शरीर को सेहतमंद बनाए रखने के लिए जरूरी होता हैं कि शरीर में सभी तरह के पोषक तत्वों की पूर्ती की जाए। इन्हीं पोषक तत्वों में से एक हैं ओमेगा-3 जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी को मजबूत करते हुए कई तरह की बीमारियों से बचाव करता हैं। इसकी पूर्ती के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी हैं। शरीर में ओमेगा-3 की कमी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अब बात आती हैं कि कैसे पता करें कि शरीर में ओमेगा-3 की कमी हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों की जानकारी देने जा रहे हैं जो दर्शाते हैं कि आप जल्द ही अपने आहार में ओमेगा-3 युक्त भोजन को शामिल कर इसकी पूर्ती करे और स्वस्थ रहें।
एकाग्रता और ध्यान में कमी
ओमेगा-3 की कमी से आप एकाग्रता और ध्यान में कमी महसूस कर सकते हैं। साथ ही आपके बच्चों में ये एडीएचडी के लक्षणों का भी कारण बन सकता है। ये चिड़चिड़ापन और चिंता को भी कम करने में मदद करता है। जिन बच्चों और वयस्कों को बिना किसी कारण के जल्दी गुस्सा आता है, वे वास्तव में ओमेगा -3 की कमी से पीड़ित हो सकते हैं। ऐसे में ऐसे लोगों को एंग्जायटी और एंगर से बचने के लिए ओमेगा-3 का सेवन करना चाहिए।
किडनी की समस्याएं
ओमेगा-3 का सेवन किडनी के काम काज को बेहतर बनाता है। ये रेनल फंक्शन को सही करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। साथ ही ओमेगा-3 के सेवन से आप बढ़ती हुई उम्र के साथ भी अपने किडनी के फंक्शन को बेहतर बना सकते हैं।
आंखों की समस्या
डीएचए नामक ओमेगा -3 फैटी एसिड आंखों के लिए बेहद जरूरी है। ये आपको मोतियाबिंद से बचा सकता है। साथ ही जिन लोगों को ड्राई आईज की समस्या रहती है उनके लिए भी ये काफी फायदेमंद है। मछली जैसे ओमेगा-3 से भरपूज चीजों का रेगुलर सेवन कर आप अपने आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं। साथ ही ये आपकी आंखों के नर्व्स और सेल्स को भी बढ़ाने में मदद करते हैं।
डिप्रेशन
ओमेगा -3 फैट मस्तिष्क का एक आवश्यक घटक है और न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटी इंफ्लेमेटी प्रभाव के लिए जाना जाता है। ये अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों और मस्तिष्क विकारों के इलाज में भी मदद करता है। इसके अलावा ओमेगा-3 की कमी वाले लोगों में मूड स्विंग्स और क्रेविंग जैसे गतिविधियां ज्यादा होती हैं।
दिल की बीमारियां
ओमेगा -3 हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह हृदय रोग से बचाता है और आपके हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही ये दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी बीमारियों को होने से रोकता है। इसके अलावा ये ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है और ब्लड प्रेशर को बैलेंस करने में मदद करता है। ओमेगा -3 उच्च रक्तचाप वाले लोगों में रक्तचाप के स्तर को कम कर सकता है एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। साथ ही ये ब्लड क्लॉटिंग और दिल के सेल्स और टिशूज में सूजन को रोकता है।
कमजोर इम्यूनिटी
ओमेगा -3 की कमी से लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती हैं। दरअसल, कमजोर इम्यूनिटी के कारण शरीर में सूजन बढ़ता है और शरीर कई बीमारियों से लड़ नहीं पाता। इसके अलावा ये शरीर के कई अंगों को अंदर से बीमार करने लगता है, जिसकी वजह से कई बार लोग ओमेगा -3 की कमी वाले लोगों में आप सुस्ती और आलस जैसे लक्षण देखेंगे।
पीरियड्स और प्रेग्नेंसी की मुश्किलें
महिलाओं के मुश्किल पीरियड्स को ओमेगा-3 आसान बना सकता है। जिन महिलाओं को लंबे समय तक, भारी पीरियड्स का अनुभव होता है, उन्हें ओमेगा -3 का सेवन बढ़ाने से राहत मिल सकती है। साथ ही प्रेग्नेंसी में ओमेगा-3 का सेवन बच्चे के दिमाग को तेज करने के साथ उसके विकास में मदद करता है।
जोड़ों का दर्द और अकड़न
ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया दो सामान्य विकार हैं जो आपको ओमेगा-3 की कमी के कारण हो सकती है। दरअसल, ओमेगा -3 आपकी हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाकर हड्डियों की ताकत में सुधार कर सकता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो सकता है। ओमेगा -3 एस गठिया का भी इलाज कर सकता है। ओमेगा -3 को रेगुलर लेने से जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है।
बालों का झड़ना और पतला होना
बालों के झड़ने के पीछे ओमेगा-3 का एक बड़ा हाथ है। पहली बात की ओमेगा-3 कमी से आपके बालों को रंग और टैक्चर खराब होने लगता है। दूसरा इसकी कमी इसकी बालों की बनावट और घनत्व में परिवर्तन करता है। साथ ही इसकी कमी से आपके बाल तेजी से झड़ने लगते हैं और पतले हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपके बाल सूखे और डैमेज हैं तो, आपको ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए।
रूखी त्वचा और त्वचा की अन्य समस्याएं
रूखी त्वचा और त्वचा की अन्य समस्याएं जैसे एक्जिमा, सूजन और घाव का कारण ओमेगा-3 फैटी एसिड हो सकता है। इसकी कमी से आपकी त्वचा ज्यादा संवेदनशील, ड्राई और मुंहासे वाली हो सकती है। साथ ही ओमेगा -3 फैट त्वचा में नमी के नुकसान को रोकते हैं और इसे जलन से बचाते हैं।