इंसुलिन से कम नहीं ये 11 जड़ी-बूटियां, कंट्रोल में रखती है ब्लड शुगर

मधुमेह दो प्रकार के होते हैं- टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार मधुमेह भारत में रफ्तार से बढ़ रहा है। अनुमानित तौर पर 20 और 70 वर्ष के आयु वर्ग के 8.7% आबादी डायबिटीज से पीड़ित है। इसका मुख्य कारण है गतिहीन जीवन शैली, अस्वास्थ्यकर आहार, मोटापा और तंबाकू का उपयोग। WHO के मुताबिक आने वाले समय में ये बीमारी मौत की 7वीं सबसे बड़ी वजह बन सकती है। अगर इसे कंट्रोल नही किया जाए तो किडनी फेलियर की समस्या, मोटापा, कम समय में ज्यादा थकान और स्ट्रोक जैसी परेशानी मौत को बुलावा दे सकती हैं। मधुमेह का कोई इलाज नहीं है। इसे दवा और व्यायाम या योग करके कंट्रोल में रखा जा सकता है। साथ ही कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां भी है जिनकी मदद से ब्लड शुगर को कम किया जा सकता है। तो चलिए आज हम आपको उन जड़ी-बूटियों के बारे में बताने जा रहे है...

​डायबिटीज के लक्षण

- ज्यादा प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
- बहुत भूख लगना
- अचानक से वजह घटना या बढ़ जाना
- थकान
- चिड़चिड़ापन
- आंखों के आगे धुंधलापन
- घाव का जल्दी न भरना
- स्किन इंफेक्शन
- ओरल इंफेक्शन्स
- वजाइनल इंफेक्शन्स

गिलोय

गिलोय का दूसरा नाम गुडूची भी है। इसका तासीर गर्म होता है। स्वाद में कड़वी लगने वाले इस जड़ी बूटि इम्युनिटी, अस्थमा, सर्दी-जुकाम, एनीमिया, पीलिया समेत कई सारी बीमारियों में अमृत की तरह काम करती है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण ब्लड में शुगर की मात्रा को कम करने का काम करता है जिसके वजह से यह डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

आंवला

आंवला स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत लाभकारी होता है। आंवला मधुमेह को कंट्रोल करने में भी मददगार है। आंवले में क्रोमियम नामक खनिज पदार्थ होता है जो कि कार्बोहाइड्रेट के पाचन में मदद करता है और शरीर ब्‍लड शुगर को ठीक रखने के लिए इंसुलिन के प्रति ज्‍यादा क्रियाशील बनता है। आंवले में पॉलीफेनोल होते हैं जो कि हाई ब्‍लड शुगर से होने वाले ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस से शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं। आंवला शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक क्रियाशील बनाता है जिससे इंसुलिन का अवशोषण बढ़ जाता है और ब्‍लड शुगर लेवल में गिरावट आती है। ब्‍लड शुगर लेवल को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करने का सबसे सुरक्षित तरीका है आंवले का जूस।

हल्दी

डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक होती है हल्दी। हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक होता है। यह ग्लाइसीमिया को कम करता है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को रोजाना सुबह में नाश्ते के वक्त हल्दी युक्त दूध का सेवन करना चाहिए।

सहजन या शिग्रु

सहजन या शिग्रु के पत्तों में क्वेरसेटिन होता है जो एक एंटीऑक्सिडेंट है जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। सहजन या शिग्रु में पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड शरीर को शुगर को बेहतर तरीके से संसाधित करने में मदद कर सकता है और इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है।

त्रिकटु

यह तीन जड़ी-बूटी काली मिर्च, पिप्पली और सूखे अदरक को मिलाकर तैयार किया जाता है। यह मसाले एंटीडायबिटिक गुणों से भरपूर होते हैं। साथ ही चयापचय में भी सुधार करने का काम करते हैं। त्रिकटु चूर्ण डायबिटीज में भी फायदेमंद है। विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज के लिए। शदह और त्रिकटु को मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से पेट सही रहता है और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। बेहतर फायदे के लिए त्रिकटु को गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार सुबह खाली पेट और रात को सोते समय पिएं।

​नीम

नीम एक औषधीय पेड़ होता है। इसके औषधीय गुण सांप के जहर को उतारने से लेकर डायबिटीज समेंत कई तरह के रोगों में फायदेमंद होता है। नीम में एंटी-हाइपरग्लिसेमिक गुण मौजूद होता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने मददगार साबित होता है। नीम के अलावा मधुनाधिनी / गुडमार कुछ ऐसे कड़वे औषधी हैं जो शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं।

मंजिष्ठा

मंजिष्ठा मंजीठ नाम के पौधे की जड़ को कहते हैं। इसमें एंटी वायरल, एंटी कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। मंजिष्ठा के सेवन से दिल संबंधी बीमारी, डायबिटीज, वजन कम करने और कैंसर तक को दूर करने में मदद मिलती है। एक्सपर्टस के मुताबिक, मंजिष्ठा में एंटी डायबिटीक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर को कम करने में कारगर होते है। इसके साथ ही मंजिष्ठा से ट्राइग्लाइसराइड और सीरम कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल रहता है, जिससे डायबिटीज को कम करने में फायदा मिलता है।

बेलपत्र

बेलपत्र सेहत के लिए बेहद गुणकारी है। बेलपत्र एंटीऑक्सीडेंट और पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। विटामिन ए, विटामिन सी, राइबोफ्लोबिन, कैल्शियम, पोटैशियम, फाइबर, विटामिन बी1, बी6, बी12 आदि प्रकार की जरूरी चीजें इसमें होती हैं, जो कई प्रकार की बीमारियों में रामबाण दवा है। खासकर डायबिटीज के लिए बेलपत्र दवा माना जाता है। इसमें भारी मात्रा में लैक्सटिव गुण पाए जाते हैं, जो पर्याप्त इंसुलिन बनाने में सहायक होते हैं। इस कारण ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं।

अश्वगंधा

अश्वगंधा इंसुलिन के उत्पादन और इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित करके मधुमेह रोगियों की मदद कर सकता है। उनके अनुसार, अश्वगंधा का अर्क ब्लड स्ट्रीम में इंसुलिन के स्त्राव को उत्तेजित करता है बल्कि शुगर लेवल को भी कम कर सकता है। यह खासतौर से टाइप टू डायबिटीज वाले लोगों के लिए प्रभावी है। अश्वगंधा की जड़ या पूरे पौधे से मिलने वाली अश्वगंधा पाउडर के रूप में या फिर कैप्सूल में सप्लीमेंट के रूप में मिल जाती है।

​त्रिफला

त्रिफला तीन फल या जड़ी-बूटियों को समान मात्रा में मिलाकर तैयार किया जाता है। यह आंवला, बहेड़ा और हरड़ को मिश्रण होता है। यह वजन घटाने से लेकर डायबिटीज तक कई तरह की बीमारियों में सहायक होता है। इसके अलावा त्रिफला, मंजिष्ठा और गोक्षुरा लीवर और किडनी के लिए भी अद्भुत डिटॉक्सिंग जड़ी बूटी हैं।

दालचीनी

दालचीनी ब्लड शुगर को कम करने, साथ ही इंसुलिन के प्रभाव की नकल करके और कोशिकाओं में ग्लूकोज परिवहन को बढ़ाकर डायबिटीज से लड़ने में मदद कर सकती है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को कम करने में भी मदद कर सकता है। जिससे यह इंसुलिन कोशिकाओं में ग्लूकोज को स्थानांतरित करने में अधिक कुशल होता है।