शरीर की बाहरी सफाई जितनी जरूरी है, उतना ही शरीर की आंतरिक सफाई महत्वपूर्ण है। शरीर में जमा गंदगी कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है। ऐसे में समय-समय पर शरीर को डिटॉक्स करने की जरूरत पड़ती हैं जिसका अर्थ हैं शरीर से टॉक्सिन पदार्थों को प्राकृतिक रूप से बाहर निकालना। लिवर और किडनी की मदद करने के लिए और उसे स्वस्थ्य बनाने के लिए डिटॉक्स किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति हमेशा हेल्दी डाइट नहीं खाता। कभी न कभी सभी लोग फ्राइड फूड, मिठाई और पैक्ड फूड खाते ही हैं। ऐसे में बॉडी में जाने-अनजाने कितने ही टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं। जब आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों की अधिकता हो जाती है तो आपका शरीर कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के जरिए इसका संकेत देता है। आज हम आपको उन संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दर्शाते हैं कि शरीर को डिटॉक्स की जरूरत हैं। आइये जानते हैं उन संकेतों के बारे में...
वजन कम ना होना करिश्मा शाह को अनुसार अगर आपको अपने बढ़े हुए वजन को घटाने में दिक्कत हो रही है तो आपको ये समझ जाना चाहिए कि आपकी बॉडी टॉक्सीन से भर चुकी है। सबसे पहले आपको अपनी बॉडी से टॉक्सीन पदार्थों को बाहर करने की जरूरत है और फिर वजन घटाने की जर्नी का शुरूआत करें। सबसे जरूरी बॉडी को क्लीन करने के लिए हेल्दी खाना बहुत जरूरी है। ये चीजें आपको वजन कम करने में मदद करेंगी।
मुंह और शरीर से बदबू आनाअगर आपके मुंह से बदबू आती है या पसीना निकलने के बाद शरीर से गंध आती है तो इसका एक बड़ा कारण आपके शरीर में मौजूद गंदगी है। जब आपके शरीर में बहुत अधिक विषाक्त पदार्थ इकट्ठा हो जाते हैं तो आपको बहुत अधिक पसीना आता है। साथ ही सांस भी बदबूदार आती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब शरीर से गंध निकलती है तो यह आपके भीतर से शुद्ध करने का काम करती है। आपने अक्सर देखा होगा कि कई बार आपको बहुत अधिक पसीना आता है, क्योंकि उस दौरान आपका शरीर विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की कोशिश करता है। अगर आप भी अक्सर इसका सामना करते हैं तो समझ लीजिए कि आपके शरीर को अब डिटॉक्सी की जरूरत है।
हर वक्त थकान महसूस होनाअगर आप दिनभर थकान महसुस होती रहती है जिसके चलते आपका रूटीन वर्क प्रभावित हो रहा है। इसे दूर करने में चाय-कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स भी कुछ खास काम नहीं आ रहे, तो हो सकता है आपकी बॉडी को डिटॉक्स की जरूरत हो। बॉडी को डिटॉक्स करने के कई तरीके हैं जिसमें से एक है हर्बल ड्रिंक्स का सेवन। जिससे शरीर की गहाई से सफाई हो जाती है। डिटॉक्सीफिकेसन के बाद बॉडी हल्की फील होती है और एनर्जी लेवल भी बढ़ जाता है।
कब्ज का होना बॉडी में फाइबर की कमी होने पर कब्ज होने लगती है। काफी देर में टॉयलेट में बैठने के बजाय इस समस्या का हल ढूंढें। बॉडी में फाइबर की कमी को पूरा करने के लिए खीरे का जूस व अन्य चीजें पिएं। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर बॉडी डिटॉक्स के तरीके अपनाएं।
सूजनसूजन तब होती है जब आपका पाचन तंत्र प्रोसेस्ड भोजन या उच्च चीनी और वसा वाले भोजन को पचाने में असमर्थ होता है। यह आपके पाचन तंत्र के स्वास्थ्य और आपकी इम्यूनिटी को प्रभावित करेगा। एक डिटॉक्स प्रोग्राम आपको विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और आपके आंत को फिर से स्वस्थ्य करने में मदद करेगा
ब्रेन फॉग की समस्याअगर आपको एकाएक याद्दाश्त से जुड़ी समस्या लग रही है या ध्यान केंद्रित करने में समस्या आती है, तो ऐसा बॉडी टॉक्सिन की वजह से भी हो सकता है। ब्लड में टॉक्सिन पदार्थ बनने से दिमाग में न्यूरोट्रांसमिशन प्रभावित होती है और ब्रेन फॉगिंग की समस्या होने लगती है।
नींद न आनाटॉक्सिक बिल्डअप मेलाटोनिन के स्तर को कम करके आपके प्राकृतिक चक्र में बाधा डालता है, जिससे शरीर को नींद आती है। आप देर तक जागेंगे और दिन में नींद में रहेंगे। डिटॉक्सिंग आपको शरीर की प्राकृतिक दिनचर्या को बहाल करने और बेहतर नींद लेने में मदद करेगा
चेहरे पर मुंहासे निकलनाज्यादातर त्वचा संबंधी समस्याएं शरीर में जमा गंदगी के कारण होती हैं। यह आपके रक्त को भी अशुद्ध करता है। त्वचा पर चकत्ते, कील-मुंहासे, दाग-धब्बे जैसी समस्याएं इस कारण ही होती हैं। साथ ही हार्मोन्स के असंतुलन के कारण भी त्वचा की कई समस्याएं होती हैं, जिसका एक बड़ा कारण शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स हैं। इसलिए अगर आप त्वचा की समस्याओं का सामना बहुत अधिक करते हैं तो यह शरीर को डिटॉक्स करने का समय है।