बच्चेदानी महिलाओं के शरीर का एक अहम अंग होता है। महिला के प्रजनन प्रणाली में बच्चेदानी की सबसे अहम भूमिका होती है। किसी भी महिला के लिए मां बनना बेहद खुशी का पल होता है। लेकिन समस्या तब आती है जब बच्चेदानी में सूजन आ जाती है। बच्चेदानी की सूजन को एंडोमेट्राइटिस कहते हैं। यह गर्भाशय की ऐसी स्थिति है, जिसमें संक्रमण की वजह से बच्चेदानी में सूजन आ जाती है। यूट्रस या बच्चेदानी में सूजन की समस्या वर्तमान में महिलाओं में बहुत अधिक देखी जा रही है। यह महिलाओं में इनफर्टिलिटी के मुख्य कारणों में से एक है। अगर समय पर बच्चेदानी में होने वाली सूजन का इलाज न किया जाए, तो यह कैंसर का रूप ले सकता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बच्चेदानी के सूजन की समस्या को दूर करने में मदद करेंगे। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
नारियल पानी
जिन महिलाओं की बच्चेदानी में सूजन की समस्या हो वे रोजाना नारियल पानी पी सकती हैं। इससे उन्हें लाभ होगा। नारियल पानी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और इसमें एंटीबायोटिक गुण भी पाए जाते हैं। नारियल पानी की ये सभी खूबियां और पोषक तत्व यूट्रस में होने वाले संक्रमण और उसके लक्षणों से आराम मिलता है।
कासनी की जड़कासनी की जड़ को 6-6 ग्राम गुलबनफ्सा व वरियादी, 5 ग्राम गावजवां और तुख़्म कसूम व 6 ग्राम बारीक पीसी मुनक्का के साथ, 1 गिलास पानी नियमित रूप से पीने से बच्चेदानी की सूजन में राहत मिलती है।
अजवाइन यूट्रस से जुड़ी समस्याओं से आराम पाने के लिए अजवाइन का सेवन भी बहुत लाभकारी माना जाता है। अजवाइन इंफ्केशन के लक्षणों को कम करता है और इससे यूट्रस में होनेवाली सूजन भी काफी हद तक कम होती है। बच्चेदानी की सूजन कम करने के लिए एक गिलास पानी में 2 चम्मच अजवाइन के कच्चे बीज डालें। अब इसे रातभर ढंककर रख दें। अगले दिन सुबह इस पानी को छानकर पी जाएं।
बादाम यह तो आप जानते ही हैं कि बादाम आपकी सेहत बनाने के साथ ही दिमाग को भी तेज करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ये बच्चेदानी की सूजन में भी लाभकारी होते हैं। इसके लिए एक चम्मच बादाम रोगन, तीन चम्मच शरबत बनफ्सा और खांड को पानी में मिलाकर सुबह-सुबह पिएं। साथ ही एक रुई के फ़ोहे को बादाम रोगन में भिगाकर जननांग के मुंह पर रखें।
अरंडी का तेलएंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल कई वर्षों से किया जा रहा है। इस तेल के इस्तेमाल से ऐंठन की परेशानी को दूर किया जा सकता है। अगर आप बच्चेदानी की सूजन से राहत पाना चाहते हैं, तो अरंडी के तेल से अपने पेट की मालिश करें। यह तेल पेल्विक मांसपेशियों को आराम दिलाने में असरदार होता है। बेहतर रिजल्ट के लिए आप इस तेल में लैवेंडर तेल को मिक्स करके लगाएं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
पेल्विक मसाजबच्चेदानी में सूजन या बल्की यूटरस में होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए आप पेल्विक मसाज करवा सकते हैं। यह मासिक धर्म के दौरान होने वाले पेट और पीठ हिस्सों में होने वाले दर्द को कम करने में प्रभावी रहता है। अगर ऐसा है तो मासिक धर्म शुरु होने से पहले ही आप पेल्विक मसाज करवा ले।
हल्दीबच्चेदानी की सूजन को कम करने के लिए हल्दी काफी प्रभावी घरेलू उपायों में से एक है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। रिसर्च में देखा गया है कि हल्दी एस्ट्रोजन के एक रूप एस्ट्राडियोल को रोक सकती है। यह बच्चेदानी के सूजन को प्रभावी ढंग से कम करने में असरदार हो सकती है। हल्दी की खुराक कैप्सूल के रूप में ले सकते हैं। इसके अलावा, हल्दी की चाय या फिर अपने नियमित आहार में भी आप हल्दी को शामिल कर सकते हैं। इससे बच्चेदानी की सूजन को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है।
अदरक की चायबच्चेदानी की सूजन होने पर कुछ लोगों को मतली का अनुभव होता है। इस स्थिति में अदरक की चाय महिलाओं के लिए लाभकारी हो सकती है। रिसर्च में देखा गया है कि अदरक की चाय बच्चेदानी की सूजन में प्रभावी और सुरक्षित साबित हो सकती है। आप कई सुपरमार्केट और किराना स्टोर से अदरक की चाय का पैकेट खरीद सकते हैं। इसके अलावा, आप 1 मध्यम आकार के अदरक के टुकड़े को पानी में उबालकर पिएं। इससे आपको मतली की परेशानी से काफी लाभ मिलेगा। दिन में तीन बार अदरक की चाय का सेवन करने से मतली से आराम मिल सकता है।
चिरायताचिरायता भी औषधीय गुण वाला होता है। चिरायते के पानी से योनि को धोकर पानी में पिसे हुये चिरायते का लेप, पेट और योनि पर करने से गर्भाशय की सूजन से राहत मिलती है।