गुर्दे की पथरी या किडनी की पथरी (kidney Stone) की समस्या शरीर में तब होती है जब आपके रक्त में बहुत अधिक अपशिष्ट यानी की कचरा जमा होने लागता है। ऐसे में आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में पेशाब नहीं बना पाता है। इससे आपके गुर्दे में क्रिस्टल बनने लगते हैं। और धीरे-धीरे ये क्रिस्टल अपनी तरह दूसरे अपशिष्ट को मिलाने लगता है, और पथरी का निर्माण करता है। समय के साथ इनका आकार बड़ा होता जाता है।
क्यों होता है किडनी में स्टोन? कम पानी पीने की आदत, वंशानुगत पथरी होने की तासीर, बार-बार मूत्रमार्ग में संक्रमण होना, विटामिन 'सी' या कैल्शियम वाली दवाओं का अधिक सेवन, लम्बे समय तक बेड रेस्ट, हाइपर पैराथायराइडिज्म इसेक ज्यादातर देखे जाने वाले कारण है। इसके अलावा यह परेशानी सबसे ज्यादा मोटे लोगों और आंत की सर्जरी करवा चुके मरीजों में होने का खतरा होता है।
किडनी में स्टोन के लक्षणकिडनी की पथरी के लक्षणों में पसलियों के नीचे, बाजू और पीठ में तेज दर्द होना, दर्द जो निचले पेट और कमर तक फैलता है, दर्द जो लहरों में आता है और तीव्रता में उतार-चढ़ाव करता है.
पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना, गुलाबी, लाल या धुंधला भूरे रंग का पेशाब आना, पेशाब से बदबू आना, पेशाब करने की लगातार आवश्यकता होना, सामान्य से अधिक बार पेशाब करना या कम मात्रा में पेशाब आना, मतली और उल्टी, संक्रमण होने पर बुखार और ठंड लगना आदि शामिल हैं।
किडनी स्टोन के घरेलू उपाय? आप पथरी को नेचुरल तरीके से भी ठीक कर सकते हैं। इसके घरेलू उपचार के लिए नींबू सबसे बेहतर औषधी मानी जाती है। इसमें मौजूद औषधीय गुण पेट की गर्मी को शांत करने के अलावा गुर्दे में हुई पथरी को गलाने का काम भी करते हैं। नींबू में साइट्रेट होता है, जो एक ऐसा रसायन है जो कैल्शियम स्टोन को बनने से रोकता है। साइट्रेट छोटे पत्थरों को भी तोड़ सकता है, जिससे वे अधिक आसानी से गुजर सकते हैं। इसके अलावा, यह एंटी-कैंसर, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भी समृद्ध होते हैं। लेकिन इसका दवा के रूप लेने के लिए कुछ विशेष तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
नींबू के साथ मिलाएं व्हीटग्रास व तुलसीयदि आप किडनी स्टोन से बिना किसी दवा और सर्जरी के निजात पाना जाहते हैं तो नींबू, व्हीटग्रास और तुलसी के मिश्रण का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- औषधीय लाभ के लिए 1 गिलास व्हीटग्रास के रस के साथ 1-1 चम्मच नींबू और तुलसी का रस मिला लें।
- इस मिश्रण को नियमित रूप से दिन में 2-3 बार पीने से पथरी की परेशानी से राहत मिलती है।
नींबू के रस के साथ सेब का सिरका
सेब के सिरके में मौजूद एसिटिक एसिड पथरी को गलाने का काम करता है। जिससे पथरी का आकार छोटा हो जाता है और पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है।
- इसके औषधीय लाभ के लिए नींबू के साथ मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है।
- इनके मिश्रण को तैयार करने के लिए 1-1 चम्मच नींबू का रस और सेब का सिरका लें और अच्छी तरह से मिला लें और नियमित रूप से दिन में 3-4 बार इसका सेवन करें।
नींबू के साथ जैतून का तेलएक शोध में माना गया है कि जैतून तेल पथरी बनने से रोकथाम कर सकता है। साथ ही यह पथरी के कारण किडनी में होने वाली क्षति से बचाव में भी सहायक साबित हो सकता है। जैतून के तेल को नींबू के साथ मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि यह मिश्रण गुर्दे में पथरी से होने वाले दर्द से राहत पहुंचाने का काम करता है।
- इसे तैयार करने के लिए 1-1 बड़ा चम्मच नींबू का रस और जैतून का तेल एक गिलास पानी में अच्छे से मिला लें।
- समस्या अधिक होने पर इसका दिन में 2-3 बार सेवन किया जा सकता है।
नींबू के अलावा और भी घरेलू उपाय है जिनकी मदद से आप पथरी से निजात पा सकते हैं। तो चलिए एक नजर उनपर भी डालते हैं...
तुलसी का रसगुर्दे की पथरी में तुलसी का सेवन फायदेमंद रहता है। तुलसी में एसिटिक एसिड होता है, जो गुर्दे की पथरी को तोड़ने और दर्द को कम करने में मदद करता है। यह पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। इस उपाय का उपयोग पारंपरिक रूप से पाचन और सूजन संबंधी विकारों के लिए किया जाता रहा है। तुलसी के रस में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होते हैं, जो किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते है।
अजवाइन का रसविषाक्त पदार्थों की वजह से गुर्दे की पथरी के निर्माण होता है। ऐसे में अजवाइन का रस विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए माना जाता है। इसका इस्तेमाल लंबे समय से पारंपरिक दवाओं में किया जाता रहा है। यह शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने में भी मदद करता है। अजवाइन के एक या एक से अधिक डंठल को पानी के साथ ब्लेंड करें और पूरे दिन इसका जूस पिएं।
अनार का रसअनार का रस एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ है, जो किडनी को स्वस्थ रखने और पथरी को विकसित होने से रोक सकता है। यह आपके यूरिन के एसिडिटी लेवल को भी कम करता है। इसके सेवन से पथरी और अन्य विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
डंडेलियन की जड़ का रसडंडेलियन या सिंहपर्णी पौधे की जड़ अपशिष्ट को खत्म करने, मूत्र उत्पादन बढ़ाने और पाचन में सुधार करने में मदद करता है। यह Vitamin A, B, C, D और पोटेशियम, आयरन और जिंक जैसे खनिज का भी बेहतर स्रोत है। एक शोध से पता चला है कि सिंहपर्णी गुर्दे की पथरी को बनने से रोकने में कारगर है।