बच्चे हो या बड़े सभी को सताती हैं दस्त की समस्या, आजमाए ये 10 घरेलू नुस्खें

दस्त या लूज़ मोशन की बीमारी किसी को भी हो सकती है। बच्चे हो या बड़े सभी को कभी ना कभी इसका सामना करना ही पड़ता हैं। सर्दी-जुकाम के साथ-साथ बच्चों में दस्त भी एक आम समस्या है। नवजात शिशुओं का मल पतला ही निकलता है, लेकिन दस्त के दौरान यह पानी की तरह निकले लगता है। दस्त ज्यादा दिनों तक नहीं रहता, लेकिन यह शरीर से बड़ी मात्रा में तरल निकाल देता है और शरीर को पूरी तरह कमजोर कर देता है। अगर समय पर दस्त को नहीं रोका गया तो हॉस्पिटल जाने की नौबत भी आ सकती है। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे घरेलू नुस्खें लेकर आए हैं जिनसे दस्त की समस्या से निजात पाई जा सकती हैं। आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में...

नींबू-अदरक का रस

नींबू के रस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह शरीर को तुरंत पोषक तत्व देकर खोए हुए पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। अदरक में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह जर्म्स को खत्म कर पाचन तंत्र में सुधार करता है। यह आंतों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। आधा इंच धुला अदरक लें। इसे अच्छी तरह क्रश कर लें। मूसल की मदद से इस पीस लें। पीसने के बाद हाथ से जोर से दबाकर इसके अंदर से रस निकाल लें। इस रस में आधे नींबू का रस और चुटकी भर नमक मिलाएं। इन्हें गुनगुने पानी से अच्छी तरह मिला लें।

मेथी दाना

मेथी के दाने बहुत गरम होते हैं जिसके कारण इसे दस्त के इलाज में बहुत फायदेमंद माना जाता है। आमतौर पर मेथी के दानों के सेवन से कई लोगों को कब्ज की शिकायत होती है। अतः इसका इस्तेमाल दस्त से निजात पाने के लिए किया जाए तो यह विपरित दिशा में काम करेंगे। इसके लिए आप दिन में 2-3 बार एक चम्मच भिगोए हुए मेथी के दानों को एक कप दही में मिलाकर खाएं।

दही-चावल

हमारे यहां दही चावल बहुत चाव से खाए जाते हैं। यह न सिर्फ भूख बढ़ाने में मददगार है बल्कि पाचन क्रिया को भी बेहतर करता है। यह अपने आप में एक पूरा मील है, इसे खाकर आप अपना पेट भी भर सकते हैं। जब भी बच्चे को दस्त लगे, दही-चावल उसे जरूर दें। पके चावल में पर्याप्त मात्रा में दही लें। इन्हें अच्छी तरह हाथ से मिला लें। तब तक मिलाती रहें जब तक कि नर्म न हो जाए। इसमें सरसों के दाने, मेथी दाने और धनिया के दाने के सहित नमक मिलाकर डालें। इसके स्वाद को बेहतर करने के लिए आप अनार के कुछ दाने भी डाल सकती हैं।

केला

केले में मौजूद पेक्टिन पेट को बांधने का काम करता है। इसमें मौजूद पोटैशियम की उच्च मात्रा भी शरीर के लिए फायदेमंद होती है। इस समस्या से राहत पाने के लिए आप काले नमक के साथ केले का सेवन कर सकते हैं।

कचनार

कचनार फूलों की दो-तीन कली लेकर महीन पीस लें। इसे चीनी के शर्बत में मिलाकर, रोज सुबह-शाम 2 से 3 बार खाने के पहले, या बाद लें। इससे बार-बार दस्त आने की शिकायत भी खत्म हो जाती है।

सौंफ और अदरक

सौंफ और अदरक पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं। ये शिशु और गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित हैं। आप एक कप गर्म पानी में 20 मिनट के लिए बारिक कटा हुआ आधा चम्मच अदरक व सौंफ क्रश करके डालें और बच्चे को पिलाएं।

जीरा पानी

जीरा पानी बच्चे के लिए ओआरएस की तरह काम करता है। यह दस्त को नियंत्रित करने में कारगर है और बच्चे की पाचन शक्ति को बेहर कर उसकी भूख बढ़ाने के लिए भी सहायक है। एक चम्मच जीरा को क्रश कर पाउडर जैसा बना लें। जीरा पाउडर को पीने के पानी में उबालें। उबला पानी ठंडा होने पर पिएं।

सेब

रोजाना एक सेब खाना सेहत के लिए बहुत जरूरी है। सेब में पेक्टिन होता है। यह बच्चे के पेट को साफ रखने में मदद करता है। सेब को धो लें। इसे पानी में उबाल लें। उबले सेब की प्यूरी बना लें। बच्चा इसे आसानी से पचा पायेगा। यह न सिर्फ दस्त को ठीक करेगा बल्कि बच्चे को एनर्जी भी देगा। बच्चे के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए एक सेब नियमित खिलाएं।

छाछ

बैक्टीरिया और जर्म्स से लड़ना है तो छांछ जरूर पिएं। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को तुरंत ठीक करता है। इसके अलावा यह पीने में इतना स्वादिष्ट होता है कि बच्चा इसे निःसंदेह काफी चटकारे लगाकर पिएगा। आप बच्चे को छांछ में नमक और काली मिर्च का पाउडर डालकर दें। वह इसे इंज्वाॅय करेगा। छाछ आठ माह से ज्यादा उम्र के बच्चे को ही दें।

मुरमुरे

दस्त से निजात दिलाने के लिए आप बच्चे को मुरमुरे भी दे सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक कोटरा भरकर मुरमुरे डालें। करीब 15-20 मिनट बाद मुरमुरे को छानकर अलग कर दें और पानी बच्चे को दिन में दो बार दें।