जानें क्या है ओवरवर्क ओबेसिटी? और कैसे बचे इस समस्या से

ओवरवर्क ओबेसिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक काम करने के कारण मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या अक्सर उन लोगों में देखी जाती है जो अधिक समय तक बैठकर काम करते हैं, जैसे ऑफिस में काम करने वाले लोग। आपका काम और आपकी हेल्थ एक दूसरे से इंटरलिंक होती है। अगर आप बहुत ज्यादा तनाव लेते हैं, वर्क प्रेशर में रहते हैं तो इससे आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचता है और आप ओबेसिटी यानी कि मोटापे का शिकार भी हो सकते हैं। तनाव के कई प्रकार हैं, जिसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। खासकर काम के दौरान होने वाला तनाव हमारे शरीर को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित कर सकता है। वर्तमान में हर व्य क्ति पर ऑफिस, टार्गेट और क्लााइंट का प्रेशर होता है जिस वजह से उसकी पर्सनल लाइफ पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। यही कारण है कि युवा पीढ़ी एंग्जासइटी, ओबेसिटी और डिप्रेशन जैसी समस्या ओं का अधिक शिकार हो रही है।आईये जानते हैं क्या होता है ओवरवर्क ओबेसिटी? और कैसे इस समस्या से बचा जा सकता है?

क्या है ओवरवर्क ओबेसिटी?

ओवरवर्क ओबेसिटी वो होता है जो लंबे समय तक काम के दबाव और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण होता है। आज के भागदौड़ वाले वर्क कल्चर में, विशेषकर टेक्नोलॉजी, फाइनेंस और दूसरे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में, कर्मचारी अक्सर लंबे समय तक काम करते हैं, खाना छोड़ देते हैं या अनहेल्दी, प्रोसेस्ड फूड्स खाते हैं। तनाव और खराब लाइफस्टाइल साथ मिलकर वजन को बढ़ाने का काम करता है।

चीन में सामने आया था इसका मामला

आपको बताते चलें, ओवर वर्क ओबेसिटी के मामले तो पहले भी कई सामान्य लक्षणों के साथ देखे गए है लेकिन चीन में 24 साल की महिला का वजन 1 साल में 20 किलोग्राम बढ़ चुका है जिसका कारण यह ओवर वर्क ओबेसिटी की बीमारी है। केवल वर्क स्टाइल ही नहीं इस बीमारी के लिए आपका अनहेल्दी खानपान भी जिम्मेदार होता है। 12-15 घंटे काम करने से सेहत को कई गुना नुकसान पहुंचता है।

ओवरवर्क ओबेसिटी के लक्षण और बचाव

शारीरिक थकान

काम के बाद सामान्य थकान से अधिक थकावट महसूस होना। शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द या तनाव महसूस होना। सामान्य गतिविधियों को करने में भी ऊर्जा की कमी महसूस होना। पहले की तुलना में काम करने की प्रेरणा में गिरावट। मानसिक और शारीरिक गतिविधियों में धीमी प्रतिक्रिया या सुस्ती। और नींद न आना या नींद के दौरान बार-बार जागना। ओवरवर्क ओबेसिटी के लक्षण हो सकते हैं। इससे बचने के लिए काम के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक लें। नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में भाग लें। पौष्टिक भोजन करें जो ऊर्जा बढ़ाए। इसी के साथ ध्यान, योग, या अन्य स्ट्रेस मैनेजमेंट के ट्रिक्स अपनाएं।

वजन बढ़ना

अपने खाने में या वर्कआउट में कोई बदलाव ना करने पर भी अचानक वजन बढ़ना। शरीर के बीच के हिस्से (पेट) का बढ़ना, जो अक्सर ओवरवर्क ओबेसिटी का संकेत होता है। वजन बढ़ने के कारण मानसिक स्थिति में परिवर्तन, जैसे अवसाद या कॉन्फिडेंस में कमी। इससे बचने के लिए हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें। फल, सब्जियाँ, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जब ज्यादा थकान लगे तो अपने काम के दबाव को कम करने के लिए एक दिन का आराम करें।

नींद की समस्या

अनिद्रा भी ओवरवर्क ओबेसिटी का लक्षण है। रात को सोने में कठिनाई या नींद न आना। नींद में रुकावटें या हल्की नींद लेना।काम के तनाव के कारण रात में बार-बार जागना। सोने के बाद भी थकान महसूस करना। नींद से संबंधित समस्याएं हैं, जो कि ओवरवर्क ओबेसिटी का लक्षण हो सकती हैं। इनसे बचने के लिए हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें। सोने का कमरा शांत, अंधेरा, और आरामदायक बनाएं। सोने से पहले ध्यान या योग करें, जिससे मन शांत हो सके। सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का उपयोग कम करें। दिन में कैफीन का सेवन कम करें, विशेष रूप से शाम के समय।