खून का गाढ़ापन बनता है हार्ट अटैक-स्ट्रोक की वजह, ये देसी चीजें बचा सकती है आपकी जिंदगी

शरीर को स्वस्थ रखने में खून का दौरा सुचारू रूप से चलना बेहद जरुरी है। खून की कमी, गाढ़ापन, ब्लड क्लॉट या फिर शरीर में जरूरत से ज्यादा ब्लड होना आदि सेहत संबंधी बहुत सी परेशानियों का कारण बन जाता है। आजकल बहुत से लोगों में खून के गाढ़ेपन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में रक्त को पतला करने वाली दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। इसे ब्लड थिनर भी कहते हैं।

खून गाढ़ा होने के क्या लक्षण होते हैं?

शरीर में जब खून गाढ़ा होने लगता है तब आपका शरीर कई तरह से इसके संकेत देने लगता है। इसमें चक्कर आना, पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लड फ्लो, सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा में खुजली होना, देखने में धुंधलापन, अर्थराइटिस और गाउट की समस्या शामिल है।

शरीर में खून को गाढ़ा होने और खून के थक्कों को बनने से रोकने के लिए दवाइयों के साथ-साथ कई तरह के नेचुरल चीजों का भी उपयोग किया जा सकता हैं। हालांकि इन्हें इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार जरुर सलाह करे लें।

लहसुन

लहसुन मैंगनीज, सेलेनियम, विटामिन सी, विटामिन बी 6, एलिसिन और अन्य एंटीऑक्सिडेंट विटामिन और मिनरल्स से भरा हुआ है। ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बेहद लाभकारी हैं। फूड साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी के 2018 के एक अध्ययन में बताया गया है कि लहसुन पाउडर से चूहों में एंटीथ्रॉम्बोटिक गतिविधियों को देखा गया है। एंटीथ्रॉम्बोटिक एजेंट एक पदार्थ है जो रक्त में थक्के बनने से रोकता है।

विटामिन E

​विटामिन E रक्त में थक्के बनने की गतिविधियों को कम करता है। ये प्रभाव एक व्यक्ति द्वारा लिए जाने वाले विटामिन ई की मात्रा पर भी निर्भर करता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के ऑफिस ऑफ डाइटरी सप्लीमेंट्स का सुझाव है कि जो लोग रक्त को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं, उन्हें विटामिन ई ज्यादा खुराक लेने से बचना चाहिए।

हल्दी खाएं

हल्दी का प्रयोग आमतौर पर खून के रिसाव को रोकने या चोट को ठीक करने के लिए किया जाता है। कई बार हाथ-पैरों में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए भी हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर हल्दी का सेवन दूध में मिलाकर ही किया जाता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में सूजन-रोधी और रक्त-पतला या थक्कारोधी गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में खून का थक्का बनने से रोकने का काम करते हैं।

ईपीएमए जर्नल में 2019 की समीक्षा से संकेत मिलता है कि हल्दी रक्त के थक्के को रोकने में मदद कर सकती है इसलिए हल्दी को रक्त पतला करने वाली दवाओं के साथ लेने की सलाह नहीं दी जाती है। आप हल्दी का सेवन करी, सूप, और गर्म पानी के साथ मिलाकर कर सकते हैं।

अदरक

अदरक एक एंटी- इंफ्लेमेंटरी मसाला है जो रक्त में थक्के को बनने से रोकता है। इसमें सैलिसिलेट नामक एक प्राकृतिक एसिड होता है। एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड नाम से जाना जाने वाला एस्पीरिन सैलिसिलेट सिंथेटिक गुण वाला एक शक्तिशाली रक्त थिनर होता है। प्राकृतिक सैलिसिलेट्स के थक्कारोधी प्रभाव प्राप्त करने के लिए, लोग बेकिंग, खाना पकाने और जूस में नियमित रूप से ताजा या सूखे अदरक का उपयोग कर सकते हैं।

दालचीनी

दालचीनी में कौमारिन नाम का एक यौगिक होता है, जिसमें रक्त को पतला करने वाले गुण होते हैं। इसके सेवन से पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है। अधिक मात्रा में कौमारिन का इस्तेमाल लिवर पर बुरा प्रभाव डाल सकता है और उसे क्षति पहुंचा सकता है।

अंगूर

अंगूर में कई औषधिय गुण होते हैं। इसमें पाये जाने वाला स्कंदन गुण हमारे शरीर में रक्त के थक्के को बनने से रोकता है। अंगूर की उपरी सतह में रेस्वरेट्रॉल पाया जाता है जो कि खून में प्लेटलेट्स को एक साथ आने थक्का बनने से रोकता है और खून को पतला बनाता है।

फिश ऑयल

मछली का तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड, ईपीए और डीएचए के गुए पाए जाते हैं। जोकि खून को पतला करने में मदद करता है। ऐसे में आप मछली के तेल को खाने में शामिल करें।

प्याज

प्याज को कच्चा या पकाकर खाना दोनों ही फायदेमंद रहता है। इसका सेवन खाने से रक्त के थक्कों में कमी आती है। डॉक्टरों के अनुसार जिसे रक्त में थक्के जमने की परेशानी होती है तो उन्हें नियमित तौर पर अपने भोजन में प्याज को शामिल कर लेना चाहिए। प्याज का उपयोग वसायुक्त भोजन के साथ करने से खून में थक्के को जमने से रोकने का गुण होता है।

लाल मिर्च खाएं

गुणों से भरपूर लाल मिर्च हमारे रक्त को पतला करने में मदद करती है। लाल मिर्च में सैलिसिलेट्स अधिक मात्रा में पाया जाता है। जिसकी वजह से यह एक शक्तिशाली ब्लड थिनर के रूप में काम करता है। आहार में लाल मिर्च को शामिल करने से आपका रक्तचाप कम हो सकता है और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है।