पेट हो या रक्त संबंधी समस्या, जौ के सेवन से मिलता चैन, इन रोगों में भी देता है राहत

जौ एक अनाज है, जिसका उत्पादन प्राचीन समय से किया जा रहा है। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट के साथ कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे मिनरल्स से समृद्ध होता है। साथ ही इसमें विटामिन सी, थियामिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन जैसे कई विटामिन भी पाए जाते हैं। इसे संस्कृत में यव कहते हैं और यह भारत, अमेरिका, जर्मनी व रूस जैसे देशों में अधिक मात्रा में उगाया जाता है। हालांकि गेहूं व धान जैसे मुख्य अनाज की तुलना में इसकी लोकप्रियता समय के साथ कम हुई है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए इसका इस्तेमाल आज भी किया जाता है।


हेल्दी डाइजेशन के लिए

जौ के फायदे की बात करे तो यह आपके डाइजेशन का भी पूरा ध्यान रखता है। इसमें फाइबर की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है जो कि हमारे पाचन तंत्र के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। जौ में मौजूद फाइबर पेट से जुड़ी समस्या जैसे कब्ज आदि की समस्या को दूर करने का कार्य करता है। जौ पर हुई कई स्टडी के मुताबिक नियमित रूप से अंकुरित जौ का सेवन करने पर पेट साफ़ रहता है और कब्ज आदि की समस्या नहीं होती है। इसलिए यदि आप भी इस प्रकार की समस्या से ग्रस्त रहते हों तो जौ को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।


ब्लड शुगर लेवल करे सामान्य

जौ के फायदे की बात करे तो यह ब्लड शुगर लेवल को सामान्य बनाये रखने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद फाइबर की पर्याप्त मात्रा के कारण शरीर शुगर का ऑब्जरवेशन धीरे-धीरे करता है। जिससे शुगर का लेवल नियंत्रण में रहता है। इस पर हुए कुछ अध्ययन इस बात को भी बताते हैं कि इसका सेवन ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन को कम करने का कार्य करता है। यदि आप भी डायबिटीज की समस्या से ग्रस्त हैं तो जौ को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।


कोलेस्ट्रॉल करे नियंत्रित

आज की व्यस्त जीवनशैली और गलत खान पान कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या को जन्म देने का सबसे बड़ा कारण बनते जा रहा है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में लाने के लिए सबसे जरूरी होता है सही खान-पान का चुनाव करना। ऐसे में जौ को आप अपनी डाइट में शामिल कर कोलेस्ट्रॉल की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इसमें मौजूद सॉल्युबल फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करने का कार्य करता है।

मोतियाबिंद के लिए फायदेमंद जौ

उम्र के साथ मोतियाबिंद की शिकायत हर वृद्धा या वृद्ध को होती है। जौ का औषधीय गुण इसके कष्ट को कम करने में सहायता करता है। 20-30 मिली त्रिफला के काढ़े में जौ को पकाकर, उसमें घी मिलाकर खाने से मोतियाबिंद में लाभ होता है।


यौन स्वास्थ्य के लिए

यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के मामले में भी जो के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थों से संबंधित एक शोध में इस बात को स्वीकार किया गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि जौ में एफ्रोडिसिएक यानी कामेक्षा को बढ़ाने वाला गुण पाया जाता है। वहीं, शोध में यह भी माना गया है कि यह जननांग में रक्त संचार को बढ़ावा दे सकता है और साथ ही लिंग के ढीलेपन की समस्या को भी दूर करने में सहायक हो सकता है।

वहीं, यह ब्लड प्रेशर, हृदय समस्या, अनिद्रा, अवसाद, प्रतिरोधक क्षमता विकार और डायबिटीज से राहत दिलाने में भी कारगर हो सकता है। इन सभी समस्याओं में लाभकारी होने के कारण यह यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मददगार हो सकता है । इसके लिए जो का आटा नियमित आहार में शामिल किया जा सकता है।

सर्दी-जुकाम में लाभकारी जौ

मौसम बदला की नहीं, बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े सबको सर्दी-खांसी की शिकायत हो जाती है। जौ के सत्तू में घी मिलाकर खाने से नजला, जुकाम, खांसी तथा हिचकी रोग में लाभ होता है। इसके अलावा जौ के काढ़े को पीने से भी प्रतिश्याय (नजला-जुकाम) में लाभ होता है।


गलसुआ या घेंघा रोग में फायदेमंद जौ

गलसुआ की परेशानी से राहत दिलाने में जौ का औषधीय गुण बहुत फायदेमंद होता है। सरसों, नीम के पत्ते, सहजन के बीज, अलसी, यव तथा मूली बीज को खट्टी छाछ में पीसकर गले में लेप करने से गलगण्ड या गलसुआ में लाभ होता है।

डिप्थिरिया से दिलाए राहत जौ

डिप्थिरिया की परेशानी को कम करता है जौ। जौ के 5-10 मिली पत्ते के रस में 500 मिग्रा कृष्णमरिच चूर्ण मिलाकर सेवन करने से रोहिणी (डिप्थिरिया) में लाभ होता है।