वजन कम करना आज के समय में जरूरत बन गया है क्योंकि बढ़े हुए वजन की वजह से बहुत सी बीमारियां होने लगती हैं। अधिकतर लोग अपने बढ़े हुए वजन से परेशान हैं और जितनी जल्दी हो सके वजन कम करना चाहते हैं। ऐसे में कई लोग जल्दी मिलने वाले रिजल्ट के पीछे भागते हैं। कुछ लोगों को वजन घटाने की इतनी जल्दी होती है कि वे चाहते हैं कि 10 दिनों के अंदर ही दो-चार किलो शरीर की चर्बी कम हो जाए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तेजी से वजन घटाने की यह जिद आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती हैं। वजन कम करने का मतलब सिर्फ दुबला नजर आना नहीं होता, बल्कि आपका फिट होकर एक हेल्दी जीवन जीना भी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आप बहुत जल्दी वजन कम करते हैं तो स्वास्थ्य के लिए कौनसे जोखिम भी पैदा कर सकते है।
घटने लगता हैं मांसपेशियों का वजनअक्सर हम क्विक वेट लॉस के चक्कर में मांसपेशियों का वजन कम करते हैं और वॉटर लॉस करते हैं, जिससे हम यह सोचते हैं कि इनके कारण हमारे शरीर की जिद्दी चर्बी दूर हो रही है। लेकिन बता दें कि जब फैट बर्न होता है तो इसमें समय लगता है फैट बर्न होने के बाद यह जिद्दी फैट शरीर में दोबारा लौट के नहीं आता। जबकी मसल्स और वाटर लॉस शरीर का वजन कम होने का अनुभव होता है।
मेटाबॉलिज्म हो सकता है धीमातेजी से वजन तब कम होता है जब आप अपने खान पान की मात्रा को आधे से भी कम कर देते हैं और इस वजह से आपका मेटाबॉलिज्म काफी धीमा हो जाता है। जब हमारे शरीर को कम खाना मिलता है तब वह स्टार्वेशन मोड में चला जाता है। इस मोड में शरीर में एनर्जी बचाने के लिए आपका मेटाबॉलिज्म काफी धीमा होता चला जाता है। इससे खाना पीना शुरू करते ही आपका वजन पहले से भी ज्यादा बढ़ जाता है।
डिहाइड्रेशनकई वेट लॉस डाइट से शरीर में डिहाइड्रेशन हो जाता है। शरीर में पानी की कमी होने से कब्ज, सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और एनर्जी की कमी होने लगती है। साथ ही स्किन भी अधिक ड्राई हो जाती है।
पोषक तत्वों की कमीअगर कोई नियमित रूप से कैलोरी नहीं लेगा, तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगेगी। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कम कैलोरी वाले आहार लेने से शरीर जरूरी पोषक तत्व जैसे - आयरन, फोलेट और विटामिन-बी12 को अवशोषित नहीं कर पाता है।
पित्ताशय की पथरीपित्ताशय की पथरी यानी गॉलस्टोन। इसमें पित्ताशय की थैली के अंदर कठोर टुकड़े होते हैं, जो गंभीर दर्द पैदा कर सकते हैं। पित्ताशय की पथरी तेजी से वजन कम करने का एक दुष्प्रभाव हो सकता है। दरअसल, पित्ताशय वसायुक्त भोजन को तोड़ने के लिए पाचक रस छोड़ता है, ताकि इसे पचाया जा सके। वहीं, जब कोई व्यक्ति सही मात्रा में खाना नहीं खाता है, तो पित्ताशय की थैली से पाचक रस नहीं निकलता है। पित्त पथरी तब बनती है, जब पाचक रस के अंदर पदार्थ जमा हो जाते हैं।
त्वचा पर असररैपिड वेट लॉस के कारण आपकी ओवरऑल हेल्थ पर ही नहीं आपकी स्किन पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। जितनी तेजी से आप वजन कम करते हैं उतनी तेजी से आपकी स्किन सिकुड़ती नहीं। जिसकी वजह से वह लटक जाती है। दरअसल जल्दी वजन घटाने या बढ़ने से स्किन इलास्टिसिटी पर असर पड़ता है और वह इस प्रक्रिया में काम करना बंद कर देती है और फिर आपकी स्किन डल और बीमार लगने लगती है।
वजन कम करने का क्या है सही तरीकाहेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि तेजी से वजन कम करने की बजाय एक सही गति या फिर धीमी गति से वजन कम करना शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है। एक हफ्ते में 400 ग्राम से एक किलो वजन घटाना काफी होता है। यानी आपकी डाइट, एक्सरसाइज और वेट लॉस के अन्य प्रयास इस तरह होने चाहिए कि एक सप्ताह में आप 400 ग्राम से एक किलो वजन घटा सकें। इससे ज्यादा वजन घटाने की कोशिशें आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।