सेलेनियम का सेवन है वरदान, हर्ट अटैक, अस्थमा, कैंसर जैसी बिमारियों को रोकने में मददगार

शरीर को सेलेनियम (Selenium) की भी उतनी ही आवश्यकता होती जितनी विटामिन्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की होती है। अब सवाल उठता है कि आखिर सेलेनियम होता क्या है? तो आपको हम बता दे सेलेनियम मिट्टी में पाए जाने वाला खनिज है। हमारे शरीर को कम से कम मात्रा में सेलेनियम की आवश्यकता होती है, लेकिन यह हमें स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। शरीर के कई आवश्यक फंक्शन सेलेनियम के बिना संभव नहीं हैं जैसे मेटाबॉलिज्म से थायरॉइड फंक्शन।

इसके अलावा सेलेनियम शरीर में आयोडीन को भी नियंत्रित करता है। सेलेनियम हमारे प्रजनन, हृदय, प्रतिरक्षा, थायरॉयड ग्रंथि के कार्य, डीएनए प्रोडक्शन और संक्रमण से होने वाले नुकसान से शरीर को प्रोटेक्ट करता है। स्टडीज के अनुसार सेलेनियम एंटिबोडीज को बढ़ावा देता है, जो इम्यून सिस्टम का हिस्सा है और इस तरह से सेलेनियम वायरस, बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न किए इन्फेक्शन को खत्म करने में भी मददगार होता है। सेलेनियम शरीर में एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है जो हर्ट अटैक, अस्थमा, कैंसर और एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों को रोकने में मददरगार होता है।

सेलेनियम युक्त आहार में विभिन्न साबुत अनाज, डेयरी उत्पाद और तेल, सब्जियां और फल आदि शामिल हैं। शरीर में आयु के हिसाब से सेलेनियम की आवश्यकता होती है। इससे इतर पैदा हुआ बच्चा और प्रेग्नेट महिलाओं के लिए अलग मात्रा में सेलेनियम की जरूरत होती है।

रोजाना कितनी जरुरुत

WHO के अनुसार, रोजाना पुरुषों के लिए सेलेनियम का सेवन 34Ug और वयस्क महिलाओं के लिए 26ug का सेवन जरूरी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, एक दिन में 55 माइक्रोग्राम सेलेनियम की आवश्यकता आमतौर पर 14 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए होती है। वहीं, नवजात शिशुओं के लिए 20 माइक्रोग्राम और बच्चों के लिए 30-40 ग्राम सेलेनियम की हर दिन जरूरत होती है। प्रग्नेंट महिला को 06 मिलीग्राम और स्तनपान कराने वाली महिला को 07 मिली ग्राम सेलेनियम की हर दिन जरूरत होती है। सेलेनियम को आप तमाम खाद्य पदार्थों से प्राप्त कर सकते हैं। स्वस्थ्य रहने के लिए हमें अपनी डाइट में सेलेनियम से भरपूर पदार्थों को एड करना जरूरी है। आपको बता दें कि शरीर में सेलेनियम की कमी या अधिकता होने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

मीट : सेलेनियम मिट्टी में उगने वाले पदार्थों के अलावा मीट में भी पाया जाता है।

अंडे : अंडे में सेलेनियम अच्छा होता है। सिर्फ एक उबला अंडा खाने से आपको 20 माइक्रोग्राम सेलेनियम मिलता है। अंडे के सभी व्यंजन आपके लिए फायदेमंद हैं।

टूना मछली / कॉड : सेलेनियम की एक सही मात्रा समुद्री खाद्य पदार्थों में भी पाई जाती है जैसे ट्यूना मछली, सीप, क्लैम, झींगा, सामन, केकड़ा आदि।

कॉटेज चीज : यह भी सेलेनियम का एक अच्छा स्रोत है। एक कप पनीर में लगभग 20 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है।

ब्राउन राइस : 1 कप उबले हुए ब्राउन राइस में 19 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है।

सूरजमुखी : एक चौथाई कप सूरजमुखी के बीज लगभग 19 मिलीग्राम सेलेनियम प्रदान करते हैं, जिससे उन लोगों को एक बढ़िया नाश्ता मिलता है, जो खासकर पशु उत्पादों को नहीं खाते हैं, जिनमें सेलेनियम का स्तर अधिक होता है। पके हुए बीन्स के एक कप का आनंद लें और आप कुछ महत्वपूर्ण फाइबर के साथ सेलेनियम का लगभग 13 एमसीजी प्राप्त करेंगे।

मशरूम: मशरूम में भी तमाम पोषक तत्व होते हैं, जिसमें विटामिन डी, आयरन के अलावा इसमें 12 ग्राम सेलेनियम भी होता है।

​सेलेनियम के साइड डिफेक्ट

यह तो हम सभी जानते है कि कोई भी चीज अगर हमारे शरीर में जरूरत से ज्यादा पहुंच जाती है तो वे नुकसान पहुंचना शुरू कर देती है उसी तरह सेलेनियम के साथ भी ऐसा ही है। इसके अधिक सेवन से दस्त, थकान, बालों का झड़ना, जोड़ों में दर्द, स्किन प्रॉब्लम यानी त्वचा के रंग में बदलाव, नाखूनों की समस्या, उल्टी, सांसों में दुर्गंध और नसों में भी दर्द होने लगता है।