आजकल देखा जाता हैं कि घरों में अपने काम को आसान बनाने के लिए हर जगह तकनिकी का इस्तेमाल किया जाने लगा हैं। इन्हीं कई तकनिकी में से एक हैं माइक्रोवेव जो कि घर की रसोई में काम लिया जाता हैं और भोजन को गर्म करने का काम करता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माइक्रोवेव का उपयोग आपके लिए काफी खतरनाक हैं एवं यह कैंसर और कई अन्य बिमारियों का कारण भी बन सकता हैं।
माइक्रोवेव ओवन में माइक्रोवेव जनरेटर लगा होता है, जिसे मैग्नेट्रोन कहा जाता है। बिजली की मदद से यह मैग्नेट्रोन रेडियो वेव्स बनाता है, जिसे कुकिंग कम्पार्टमेंट में छोड़ा जाता है। रेडियो वेव्स तीव्र गति से ओवन में घूमती है। कम्पार्टमेंट में रखे खाद्य पदार्थ से जितनी तेजी से वेव्स गुजरती उतनी तेजी से खाने के मोल्यूक्यूल वाइब्रेट होते हैं और खाना गर्म हो जाता है। ये खाने को अंदर से बाहर की तरफ गर्म करता है। ये वेव्स खाने की बायोलॉजिकल व बायोकैमिकल संरचना को बिगाड़ देती हैं, जो कि हानिकारक है।
एक स्टडी के मुताबिक माइक्रोवेव ओवन में पकने वाले खाने की पौष्टिकता रेडियो वेव्स के कारण 90 फीसद तक खत्म हो जाती है। यानी खाना फायदा करने की बजाए शरीर में जाकर नुकसान पहुंचाने लगता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती हैं । बीमारियां जल्दी घेरने लगती हैं।
माइक्रो-वेव्स घर के हर सदस्य के लिए खतरनाक हैं। हालांकि ओवन में हैवी मैटल बॉक्स होता है जो कि वेव्स को बाहर नहीं आने देता है, लेकिन असुरक्षित तरीके से प्रयोग के कारण हम इनकी चपेट में आ जाते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए रेडियो वेव्स खतरनाक होती हैं । इससे गर्भ में पल रहे शिशु के अंगों पर दुष्प्रभाव होता है। यहां तक कि गर्भपात की भी आशंका बढ़ जाती है। रेडिया वेव्स लिफेंटिक सिस्टम यानी लसीका तंत्र पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। माइक्रोवेव ओवन में रेडियो वेव्स दूध व दालों में कैंसर कारकों की रचना करती हैं। इनके सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हार्मोंस में गड़बड़ी, खराब पाचन तंत्र, मस्तिष्क पर बुरा असर आदि समस्याएं भी माइका्रेवेव ओवन की देन हैं।
दरअसल, माइक्रोवेव में पकने वाले खाने से होने वाले रोगों के बारे में सबसे पहले स्विट्जरलैंड में शोध किया गया था। जिसमें यह पता लगाया गया था कि ओवन में खाना पकाने से उसके पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं और बहुत सारे हानिकारक तत्व भोजन में सक्रिय हो जाते हैं।