भारत में ऐसा कोई घर नहीं होगा जहाँ काली मिर्च का प्रयोग नहीं होता हो। यह मसालों की रानी मानी जाती है। चाहे हम कोई भी सब्जी बनाएं। सब्जी सूखी हो या रसेदार या फिर नमकीन से लेकर सूप आदि तक, हरेक व्यंजन में काली मिर्च का प्रयोग जरूर होता है। भोजन में काली मिर्च का इस्तेमाल केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है।
यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है। काली मिर्च एक अच्छी औषधि भी है। लंबे समय से आयुर्वेद में इसका औषधीय प्रयोग होता रहा है। वास्तव में काली मिर्च के औषधीय गुणों के कारण ही इसे भोजन में शामिल किया जाता है। काली मिर्च का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
काली मिर्च के काफी अधिक औषधीय लाभ हैं। यह वात और कफ को नष्ट करती है और
कफ तथा वायु को निकालती है। यह भूख बढ़ाती है, भोजन को पचाती है, लीवर को
स्वस्थ बनाती है और दर्द तथा पेट के कीड़ों को खत्म करती है। यह पेशाब
बढ़ाती है और दमे को नष्ट करती है। तीखा और गरम होने के कारण यह मुँह में
लार पैदा करती है और शरीर के समस्त स्रोतों से मलों को बाहर निकाल कर
स्रोतों को शुद्ध करती है।
सर्दी रहे दूर
काली मिर्च
का सेवन करने से सर्दी के मौसम में होने वाली खांसी और जुकाम से आपको राहत
मिलती है। साथ ही इसके सेवन से आपका गला भी साफ रहता है। इतना ही नहीं कई
लोगों को जुकाम के कारण बाल झड़ने की समस्या हो जाती है, इससे भी आपको आराम
मिलता है। काली मिर्च का सेवन कई प्रकार की बीमारियों से आपको राहत देता
है।
कैंसर से बचाव
कैंसर जैसी घातक समस्या से बचने
में काली मिर्च मदद कर सकती है। इस बात को लेकर कई वैज्ञानिक शोध किए गए
हैं, जिनसे यह साबित होता है कि काली मिर्च में एंटी-कैंसर गतिविधि पाई
जाती है। इस गुण के कारण काली मिर्च शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकती
है। इसके अलावा, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन की वजह से यह कीमोथेरेपी
दवाई की तरह काम कर सकती है।
पाइपरिन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने
का काम कर सकता है। लिहाजा, माना जा सकता है कि काली मिर्ची के फायदे
कैंसर से बचने के लिए हो सकते हैं। साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि अगर किसी को
कैंसर है, तो उसे सिर्फ डॉक्टरी इलाज से ही ठीक किया जा सकता है। काली
मिर्च सिर्फ कैंसर से बचाने में मदद कर सकती है। इसे कैंसर का इलाज न
समझें।
डाइजेशन में मददगार
एक बार काली मिर्च और
हल्दी को मिला देने से हमें क्या लाभ मिलता है? शुरुआत के लिए यह
कॉम्बिनेशन डाइजेशन में मदद करता है। करक्यूमिन में डाइजेस्टिव गुण पाए
जाते हैं और पिपेरिन पेट में डाइजेस्टिव एंजाइमों की एक्टिविटी को बढ़ाता
है, जिससे शरीर को भोजन को जल्दी और आसानी से संसाधित करने में मदद मिलती
है। इसके अलावा काली मिर्च और हल्दी दोनों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते
हैं जो पेट की सूजन को कम करते हैं और डाइजेशन में मदद करते हैं।