ईसबगोल : पेट से जुड़ी परेशानियों में खूब असरदार, और भी हैं फायदे, जानें कब-कैसे करें सेवन

ईसबगोल एक तरह का पौधा है जो देखने में गेहूं की फसल की तरह लगता है। ईसबगोल के पौधे की पत्तियों पर सफेद पदार्थ होता है जिसे ईसबगोल कहते हैं। आपको बता दें कि इसका उपयोग औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। इसके साथ ही ईसबगोल के फायदे फाइबर से भरपूर होते हैं जो सेहतमंद रहने में मदद करते हैं।

ईसबगोल खाने का सही तरीका

1- एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच ईसबगोल की भूसी मिलाएं और रात में खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।

2- एक कटोरी दही में एक से दो चम्मच ईसबगोल की भूसी मिलाएं। मिठास के लिए आप इसमें चीनी भी स्वादानुसार मिला सकते हैं। ईसबगोल और दही का मिश्रण दस्त से आराम दिलाने में बहुत कारगर होता है। ईसबगोल और दही को खाने के कुछ देर बाद एक गिलास पानी पिएं।

3- पेट साफ़ करने के लिए रात में एक चम्मच त्रिफला पाउडर और दो चम्मच ईसबगोल भूसी मिलाकर गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें।

ईसबगोल के प्रयोग से मोटापा घटता है

ईसबगोल चर्बी को गलाता है। यह अपने वजन से 14 गुणा अधिक पानी सोखता है। यह पाचन को ठीक करता है और इससे फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। इसलिए मोटापा कम करने के लिए उपचार के रूप में ईसबगोल का प्रयोग किया जा सकता है।


कब्ज की समस्या के लिए

कब्ज लगभग 27% आबादी को प्रभावित करता है। इससे राहत दिलाने में ईसबगोल मदद कर सकता है। दरअसल, ईसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है, जो मल निकासी की प्रक्रिया को आसान और तेज कर सकता है । साथ ही कब्ज होने का कारण कम फाइबर युक्त आहार का सेवन भी है। ईसबगोल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही तरह के फाइबर होते हैं। इसी वजह से ईसबगोल को कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्या के लिए फायदेमंद माना जाता है ।

पाचन के लिए

एक स्वस्थ शरीर के लिए पाचन का ठीक रहना जरूरी है और ईसबगोल इसमें मदद कर सकता है। एक रिसर्च से पता चलता है कि ईसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है। यह प्रभाव पाचन क्रिया को अच्छी तरह से कार्य करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, ईसबगोल का उपयोग चिकित्सीय एजेंट के रूप में कब्ज, दस्त और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी आंतों से जुड़ी समस्या के घरेलू उपचार के लिए भी किया जाता रहा है।


ईसबगोल के इस्तेमाल से दांत दर्द का इलाज

ईसबगोल को सिरके में भिगोकर दांतों के नीचे दबाकर रखने से दांत दर्द में लाभ होता है। जंगली ईसबगोल के पत्तों को पीसकर उसमें मक्खन मिलाकर दांतों पर मलने से मसूड़ों की सूजन दूर होती है।

मुंह के छालों के लिए ईसबगोल के फायदे

ईसबगोल के घोल से कुल्ला करने से मुंह के छाले की बीमारी में लाभ होता है।


सांसों की बीमारी में ईसबगोल से लाभ

ईसबगोल के 3-5 ग्राम बीजों को गुनगुने जल से सुबह सेवन करने पर सांसों की बीमारी और दमे में लाभ होता है।

ईसबगोल करता है खूनी बवासीर का इलाज

ईसबगोल का शर्बत बनाकर पिलाने से खूनी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।