महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बन रही हैं ये चीजें, जानें और रहें सावधान

हर महिला अपने जीवनकाल में मां जरूर बनना चाहती हैं जो कि एक अद्भुद अहसास होता हैं। हांलाकि आजकल देखा जा रहा हैं कि लगभग 10 प्रतिशत महिलाएं इनफर्टिलिटी अर्थात बांझपन की समस्या का सामना कर रही हैं। इस समस्या में महिला के गर्भवती होने या बच्चा पैदा करने की क्षमता कम होने लगती हैं और कई बार समाप्त ही हो जाती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे मुख्य कारण होता हैं आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ गलतियां जो फर्टिलिटी पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो आज हम आपको उन कारणों की जानकारी देने जा रहे हैं जो महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बन रही हैं। इन्हें जानकर सावधान होने की जरूरत हैं।

पीसीओएस के कारण

PCOS की वजह से भी ज्यादातर महिलाएं बांझपन का शिकार हो रही हैं। इस बीमारी में फैलोपियन ट्यूब में सिस्ट बन जाते हैं जिसके कारण महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। यह विकार अंडाशय को अंडे का उत्पादन करने से रोकता है और 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में एस्ट्रोजेन हार्मोन उत्पादन को भी कम करता है। इसके अलावा, मोटापा और अनियमित पीरियड्स भी महिलाओं में बांझपन का कारण बन रहा हैं।

वजन बढ़ने के कारण

वजन बढ़ना या मोटापे की समस्या के कारण भी महिलाओं की फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। वजन बढ़ने का भी संबंध डाइट से होता है। शरीर का वजन बॉडी मास इंडेक्स से ज्यादा होने से आपको कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। महिलाओं में बढ़ता वजन और मोटापे की समस्या भी इनफर्टिलिटी का एक बड़ा कारण हो सकती है। इसके अलावा मोटापे की वजह से डायबिटीज, हार्ट से जुड़ी बीमारियों का भी खतरा रहता है।

खराब डाइट के कारण

खानपान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है। जैसा आपका खानपान होता है उसका सीधा प्रभाव आपके शरीर और स्वास्थ्य पर दिखता है। अगर आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है तो उसकी वजह से कई समस्याएं हो सकती हैं जिनमें इनफर्टिलिटी भी शामिल है। कई शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी और खराब डाइट के कारण महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। शरीर में कार्ब्स, फाइबर, लाइकोपीन और फोलेट आदि की कमी होने से वीर्य की गुणवत्ता पर असर पड़ता है और प्रजनन क्षमता भी कमजोर होती है। इसके अलावा कई अन्य पोषक तत्वों की कमी के कारण धीरे-धीरे इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ सकती है।

मानसिक समस्याओं के कारण

मानसिक स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है। तनाव, डिप्रेशन और चिंता आदि की वजह से भी महिलाओं की फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। तनाव और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं के कारण शरीर में शुक्राणुओं का निर्माण प्रभावित हो सकता है और इसकी वजह से फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है। कई शोध और अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि स्ट्रेस, अवसाद और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं का असर फर्टिलिटी पर पड़ता है।

शारीरिक गतिविधियों के कारण

शारीरिक गतिविधियों में कमी की वजह से प्रजनन क्षमता और फर्टिलिटी पर सीधा असर पड़ता है। आज के समय में लोगों की शारीरिक निष्क्रियता उनके सेहत पर भरी पड़ रही है। शारीरिक गतिविधि जैसे व्यायाम, योग आदि का अभ्यास करने से ओव्यूलेशन में फायदा मिलता है और और आपके प्रोजेस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।

तनाव या स्ट्रेस के कारण

तनाव या स्ट्रेस के साइड इफैक्ट्स न सिर्फ फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर पड़ते है, बल्कि ये महिलाओं की फर्टिलिटी को भी कमजोर कर सकता है। इस संबंध में मादा चूहों पर किए गए प्रयोग में सामने आया है कि जब उन्हें चीखने की आवाज के बीच रखा गया, तो उनके ओवेरीअन रिजर्व (डिम्बग्रंथि) और प्रजनन में कमी आई। ओवरीअन रिजर्व कम होने का मतलब ये है कि दोनों ओवरीज में शेष अंडाणुओं की संख्या और गुणवत्ता में कमी होना और उससे सामान्य फर्टिलिटी कमजोर पड़ती है। इस स्टडी का निष्कर्ष एंडोक्राइन सोसाइटी के जर्नल एंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

एंडोमेट्रियोसिस के कारण

यह वह स्थिति जिसमें महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा दर्द होता है जो कि महिलाओं में बांझपन के सबसे सामान्य कारणों में से एक माना जाता है। आजकल की व्यस्त जीवनशैली को देखते हुए स्ट्रेस होना भी आम है। ऐसे में तनाव भी महिलाओं में बांझपन की वजह बन सकता है।

स्मोकिंग के कारण

धूम्रपान या स्मोकिंग की वजह से महिलाओं की फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। स्मोकिंग या तंबाकू का सेवन करने वाली महिलाओं की फर्टिलिटी अन्य महिलाओं की तुलना में काफी कमजोर होती है। बहुत ज्यादा स्मोकिंग करने से आपके शरीर के अंडाशय को नुकसान होता है और इसकी वजह से गर्भाशय ग्रीवा और फैलोपियन ट्यूब को नुकसान होता है और इसके कारण गर्भपात का भी खतरा बढ़ जाता है।

शराब के कारण

कई शोध और अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि शराब का अत्यधिक सेवन आपकी फर्टिलिटी पर बुरा असर डालता है। लंबे समय तक शराब का सेवन करने वाली महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या का खतरा अन्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है।