शरीर की सभी कोशिकाओं की बाहरी परत में कोलेस्ट्रॉल होता है। कोलेस्ट्रॉल लिपिड का भाग होता है। यह एक चिकने मोम की तरह होता है। जो पूरे शरीर में रक्त प्लाजमा के माध्यम से ट्रांसपोर्ट होता है। सभी अंगों के कोशिकाओं में रक्त पहुंचने के कार्य में कोलेस्ट्रॉल होता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल होने के कारण क्या है?
- आहार में अधिक
ट्रांस फैट और कोलेस्ट्रॉल लेने से हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से जानवर के मटन, दूध, अंडे, पनीर खाने से होता
है।
- शरीर में अधिक वजन बढ़ने के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ने लगता है।
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व्यक्तियों में 20 वर्ष के बाद हाई कोलेस्ट्रॉल अपने आप बढ़ने लगता है।
महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है।
- अधिक धूम्रपान का सेवन करने से हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है।
- कुछ दवाइयों के अधिक सेवन करने के कारण एलडीएल खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण क्या है?
- सीने में दर्द होना
- बाईल निकलना
- वजन बढ़ना
- पैरो में लगातार दर्द होना
- ब्लड प्रेशर बढ़ना
- अधिक पसीने आना
- सांस फूलना
- जोड़ो में दर्द होना
- मस्तिष्क में दर्द होना
- धड़कनों का तेज होना
हाई कोलेस्ट्रॉल होने के नुकसान क्या है?
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हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर रक्त की धमनियां जमा होती हैं और ब्लॉकेज का
निर्माण होता है। रक्त संचार में बाधा होने से शरीर के सभी अंगों में
समस्या उत्पन्न होती है।
- हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर व्यक्ति के दिल पर असर होता है। जिससे हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।
- हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर रक्त का बहाव आंखों तक नहीं पहुंच पाने पर यह आंखों की रोशनी को ख़त्म कर देता है।
- हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर व्यक्ति के मस्तिष्क में समस्या उत्पन्न होती है, जैसे तनाव व मानसिक समस्या इत्यादि।
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हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर व्यक्ति के शरीर में रक्त का बहाव ठीक से नहीं
होने पर इसका प्रभाव किडनी पर पड़ता है और किडनी की समस्या उत्पन्न होने
लगती है।
हाई कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कैसे करें?
- रोज नियमित व्यायाम और रहन-सहन की आदतें बदलने से हाई कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण कर सकते हैं।
- फल और साग-सब्जियों, सलाद का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल घटने में मदद मिलती है।
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आहार में अधिक एंटी-ऑक्सीडेंट्स लेना चाहिए। इसमें विटामिन सी, ई बीटा
कैरोटीन होता है। जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
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अधिक वसायुक्त आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे अंडे का पीला भाग,
मांसाहारी भोजन, धूम्रपान नहीं करना चाहिए, यह सब कोलेस्ट्रॉल स्तर को
बढ़ाता है।
- हृदय रोगी को आहार में अधिक कार्बोहाइड्रेट और पौष्टिक आहार लेना चाहिए जिससे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होगी।
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मरीजों में अगर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है तो तुरंत डॉक्टर से शरीर के
रक्त की जांच करवाए जिससे कोलेस्ट्रॉल के उपचार से नियंत्रण किया जा सकता
है।