कोरोनाकाल: गर्भवती महिलाओं के लिए दोहरी चुनौती, इन बातों का रखें ध्यान और ऐसे करें केयर

कोविड-19 महामारी के चलते हर कोई कठिन दौर से गुजर रहा है। दिमाग को कई तरह की चिंताओं ने घेरा हुआ है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा मुश्किलें हैं क्योंकि उन्हें खुद के साथ अपने होने वाले बच्चे का भी ख्याल रखना है। इस समय डिलीवरी सहज तरीके से हो सके इसके लिए ये तरीके आजमाए जा सकते हैं।

तनाव को कम करना

इस वक़्त में किसी का भी तनाव लेना बिल्कुल स्वाभाविक है और इसके लिए हम पूरा दोष कोरोना वायरस को दे सकते हैं। हालांकि तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं होता है इसलिए सबसे पहले आप घर के अंदर रहने के दौरान सभी सलाह को मानें और सावधानियां बरतें जैसे कि नियमित रूप से साबुन से हाथ धोएं, अधिक प्रभावित होने वाली जगहों को छूने के बाद हाथों को सेनेटाइज़ करें, भीड़-भाड़ वाली जगह पर ना जाएं और लोगों से भी दूरी बनाकर रखें। तनाव को कम करने के लिए हल्के-फुल्के कंटेंट व फ़िल्में देखें, मनोरंजक किताबें पढ़ें, अपने दूसरे शौक़ पूरे करें, ताकि आप तनाव को दूर कर सकें।


डॉक्टर अपॉइन्टमेंट और मेडिकल केयर

एक स्वस्थ बच्चे के लिए मां का स्वस्थ रहना बहुत ज़रूरी होता है। यदि लॉकडाउन के दिनों में आपने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लिया है, तो बिना भूले और लापरवाही के अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ संपर्क में बनी रहें और अपने साथ होने वाले किसी भी बदलाव के बारे में उन्हें अवगत कराएं।

इस महामारी से निपटने के लिए चिकित्सकीय और स्वास्थ संस्थाएं पूरी ताक़त और लगन से लोगों की मदद कर रही हैं। हालांकि सभी हॉस्पिटल्स ने भीड़ जमा ना हो इसलिए आने वाले लोगों की एक संख्या तय की है, लेकिन किसी भी इमरजेंसी के समय जनरल फ़ीज़िशियन और मेडिकल एक्सपर्ट सेवा में मौजूद रहते हैं। हालांकि कोविड-19 से बचने का सबसे अच्छा तरीक़ा यह है कि आप अपने रेग्युलर मेडिकल रूटीन को अतिरिक्त सावधानियों के साथ फ़ॉलो करें।


डिलीवरी

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई परिवार होम-डिलीवरी करवाने का फ़ैसला कर रहे हैं। लेकिन अगर आपको लगे कि वे चीज़ें मौजूद नहीं हैं, जो बच्चे के जन्म के लिए ज़रूरी हैं तो आप इस तरह का फ़ैसला ना लें। अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क में रहें और यदि आप होम डिलीवरी करवाना चाहते हैं, तो उन्हें इस बात की जानकारी पहले से देकर रखें।

और इस बात का भी ध्यान रखें कि उस जगह पर मां-बच्चे की देखभाल के लिए सभी चिकित्सा संबंधी सामग्री उपलब्ध हो, जहां पर बच्चे का जन्म होने वाला हो। यदि आपकी गर्भावस्था में कोई कॉम्प्लिकेशन्स हैं, तो होम-डिलीवरी करवाना उचित नहीं होगा। आप जो भी फ़ैसला ले रही हैं, उसे ध्यान से लें, क्योंकि यह सिर्फ़ बच्चे के जन्म से नहीं बल्कि आपकी सेहत से जुड़ा हुआ फ़ैसला भी है।


क्या आप ख़तरे में नहीं हैं?

कोरोना वायरस के पिछले आंकड़ों के अनुसार, एसएआरएस और एमईआरएस की तरह ग्लोबल हेल्थ एक्सपर्ट का भी मानना है कि गर्भवती महिलाओं में कई सारी बीमारियां और संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। गर्भावस्था के दौरान, भ्रूण की रक्षा करने की वजह से शरीर की इम्यूनिटी स्वाभाविक रूप से कम हो जाती है, इसलिए महिलाओं में किसी भी संक्रमण के होने का ख़तरा अधिक होता है। इस समय यह कहना काफ़ी कठिन है कि यदि मां संक्रमित होती है, तो यह संक्रमण भ्रूण में स्थानांतरित हो जाएगा क्योंकि हाल के दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित जो भी महिलाएं मां बनी हैं उनमें से किसी भी बच्चे की रिपोर्ट कोविड-19 पॉज़िटिव नहीं पाई गई है।


डाइट ऐंड फ़िटनेस

गर्भावस्था के दौरान आपको अपनी डाइट और फ़िटनेस पर बहुत ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होती है। आप जो भी खाएंगी, वह आपके बच्चे को भी सीधे तौर पर प्रभावित करेगा, इसलिए ध्यान दें कि आपका खाना संतुलित हो और लिक्विड की मात्रा भी बिल्कुल सही हो। संक्रमण के ख़तरे से बचे रहने और शारीरिक रूप से फ़िट रहने के लिए घर के अंदर ही चलें और अपनी ऐक्टिविटी की योजना के बारे में अपने डॉक्टर को जानकारी देती रहें।