ये दुष्परिणाम जान कभी नहीं करेंगे पेशाब को रोकने की गलती!

पेशाब अर्थात मूत्र विसर्जन एक प्राकृतिक क्रिया हैं जो सभी जीवों द्वारा की जाती हैं। इस प्रक्रिया में शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम होता हैं। पेशाब आना स्वाभाविक क्रिया हैं लेकिन कई लोग इसे लंबे समय तक रोके रखते हैं जिसके पीछे का कारण उनकी काम में व्यस्तता या आलस भी हो सकता हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पेशाब को रोकने की आपकी यह गलती सेहत को बहुत भारी पड़ सकती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको पेशाब को रोकने से होने वाले दुष्परिणाम की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

मूत्रमार्ग में हो जाता है इन्फेक्शन

अगर आप 10 मिनट से ज्यादा देर तक पेशाब रोकने की गलती करते हैं तो इससे आपके मूत्रमार्ग में इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है। दरअसल, जैसे ही हमें पेशाब लगती है हमारा ब्रेन हम तक यह इनफार्मेशन पहुँचा देता है। पेशाब में भी कई सारे दूषित पदार्थ मौजूद होते है। अगर इन पदार्थों को एक ही जगह में लम्बे समय तक संचित किया जाए तो ये इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। यह इतने खतरनाक होते हैं कि आपको ऑपरेशन भी कराना पड़ सकता है।

ब्लैडर में सूजन

पेशाब ब्लैडर में इकट्ठी होती है। जैसे कि ऊपर बताया गया है कि इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। बस यही कारण है कि यह आपके ब्लैडर की परत से रिएक्शन करते हैं और आपके ब्लैडर में सूजन का कारन बन जाते हैं।

किडनी में पथरी

अगर आप देर तक पेशाब को रोके रहते हैं तो किडनी में समस्या होना तो लाजिमी है। यह किडनी में पथरी को भी जन्म दे सकता है। पेशाब जब ब्लैडर में छन का इकट्ठी हो जाती है तब हमें यह इनफार्मेशन दिया जाता है कि पेशाब निकालो। पेशाब को अगर 10 मिनट के भीतर नहीं निकाला जाए तो वह फिर से बैकअप होने लगती है। और यह सिलसिला लगातार चलता रहता है और इसके कारण किडनी में स्टोन आ जाते हैं।

किडनी फेलियर हो जाना

कभी-कभार इमरजेंसी में यूरिन को रोक लेना जायज है। लेकिन, आलस्य बस अगर आप नियमित रूप से पेशाब को रोकने लगते हैं तो इससे यह किडनी के पास से बार-बार आती और जाती है जिससे किडनी को काफी धक्का महसूस होता है। इस वजह से आपके किडनी के फेलियर होने के चांसेस बहुत ज्यादा हो जाते हैं।

पेशाब के रंग में परिवर्तन

अगर आप बार-बार पेशाब रोकते है और इसके निश्चित समय के अंदर इसे बाहर नहीं निकालते हैं तो इससे आपके पेशाब के रंग में परिवर्तन को देखा जा सकता है। यह परिवर्तन पेशाब को सल्जम, हरा, पीला, और भी कई रंगों में बदल सकता है।

ब्लैडर की मांशपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं

पेशाब के विषैले तत्व ब्लैडर की मांशपेशियों को नुकसान पहुँचाने में किसी भी तरह का कसर नहीं छोड़ते हैं। और यह बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकते हैं। अगर आप भी रोज-रोज पेशाब रोकते हैं तो आप भी इसी समस्या से गुजर सकते हैं। इससे आपको पेशाब करते समय लिंग में दर्द भी हो सकता है।