आप पैलियो आहार पर होते हैं, तो आप सैच्युरेटिड फैट को बढ़ा नहीं पाते, जो आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित करता है।
लंबे समय तक लो कार्ब पर रहने से लोगों में हाइपरडायडोरिज्म की समस्या शुरू हो जाती है। जैसे थकान होना, सुस्ती और ठंड लगना। बहुत ज्यादा वजन कम करने की स्थिति में शरीर एनर्जी को बनाए रखने के लिए थायरॉइड के कार्य को कंट्रोल कर देता है। इसलिए बॉडी में कार्ब लेवल को बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा सब्जियों को शामिल करें।
जरुरी बात: पैलियो डाइट में ज्यादातर मात्रा में प्रोटीन होता है, लेकिन प्रोटीन ज्यादा मात्रा में सेवन करने से गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाता है। जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ने लगता है