जामुन ही नहीं इसकी गुठली भी है बड़ी कमाल की, डायबिटीज होगी कंट्रोल, चूर्ण बनाकर खाने से मिलेंगे चौकाने वाले फायदे

गर्मियों में जामुन खाने के फायदे शायद ही किसी से छिपे होंगे। ये मई और जून के मौसम में मिलता है। जामुन अपने मीठे स्वाद के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरपूर है। जामुन खाने के अनगिनत स्वास्थ्य लाभ होते हैं। ये पेट दर्द, डायबिटीज, गठिया, पेचिस, पाचन संबंधी कई अन्य समस्याओं को ठीक करने में भी फायदेमंद है। क्या आप जानते हैं जामुन खाने के बाद जिन गुठलियों को हम फेंक देते हैं, वो मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद चीज है। हेल्थ एक्सपर्ट दावा करते हैं कि जामुन की गुठली खून में बढ़ती ब्लड शुगर को आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि जामुन और इसकी गुठली में जोम्बोलिन और जम्बोसिन नाम का पदार्थ पाया जाता है जो खून से रिलीज होने वाले ब्लड शुगर की रफ्तार को धीमा करता है। यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को भी बढ़ाता है। इसका नियमित सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। साथ ही इसमें एस्ट्रीन्जेंट और एंटी-ड्यूरेटिक जैसे गुण शामिल होते हैं जो बार-बार पेशाब आने की समस्या से निजात दिलाते हैं। इसके अलावा, हाइपोग्लाइसेमिक प्रॉपर्टीज भी होती है जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से कम करती है। एक्सपर्ट दावा करते हैं कि जामुन की गुठली में भी ये तमाम खासियत पाई जाती हैं।

जामुन की गुठली का कैसे करें इस्तेमाल?

- जामुन खाने के बाद इसकी गुठलियों को धो लें।
- इन्हें हल्के कपड़े से ढककर धूप में सुखा लें।
- जब गुठलियां सूख जाएं तो इनको टुकड़ों में तोड़ लें।
- जब ये गुठलियां छोटे टुकड़ों में टूट जाएं तो इन्हें मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें।

कैसे करें सेवन?

रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में जामुन की गुठली का एक चम्मच पाउडर मिलाइए और सेवन करिए। इससे आपका ब्लड शुगर कंट्रोल रहेगा। इस नुस्खे को आजमाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह ले सकें तो बेहतर होगा।

पेट को स्‍वस्‍थ रखने में मदद करे

जामुन के गुठली का उपयोग पेट से संबंधित कई समस्याओं को प्रभावी ढंग से ठीक करने के लिए किया जा सकता है। जामुन में क्रूड फाइबर की काफी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र के कामकाज में सुधार करने में मदद करती है। आंतों में घावों, सूजन और अल्सर से निपटने के लिए जामुन के बीजों का उपयोग मौखिक दवा के रूप में भी किया जा सकता है। क्रूड फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से मल त्यागने में आसानी होती है। ऐसे में आप कब्ज की शिकायत होने पर जामुन की गुठली का सेवन कर सकते हैं।

ब्‍लड प्रेशर करे कंट्रोल

उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए जामुन की गुठली का सेवन फायदेमंद साबित होता है। रिसर्च के मुताबिक, जामुन की गुठली में लेजिक एसिड (Ellagic Acid) होता है, जो ब्लड प्रेशर को सुधारने में मददगार साबित हो सकता है। यह रक्तचाप के तेज उतार-चढ़ाव पर नियंत्रण रखने में मदद कर सकता है।

वायरल इंफेक्शन से करे बचाव

जामुन की गुठली में एंटी-माइक्रोबियल (antimicrobial) और एंटी-बैक्टीयल (anti-bacterial) गुण होता है, जो वायरल इंफेक्शन को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। इसकी गुठली से तैयार अर्क का सेवन करने से शरीर में मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप वायरल इंफेक्शन से बचना चाहते हैं, तो जामुन की गुठली से तैयार अर्क या पाउडर का सेवन करें।

बूस्ट करता है इम्यूनिटी

जामुन की गुठली में फ्लेवोनोइड और फेनोलिक यौगिक भी होते हैं, जो बेहद शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। यह शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को दूर रखने में मदद करते हैं। इनसे हमारे शरीर की इम्‍यूनिटी बूस्ट होती है, जिसकी हमें कोविड 19 से लड़ने की सख्‍त जरूरत है अभी।

शरीर में सूजन को करे कम

एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होने की वजह से जामुन की गुठली का सेवण सूजन और दर्द को दूर करने में मददगार साबित होता है। खासतौर पर अगर आपको अर्थराइटिस की समस्या है, तो आप जामुन की गुठली से तैयार पाउडर और अर्क का सेवन कर सकते हैं। इससे सूजन और दर्द में आराम मिल सकता है।

कैंसर रोधी गुणों से भरपूर

जामुन की गुठली में कई कैंसर रोधी गुण मौजूद होते हैं। स्टडी के मुताबिक, इसकी गुठली में साइटोटोक्सिक गुणों वाले कुछ घटक मौजूद होते हैं, जिनका इस्तेमाल विशेष रूप से फेफड़ों के कैंसर का उपचार करने के लिए एंटी-कैंसर एजेंटों के रूप में किया जाता है। हालांकि, कैंसर रोगियों के लिए जामुन की गुठली कितनी असरकारी हो सकती है इस पर अभी और अध्ययन की जरूरत है।

वजन घटाने में मदद

जामुन की गुठली में फाइबर होता है। यह पेट को सुरक्षित रखने और वजन घटाने की प्रक्रिया को पूरा करने में मदद कर सकता है।