कोलेस्ट्रॉल पूरी तरह नॉर्मल, फिर भी हार्ट अटैक का खतरा क्यों? डॉक्टर से जानिए असली कारण

भारत में दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से एक गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं। हर दिन सैकड़ों लोग हार्ट अटैक और अन्य कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि समय के साथ ये आंकड़े कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहे हैं। खासकर सर्दियों के मौसम में दिल से जुड़ी मौतों की संख्या में अचानक उछाल देखने को मिलता है। आमतौर पर लोगों का मानना है कि हार्ट अटैक की सबसे बड़ी वजह बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल होता है और अगर कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल है तो दिल पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन डॉक्टरों के अनुसार यह सोच पूरी तरह सही नहीं है। सच्चाई यह है कि कोलेस्ट्रॉल के अलावा भी कई ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से बिल्कुल ठीक रिपोर्ट होने के बावजूद हार्ट अटैक आ सकता है। आइए विस्तार से समझते हैं।

सर्दियों में क्यों बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले?

कई मेडिकल रिसर्च और अध्ययनों में यह सामने आया है कि ठंड के मौसम में हार्ट अटैक के केस सबसे ज्यादा दर्ज किए जाते हैं। दरअसल, सर्दी में शरीर खुद को गर्म बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ लेता है। इस प्रक्रिया में दिल तक पहुंचने वाला खून और ऑक्सीजन का प्रवाह प्रभावित होता है। नतीजतन, दिल को सामान्य से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और कई बार बिना किसी स्पष्ट चेतावनी के हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है, भले ही बाकी रिपोर्ट्स सामान्य क्यों न हों।

प्लाज्मा की मात्रा बढ़ना भी बनता है खतरा

ठंड के मौसम में शरीर से पसीना अपेक्षाकृत कम निकलता है। इसकी वजह से शरीर में खून की कुल मात्रा यानी प्लाज्मा का स्तर बढ़ जाता है। खून की मात्रा बढ़ने से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन तेज हो सकती है, जो हार्ट अटैक के जोखिम को और बढ़ा देती है।

बिगड़ी हुई जीवनशैली और खान-पान

सर्दियों में लोग अक्सर हाई कैलोरी और तली-भुनी चीजों का ज्यादा सेवन करने लगते हैं। इसके साथ ही ठंड में मेटाबॉलिज्म की रफ्तार भी धीमी हो जाती है। इसका असर वजन बढ़ने और शरीर में फैट जमा होने के रूप में सामने आता है। धीरे-धीरे यह स्थिति दिल की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालती है और हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

हार्मोन्स में बदलाव और खून का थक्का

ठंड के मौसम में शरीर के हार्मोन्स में भी काफी बदलाव आते हैं। इन बदलावों के कारण खून के गाढ़ा होने और थक्का जमने की संभावना बढ़ जाती है। अगर यह थक्का दिल की किसी नस में जाकर फंस जाए तो ब्लॉकेज हो सकता है, जिससे हार्ट अटैक की स्थिति पैदा हो जाती है। खासतौर पर वे लोग जो पहले से हाई ब्लड प्रेशर या अन्य दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें सर्दियों में अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को नमक का सेवन सीमित करने और भारी व मुश्किल से पचने वाले भोजन से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है।

दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?

- तले-भुने और ज्यादा ऑयली खाने से बचें

- रोजाना 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें

- सीने में दर्द, घबराहट, सांस फूलना जैसे किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

- शरीर को ठंड से बचाकर रखें और अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें

याद रखें, सिर्फ कोलेस्ट्रॉल रिपोर्ट नॉर्मल होना दिल की पूरी सुरक्षा की गारंटी नहीं है। सही जीवनशैली, संतुलित खान-पान और समय पर सावधानी ही हार्ट अटैक से बचाव का सबसे मजबूत उपाय है।